1- कोरोना महामारी की दूसरी लहर में हर दिन लाखों लोग इसकी चपेट में आ रहे हैं और पॉजिटिव लोगों की हर दिन बढ़ती संख्या हेल्थ सिस्टम पर दबाव बढ़ाती जा रही है। कल रविवार को भी देशभर में रिकॉर्ड 2 लाख 71 हजार 204 नए मामले सामने आए और इस साल में पहली बार 24 घंटे में 1570 लोगों ने इस महामारी के चलते अपनी जांन गंवाई। सालभर से ज्यादा वक्त से देश में पैर पसारने वाली इस महामारी से अबतक डेढ़ करोड़ से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं, हां इसमें 1 करोड़ 29 लाख 47 हजार 297 लोगों ने बीमारी पर फतह भी पाई है लेकिन वहीं 1 लाख 78 हजार 743 लोगों ने अबतक अपनी जिन्दगी भी खोई है। देश में इश वक्त 19 लाख 21 हजार 738 एक्टिव केस हैं, जिनमें सबसे बुरी स्थिति मे है महाराष्ट्र। यहां 24 घंटे में कल 68 हजार 631 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हुई है वहीं 503 लोगों की मौत हुई है। महाराष्ट्र में इस वक्त 6 लाख 70 हजार से ज्यादा एक्टिव मरीज हैं। हर दिन बिगड़ती स्थिति को देखते हुए केन्द्र व राज्यें ससरकारें फिर से पाबंदियां भी लगा रही हैं ताकि इस रफ्तार पर काबू पाया जा सके, लेकिन पाबंदियों के बीच केन्द्र ने राज्य सरकारों को ये निर्देश भी दिए हैं कि नाइट कर्फ्यू, लॉकडाउन और दूसरी तमाम पाबंदियों के बीच वैक्सीनेशन कमजोर नहीं पड़ना चाहिए। वैक्सीन लेने के लिए वैक्सीनेशन सेंटर तक पहुंचने में पाबंदियों के दौरना लोगों को कोई दिक्कत न हो, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को कोविड वैक्सीन देकर संक्रमण से सुरक्षित करना संभव हो सके।
2- देश में संक्रमितों की संख्या जितनी तेजी से बढ़ रही है, वैक्सीनेशन प्रोग्राम भी उतनी ही तेजी से जारी है, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों को कोविड वैक्सीन देकर संक्रमण से बचाव संभव हो सके। आपको बता दें कि वैक्सीनेशन के मामले में भारत, अमेरिका और चीन को पीछे छोड़ पहले नंबर पर पहुंच गया है। देश में 92 दिनों में 12 करोड़ 26 लाख से ज्यादा लोगों का वैक्सीनेशन किया जा चुका है। इस आंकड़े तक पहुंचने में अमेरिका को 97 दिन और चीन को 108 दिन लगे, लेकिन भारत ने 92 दिनों में ये आंकड़ा पर किया है। इतना ही नहीं रोजाना हो रहे टीकाकरण के मामले में भी भारत पहले नंबर पर बना हुआ है। भारत में रोजाना औसतन 38,93,288 टीके लगाए जा रहे हैं। जबकि वैक्सीनेशन के मामले में दूसरे नंबर पर अमेरिका है। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक चार राज्यों उप्र, गुजरात, महाराष्ट्र और राजस्थान में एक-एक करोड़ से ज्यादा लोगों का वैक्सीनेशन हो का है। कोरोना महामारी को मात देने के लिए वैक्सीनेशन प्रोग्राम को और तेज कर दिया गया है और इसके लिए देश में कुल 60.057 वैक्सीनेशन सेंटर बनाए गए हैं।
3- देश के कई राज्यों में ऑक्सीजन बढ़ती मांग के बाद ऑक्सीजन की फास्ट सप्लाई के लिए रेलवे ऑक्सीजन एक्सप्रेस के जरिए जरूरतमंद राज्यों तक ऑक्सीजन भेजेगी। आज ऑक्सीजन एक्सप्रेस महाराष्ट्र से खाली सिलेंडर्स के साथ रवाना होगी फिर विशाखापट्टनम, जमशेदपुर, राउरकेला और बोकारो से इनमें ऑक्सीजन भरी जाएगी और फिर ऑक्सीजन एक्सप्रेस ही इन सिलेंडर्स को उन राज्यों तक पहुंचाएगी जहां इनकी जरूरत है। मुंबई के बोइसर में रविवार को इसका ट्रायल भी किया गया। रेल मंत्री पीयूष गोयल ने सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी देते हुए कहा कि देशभर में ट्रेनों से लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन और ऑक्सीजन सिलेंडर डिलीवर किए जाएंगे। जल्द ही इन ट्रेनों को चलाया जाएगा। फास्ट सप्लाई के लिए ग्रीन कॉरिडोर भी बनेंगे। आपको बता दें कि मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र सरकार ने रेलवे से लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन का ट्रांसपोर्ट करने की संभावनाओं पर विचार करने की बात कही थी, जिस के बाद ये फैसला लिया गया कि मालगाड़ी की खाली बोगियों पर ऑक्सीजन