1- देश में बढ़ते कोरोना मामलों ने आज सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं, कल बुधवार को 24 घंटे में कोरोना के रिकॉर्ड 3 लाख 15 हजार 552 मामले दर्ज किए गए हैं। जबकि संक्रमित मरीजों में कल 24 घंटे में 2 हजार से ज्यादा की मौत हुई। वहीं महाराष्ट्र में कोरोना मामलों में कमी न आने की वजह से पूरा राज्य में कंप्लीट लॉकडाउन की घोषणा की गई है। महाराष्ट्र में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 67 हजार 468 नए मामले सामने आए हैं और 568 मरीज़ों की मौत हुई है, बुधवार को लगाया गया ये लॉकडाउन 1 मई तक लागू रहेगा। बढ़ते कोरोना मामलों के बीच कारण अभियान भी तेजी से चल रहा है और इस बीच बिहार सरकार ने ऐलान किया है कि 18 साल और इससे ऊपर के सभी बिहार वासियों का टीकाकरण मुफ्त किया जाएगा। वहीं कोरोना से जंग के बीच चुनावी दौर भी जारी है, जिसके तहत आज बंगाल में छटे चरण का मतदान हो रहा है। जिसमें कड़े सुरक्षा इंतजामों के बीच आज चार जिलों की 43 विधानसभा क्षेत्रों में वोटिंग हो रही है और 306 प्रत्याशी मैदान में हैं।
2- दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गुजारिश पर केन्द्र सरकार ने दिल्ली के लिए ऑक्सीजन का कोटा बढ़ा दिया है। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने खुद ट्वीट कर इसकी जानकारी दी और केन्द्र सरकार का आभार भी व्यक्त किया। उन्होंने ट्वीट किया “Central govt has increased Delhi’s quota of oxygen. We r very grateful to centre for this.” आपको बता दें कि मंगलवार को दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने केंद्र सरकार से गुजारिश की थी कि दिल्ली के अस्पतालों में अब कुछ ही घंटे का ऑक्सीजन स्टॉक बचा है, इसलिए केंद्र सरकार जल्द से जल्द राजधानी में ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ाए। स्थिति को देखते हुए केंद्र सरकार ने दिल्ली का ऑक्सीजन कोटा बढ़ाकर रोजाना 480 मेट्रिक टन कर दिया है जो पहल 378 मेट्रिक टन रोजाना था। आपको बता दें कि ऑक्सीजन की सप्लाई में बाधा उन कंटेनर्स की वजह से भी आ रही है, जिनमें भरकर ऑक्सीजन जरूरत की जगह पर पहुंचाई जाती है, इसके लिए वायुसेना आगे आई है, और ऑक्सीजन कंटेनर विदेशों से एयरलिफ्ट करके भारत पहुंचाए जा रहे हैं, ताकि वक्त पर ऐसे राज्यों में ऑक्सीजन पहुंच जहां इनकी कमी हो रही है। इसके साथ ही अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी को पूरा करने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट ने केन्द्र से कहा है कि मरीजों की जान उद्योगों से ऊपर है
इसलिए उद्योगों की ऑक्सीजन सप्लाई रोककर तुरंत अस्पतालों को ऑक्सीजन मुहैया कराई जाए।
3- देश में बढ़ते कोरोना मामलों के बीच संक्रमित रोगियों के परिजनों के बीच ज्यादा दहशत का माहौल है। एक तरफ ऑक्सीजन की कमी और दूसरी तरफ कोविड के इलाज में इस्तेमाल हो रही रेमेडिसिवर इंजेक्शन की मारामारी चारों सफ नजर आ रही है। इस बीच देश तीन जानेमाने डॉक्टर्स ने कोरोना से जुड़े कई अहम मुद्दों पर कुछ जरूरी सुझाव लोगों दिए हैं। दिल्ली एम्स के डायरेटर डॉक्टर रणदीप गुलेरिया, मेदांता अस्पताल के चेयरमैन डॉक्टर नरेश त्रेहन और बेंगलुरू से नारायणा हेल्थ के चेयरमैन डॉक्टर देवी शेट्टी ने फेसबुक लाइव के जरिए करीब आधे घंटे बातचीत में कहा कि समझदारी से काम लेंगे तो दवा और ऑक्सीजन किसी की कमी नहीं होगी। रेमेडिसिविर की मारामारी पर डॉ. नरेश त्रेहन ने कहा कि रेमडेसिविर कोई रामबाण नहीं है, ये सिर्फ़ संक्रमित व्यक्ति में वायरल लोड को कम कर देता है. और यदि मरीज को ऑक्सीजन की जरूरत नहीं है तो सिर्फ अहतियात तौर पर ऑक्सीजन का इस्तेमाल न करें। डॉ. देवी शेट्टी ने कहा कि अगर आपको कोरोना के लक्ष्ण महसूस हों तो घबराएं नहीं सबसे