1- जल्द ही CBSE और ICSE टर्म-1 के एग्जाम शुरु होने वाले हैं, जो कि ऑफलाइन होंगे लेकिन एग्जाम शुरु होने से चंद रोज पहले ही CBSE और ICSE के छह स्टूडेंट्स ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर अपील की है कि 10वीं और 12वीं के एग्जाम्स ऑफलाइन न कराकर हाइब्रिड मोड में कराए जाएं यानि ऑफलाइन के साथ साथ ऑनलाइन एग्जाम देने की भी सहूलित छात्रों को दी जाए। बता दें कि सीबीएसई के माइनर सब्जेक्ट के एग्जाम 16 नवंबर से और CSE एग्जाम 22 नवंबर से शुरू होने हैं और दोनों ने ही ऑफलाइन एग्जाम्स की अनाउसमेंट की है। जबकि हाइब्रिड मोड में एग्जाम कराने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाने वाले छात्रों ने अपनी याचिका में कहा है कि लगातार होने वाली बोर्ड परीक्षाओं से कोविड संक्रमण का खतरा बढ़ सकता है ऐसे में सामाजिक दूरी बनाए रखने के लिए जरूरी है कि ऑनलाइन एग्जाम का ऑप्शन भी खुला रखा जाए। ऑफलाइन होने वाले एग्जाम्स को लेकर बोर्ड परीक्षाओं में बैठने वाले स्टूडेंट्स सोशल मीडिया पर भी
लगातार अपनी बात रख रहे हैं, और कोविड का हवाला देते हुए हाइब्रिड मोड में एग्जाम कराए जाने की अपील कर रहे हैं।
2- अभी हाल ही में बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत को भारत सरकार ने सर्वोच्च सम्मान पम्दश्री से नवाजा, लेकिन पद्मश्री से सम्मानित हुई इस अदाकारा के एक अटपटे बयान ने ऐसी चिंगारी सुलगाई है कि अब हर तरफ कंगना के विरोध में आवाजें उठ रही हैं। वजह है कंगना का बेतुके
बयान देने का बिंदास अंदाज। भीख में आजादी वाले बयान से विवादों में घिरी कंगना के खिलाफ जहां राजस्थान के कई अलग अलग शहरों में मुकद्दमा दर्ज किया गया है तो वहीं एनसीपी नेता नवाब मलिक ने कंगना से पद्मश्री सम्मान वापस लेकर उन्हें गिरफ्तार करने की बात कही है। नवाब मलिक ने कहा कि ऐसा लगता है कि कंगना ने ये बयान देने से पहले ड्रग्स ली है। वहीं बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने भी कंगना के बयान को पागलपन और देशद्रोह कहा है। कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने कंगना के इस बयान को लेकर सरकार पर निशाना साधा साथ ही कंगना को सिरफिरी औरत बताया। दिल्ली भाजपा नेता प्रवीण शंकर कपूर ने भी कंगना के खिलाफ न्यायिक कार्रवाई की मांग की है। आपको बता दें कि पद्मश्री मिलने के बाद गुरुवार को कंगना ने कहा था कि भारत को सही मायने में आजादी 2014 में तब मिली है जब मोदी सरकार आई है, 1947 में मिली आजादी के लिए कंगना ने भीख खब्द का इस्तेमाल किया। कंगना के इशी बयान ने पूरे देश में विवाद खड़ा कर दिया है, कांग्रेस, एनसीपी समेत तमाम राजनैतिक पार्टिया, सामाजिक कार्यकर्ता और आम जनता सभी कंगना के विरोध में खड़े हैं और कंगना के खिलाफ शिकायतों-मुकद्दमों के दर्ज होने का सिलसिला शुरु हो गया है।
3- कोरोना काल के दौरान ट्रेनों के बढ़े हुए किराये से जनता को अब राहत मिलेगी और आम लोग कोरोना काल से पहले के किराये पर ही ट्रेनों में सफर कर सकेंगे। शुक्रवार को हुई रेल मंत्रालय की बैठक में ये अहम फैसला लिया गया है कि मेल/एक्सप्रेस स्पेशल और हॉलिडे स्पेशल ट्रेनों की सेवा अब रेगुलर ट्रेनों जैसी ही होगी और इन पर सामान्य किराया ही लागू होगा। रेल मंत्रालय की ओर से इसे लेकर एक सर्कुलर जारी किया गया है जिसके मुताबिक देशभर में चलने वाली सभी ट्रेनें अब फिर से ठीक वैसे ही चलेंगी जैसे कोरोना काल से पहले चल रही थीं, सभी टेनों से स्पेशल का टैग हट जाएगा और ये