टैंकर जरूरतमंद राज्यों तक भेजे जाएंगे। राज्यों को ऑक्सीजन की फास्ट सप्लाई के लिए ग्रीन कॉरिडोर शुरू किया जा रहा है ताकि जल्द से जल्द ऑक्सीजन पहुंचाई जा सके। आपको बता दें कि दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने पीएम को खत लिखकर जल्द से जल्द ऑक्सीजन मुहैया कराने को कहा है। वहीं मध्यप्रदेश में भी ऑक्सीजन की कमी के चलते कोविड मरीजों की मौत हो रही है, उत्तर प्रदेश में भी संक्रमण के बढ़ते मामलों के चलते ऑक्सीजन की मांग बढ़ी है, और महाराष्ट्र की बदतर होती स्थिति से तो सभी वाकिफ हैं ही। यहां ऑक्सीजन की कमी को पूरा करने के लिए दूसरे राज्यों से ऑक्सीजन मंगाई जा रही है, राज्य में अप्रैल के पहले सप्ताह में जहां 34 हजार के करीब मरीजों के लिए ऑक्सीजन की जरूरत थी तो वहीं अब ये आंकड़ा महीने के अंत तक 9 लाख तक पहुंचने की आशंका है, ऐसे में राज्य में ऑक्सीजन की भारी मांग और जरूरत है, जिसको पूरा करने के लिए रेलवे ने पटरियों पर ऑक्सीजन एक्सप्रेस दोड़ाने का फैसला किया है।
4- कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में तेजी से बेकाबू होते हालात को देखते हुए पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को चिट्ठी लिखर सलाह दी है कि हालात से निपटने के लिए वैक्सीनेशन ड्राइव में तेजी लाई जाए, साथ ही देश की निश्चित जनसंख्या को वैक्सीन देने के लिए विदेशी कंपनियों से वैक्सीन मंगवाने के लिए एडवांस ऑर्डर देना चाहिए, जिससे कि सप्लाई में बाधा न आए। उन्होंने लैटर में सलाह देते हुए लिखा कि अमेरिका और यूरोप में जिन वैक्सीन्स को मंजूरी मिल चुकी है उन्हें बिना ट्रायल के वैक्सीनेशन ड्राइव में शामिल करना चाहिए, अभी के हालात को देखकर एक्सपर्ट भी इसे जायज ही मानेंगे। साथ ही उन्होंने ये सलाह भी दी कि इस इमरजेंसी के हालात में सरकार को वैक्सीन प्रोड्यूसर्स को प्रोडक्शन को बढ़ाने के लिए सहूलियतें और रियायतें देनी चाहिए। कोरोना की बेकाबू होती रफ्तार में अपना मौन तोड़ते हुए ऐसी कई सलाह पूर्व पीएम ने पीएम मोदी को दी हैं।
5- महाराष्ट्र के बाद अब देश के कुछ औऱ राज्यों में भी स्थिति बेकाबू होती जा रही है, दिल्ली, यूपी और बिहार में भी कोरोना विस्फोट ने सरकारों की चिंताएं बढ़ा दी हैं। कोविड की बेकाबू होती स्थिति को ध्यान में रखते हुए बिहार में भी नाइट कर्फ्यू लगाया गया है। रविवार को सीएम नीतीश कुमार ने सभी जिलों के डीएम-एसपी के साथ 4 घटें की मैराथन बैठक की, इसके बाद क्राइससिम मैनेजमेंटे ग्रुप की भी मीटिंग हुई और फिर गंभीर स्थिति के मद्देनजर बिहार सरकार ने कहा है कि राज्य में रात 9 बजे से सुबह 5 बजे तक नाइट कर्फ्यू रहेगा। इस दौरान धारा 144 भी लागू रहेगी। सभी सरकारी कार्यालय शाम 5 बजे तक बंद कर दिए जाएंगे और सरकारी कार्यालयों में रोजाना सिर्फ 33 प्रतिशत स्टाफ ही काम करेगा। जबकि सभी प्रतिष्ठान, मॉल, दुकानें, मीट मार्केट, सब्जी मंडी आदि शाम छह बजे तक बंद करने के निर्देश हैं। हां होटल-रेस्टोरेंट्स को रात 9 बजे तक होम डिलिवरी की छूट दी गई है लेकिन रेस्टोरेंट में बैठकर खाने की मनाहि है। अंतिम संस्कार व शादी समारोहों में लोगों की संख्या और घटा दी गई है। संक्रमण की रफ्तार पर ब्रेक लगे इसके लिए सभी स्कूलों, कॉलेजों, कोचिंग सेंटर्स, मॉल, क्लब, पार्क व धार्मिक स्थल आदि को 15 मई तक बंद रखने, और इस दौरान राज्य के कॉलेजों की ओर से कोई एग्जाम न लिए जाने के निर्देश दिए गए हैं। बढ़ते संक्रमण के चलते दिन रात स्वास्थ्य सेवाओं में जुटे स्वास्थ्य कर्मियों और डॉक्टर्स को इस साल भी बीते साल की तरह एक महीने का अतिरिक्त वेतन दिया जाएगा। बैठक कल बाद हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में नाइट कर्फ्यू और पाबंदियों की घोषणा करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने ये भी अपील की है कि जो लोग बाहर हैं, वे जल्दी से जल्दी लौट आएं। उनकी हरसंभव मदद की जाएगी, लेकिन वे आ जाएं, क्योंकि जितना देर करेंगे कठिनाईयां बढेंगी।