पहले उसकी जाँच कराएं, और अगर पॉज़िटिव हैं। लेकिन लक्षण नहीं हैं या कम हैं तो डॉक्टर की सलाह लें और होम आइसोलेशन में रहें। डॉटर रणदीप गुलेरिया ने कहा कि सिर्फ़ 15 फ़ीसद लोगों को दवाओं की ज़रूरत पड़ती है और जिन लोगों को दवाएं दी जाती हैं उनको भी समझना होगा कि रेमडेसिविर कोई मैजिक बुलेट नहीं है। साथ ही डॉक्टर्स ने ये भी कहा कि ऑक्सीजन इसेमाल जरूरत के हिसाब से हो तो कमी नहीं पड़ेगी। वैक्सीन के बारे में डॉक्टर गुलेरिया ने कहा कि कोविड वैक्सीन, बीमारी को गंभीर होने से रोकती है, इन्फेक्शन से नहीं बचाता। इसलिए ये समझना जरूरी है कि वैक्सीन लेने के बाद भी आप कोविड पॉजिटिव हो सकते हैं तो वैक्सीन के बाद भी मास्क पहनें, हाथों को कुछ देर पर साबुन से धोते रहें।
4- भारत में टीकाकरण में इस्तेमाल हो रही वैक्सीन कोवेक्सीन और कोविशील्ड को लेकर ICMR यानि इंडियन काउंसिल ऑफ़ मेडिकल रिसर्च ने दावा किया है कि ये वैक्सीन संक्रमण को रोकने में प्रभावशाली है। कोवेक्सीन और कोविशील्ड को लेकर ICMR ने एक डेटा जारी किया है जिसमें कहा गया है कि कोवैक्सीन की दोनों डोज़ ले चुके लोगों में से सिर्फ़ 0.04 फ़ीसदी लोग ही कोरोना संक्रमित हुए हैं, वहीं कोविशील्ड को लेकर भी कहा गया है कि इसकी डोज ले चुके लोगों में ये आंकड़ा सिर्फ 0.03 प्रतिशत है। ICMR के महानिदेशक डॉक्टर बलराम भार्गव ने कहा कि इस वैक्सीन को लेने के बाद 10 हज़ार लोगों में से सिर्फ़ 2-4 लोग ही कोरोना संक्रमित हो रहे हैं। आपको बता दें कि इस समय भारत में चल रहे कोरोना वैक्सीनेशन प्रोग्राम में कोवैक्सीन और कोविशील्ड वैक्सीन ही लोगों को दी जा रही हैं। ICMR मुताबिक़ भारत में अभी तक 1.1 करोड़ लोगों को कोवैक्सीन की डोज दी गई है, इनमें से 93 लाख लोगों ने पहली डोज़ ली है जिनमें से 4208 लोग कोरोना संक्रमित हुए हैं, जबकि दूसरी डोज़ लेने वाले 17 लाख लोगों में से केवल 695 लोग ही कोरोना संक्रमित हुए हैं। इसी तरह कुल 11.4 करोड़ लोगों को कोविशील्ड वैक्सीन दी गई है, जिनमें 10 करोड़ लोगों को पहली डोज़ दी है, पहली डोज लेने वालों में 17 हजार 145 लोग कोरोना संक्रमित हुए वहीं दूसरी डोज़ लेने वाले क़रीब डेढ़ करोड़ लोगों में 5014 लोग कोरोना संक्रमित हुए हैं।
5- देश में उत्पादन होने वाली कोरोना वैक्सीन की 50 फीसदी डोज जहां केन्द्र सरकार लेगी तो वहीं 50 फीसदी डोज प्राइवेट अस्पताल और राज्य सरकारें सीधें खरीद सकेंगी, लेकिन वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों को इससे पहले कीमतों की घोषणा करने के लिए कहा गया, जिसके बाद सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिय़ा ने कोविडशील्ड वैक्सीन की कीमतों का ऐलान किया है। कंपनी ने कहा कि राज्य सरकारों को कोविडशील्ड वैक्सीन जहां 400 रुपये की मिलेगी तो वहीं प्राइवेट अस्पतालों को इसके लिए 600 रुपये चुकाने होंगे। जबकि यही वैक्सीन केन्द्र को 150 रुपये में दी जाएगी। यानि आने वाले कुछ दिनों में प्राइवेट हॉस्पिटल्स में वैक्सीन के दामों में इजाफा होगा। सीरम इंस्टीटयूट के सीईओ अदार पूनावाला ने कहा कि सरकार के निर्देशों के बाद कंपनी ने वैक्सीन की कीमत तय की हैं और दुनिया की दूसरी वैक्सीनों की कीमत के मुकाबले भारत में वैसीन की मत बहुत ज्यादा नहीं है, चाइनीज और रशियन वैक्सीन जहां 750 रुपये से ज्यादा की हैं तो वहीं अमेरिकी वैक्सीन्स दाम
1500 रुपये से भी ज्यादा है। अभी सरकारी अस्पतालों में ये वैक्सीन जहां मुफ्त लगाई जा रही है तो वहीं प्राइवेट अस्पतालों में इसके लिए 250 रुपये चुकाने पड़ रहे हैं। अब 1 मई से शुरु होने वाले टीकाकरण के अगले चरण में 18 साल से ज्यादा उम्र के सभी लोग वैक्सीन लगवा सकेंगे जिसके लिए प्राइवेट हॉस्पिटल्स, राज्य सरकारें और निजी उद्योग सीधें कंपनी से ये वैक्सीन खरीद सकेंगे।