ट्रेनें फिर से रेगुलर नंबर के साथ पटरी पर दौड़ेंगी। हां कोविड प्रोटोकॉल्स जारी रहेंगे। रेल मंत्रालय के इस फैसले के बाद अगले कुछ दिनों में 1700 से अधिक ट्रेनें, रेगुलर ट्रेनों के तौर पर रिस्टोर होंगी। आपको बता दें कि अभी स्पेशल ट्रेनों के नाम से चल रही सभी गाड़ियों में सामान्य से 30 फीसद ज्यादा किराया लिया जा रहा है, जो इश आदेश के लागू होने के बाद खत्म हो जाएगा और अगले कुछ दिनों में पहले सा रेल सफर आप कर सकेंगे। हालांकि पहले से ही बुक किए गए टिकट पर न तो रेलवे किसी तरह के पैसे चार्ज करेगा और न ही रेलवे किसी तरह का रिफंड देगा।
4- त्रिपुरा में कई दिनों से जारी सांप्रदायिक हिंसा का असर कल शुक्रवार को महाराष्ट्र में भी देखने को मिला। बता दें कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर हुए हमले के बाद से ही त्रिपुरा में स्थिति नाजुक बनी हुई है। त्रिपुरा हिंसा के विरोध में हुए प्रदर्शन के दौरान महाराष्ट्र के तीन शहरों नांदेड, मालेगांव और अमरावती में दोपहर बाद माहौल काफी हिंसक हो गया लेकिन शाम होते होते पुलिस ने स्थिति पर काबू पा लिया। स्थिति को गंभीरता से लेते हुए औऱ शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए यहां भारी संख्या में पुलिसबलों की तैनाती की गई। बता दें कि नांदेड जिले के शिवाजीनगर में हुई झड़प में गाड़ियों में तोड़फोड़ और दुकानें बंद कराने की घटनाएं सामने आईं। मालेगांव में भी बंद के दौरान हजारों लोग सकड़ों पर दिखाई दिए। छात्रों के एक समूह ने पथराव कर दुकानें बंद कराने की कोशिशें कीं। इतना ही नहीं मौके पर पहुंची रैपिड एक्शन फोर्स के वाहन पर भी भीड़ ने पत्थरबाजी की और स्थिति को कंट्रोल करने के लिए यहां लाठीचार्ज करना पड़ा। अमरावती में भी भीड़ में कुछ लोगों ने पथराव किया और दुकानों में तोड़फोड़ की। राज्य के अलग अलग हिस्सों में भड़की इस हिंसा को लेकर महाराष्ट्र के गृहमंत्री दिलीप वलसे पाटिल ने लोगों से शांति बनाए रखने की अलीप की, उन्होंने कहा त्रिपुरा में हुई हिंसा के विरोध में आज मुस्लिमों ने पूरे राज्य में प्रदर्शन किया। मैं सभी हिंदुओं और मुस्लिमों से राज्य में शांति बनाए रखने की अपील करता हूं।
5- लापरवाह रवैया बना रहा तो कोरोना की तीसरी लहर कभी भी दस्तक दे सकती है, क्योंकि कोरोना अभी पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है और देश की राजधानी दिल्ली में एक बार फिर कल, 20 दिन बाद कोरोना संक्रमण के चलते दो मरीजों की जान गई है जबकि 24 घंटे में कोरोना के 62 नए मरीज भी मिले हैं। हालांकि कोरोना संक्रमण की दर 0.12 प्रतिशत है लेकिन जरा सी कोताही बड़े संकट को निमंत्रण बनते देर नहीं लगेगी। दिल्ली के अलावा पूरे देश में कल 24 घंटे में कोरोना के 12 हजार 516 नए मामले दर्ज किए गए हैं जबकि इस दौरान संक्रमण से 501 लोगों की मौत हुई है। आपको बता दें कि यूरोपिय यूनियन के देशों में कोरोना संक्रमण के चलते एक बार फिर स्थिति गंभीर होती नदर आ रही है, नीदरलैंड, जर्मनी, ऑस्ट्रिया, रशिया, लाटविया जैसे देशों में कोरोना के मामले तेजी से बढ़े हैं ऐसे में कई देशों में फिर से लॉकडाउन लगाने पर विचार हो रहा है। बढ़ते संक्रमण के बीच भी विशेषज्ञ लगातार माक लगाने और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों के पालन की बात कह रहे हैं, जिस पर हमें भी खास तौर पर ध्यान देने की जरूरत है, कि जरा सी लापरवाही फिर से हमारे लिए खतरे की घंटी बजा सकती है, इसलिए कोविड प्रोटोकॉल्स का पालन करते रहें।