1- NCB के DDG ज्ञानेश्वर सिंह की अगुवाई में कल पांच सदस्यों की विजिलेंस टीम मुंबई पहुंची और आर्यन खान ड्रग्स केस में रिश्वतखोरी के आरोपों से घिरे NCB के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े से एजेंसी के जोनल ऑफिस में करीब 4 घंटे तक पूछताछ की। इस दौरान टीम ने केस से जुड़े दस्तावेजों की फाइलें भी अपने कब्जे में लीं। इस पूरे मामले में विजिलेंस टीम ने दूसरे गवाहों के साथ साथ शाहरुख खान की मैनेजर पूजा ददलानी को भी पूछताछ के लिए तलब किया है। हालांकि इस दौरान विजिलेंस टीम ने ये भी साफ कर दिया है कि इस इंटरनल इनवेस्टीगेशन के दौरान अपने खिलाफ कोई पुख्ता सबूत मिलने तक समीर वानखेड़े आर्यन ड्रग्स केस की इनवेस्टीगेशन टीम को लीड करते रहेंगे। वानखेड़े पर लगे रिश्वतखोरी के आरोपों की इस जांच को लेकर NCB के DDG ज्ञानेश्वर सिंह ने कहा, कि ये संवेदनशील जांच है। इसलिए इससे जुड़ी सारी जानकारी साझा नहीं की जा सकती। जांच के बाद सामने आने वाले तथ्य मीडिया के साथ साझा किए जाएंगे। बता दें कि बॉम्बे हाईकोर्ट में आर्यन खान की याचिका पर चली सुनवाई में कल भी जमानत पर फैसला नहीं हो सका है, आज फिर जमानत याचिका पर सुनवाई होगी।
2- भारत ने अग्नि 5 मिसाइल का आठवां सफल परीक्षण कर सीमा सुरक्षा और मिसाइल टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में फिर अपनी दक्षता का परिचय दिया है। कल, बुधवार को DRDO ने पहली बार ओडिशा के अब्दुल कलाम द्वीप से देश की सबसे ताकतवर मिसाइल कही जाने वाली पहली और एकमात्र इंटर कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-5 का सफल परीक्षण किया। ये मिसाइल पांच हजार किलोमीटर की दूरी तक के लक्ष्य भेदन में समर्थ है। यानि चीन और पाकिस्तान सहित पूरा एशिया इसके लक्ष्य की जद में आएगा। अग्नि मिसाइल के इस सफल परीक्षण के साथ ही भारत इस तरह की मिसाइल विकसित करने वाला दुनिया का पांचवां देश बन गया है। बता दें कि अभी सिर्फ अमेरिका, रूस, फ्रांस और चीन के पास ही ऐसी मिसाइलें थीं। ये मिसाइल एक साथ कई हथियार ले जाने में सक्षम है, जो डेढ़ टन तक न्यूक्लियर हथियार अपने साथ ले जा सकती है और एक साथ मल्टिपल टार्गेट के लिए लॉन्च की जा सकती है, और सबसे खास बात ये कि इस मिसाइल के लॉन्चिंग सिस्टम में कैनिस्टर तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। जिसकी वजह से इसे कहीं भी आसानी से ट्रांसपोर्ट किया जा सकता है, और देश में कहीं भी इसकी तैनाती आसानी से हो सकती है। बता दें कि अग्नि 5 को 2020 में ही सेना में शामिल करने की प्लानिंग थी लेकिन कोरोना महामारी के चलते आठवें परीक्षण में देरी हुई। इसका 7वां परीक्षण 10 दिसंबर 2018 को किया गया था।
3- कोरोना के खिलाफ जंग में कारगर हथियार मानी जा रही वैक्सीन को पूरी गंभीरता से लेने की जरूरत है, निर्धारित अंतराल पर वैक्सीन की दोनों डोज लगाना भी जरूरी है, इसके प्रति लोगों में जागरुक होने की भी जरूरत है, क्योंकि सरकारी आंकड़ों के मुताबिक देश में 11 करोड़ से ज्यादा लोग ऐसे हैं जिन्होंने वैक्सीन की पहली डोज लेने के बाद तय समय पर वैक्सीन की दूसरी डोज नहीं ली। इन आंकड़ों के सामने आने के बाद अब सरकार इस दिशा में खास ध्यान देते हुए लोगों को इस विषय से वाकिफ कराएगी। कल बुधवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया की अध्यक्षता में हुई बैठक में स्वास्थ्य मंत्रियों और सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों के प्रतिनिधियों के साथ इस मुद्दे पर चर्चा हुई। बता दें कि कोविशील्ड के लिए पहली और दूसरी खुराक के बीच 12 सप्ताह और कोवैक्सिन के लिए चार सप्ताह का अंतर है। वहीं स्पूतनिक की दोनों डोज के बीच 21 दिन का अंतर है, और ये बेहद जरूरी है कि दोनों डोज के बीच तय किए गए समय पर ही वैक्सीन ले ली जाएं। बता दें कि यूरोपीय देशों में कोरोना के नए मामलों और मौत के आंकड़ों में इजाफा हो रहा है, जिस पर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चिंता जताई है। भारत में भी कोरोना के चलते मौत के आंकड़ों में बढ़ोत्तरी देखी जा रही है ऐसे में संक्रमण से बचाव के लिए खास एहतियात बरतने और जागरुकता की जरूरत है।
4- बीते दिनों सियासी गलियारों के तापमान को बढ़ाने वाला पेगासस जासूसी मामला कल फिर सुप्रीम कोर्ट में सुनाई दिया। कल, बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की जांच के आदेश देने के साथ साथ इसके लिए सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश आरवी रविंद्रन की अध्यक्षता में एक समिति भी गठित की। ये समिति जांच करेगी कि इजरायली पेगासस स्पाइवेयर का इस्तेमाल करके किन-किन लोगों की जासूसी की गई और किस कानून के तहत, किन प्रोटोकाल्स के तहत इस स्पाइवेयर इस्तेमाल किया गया। वैसे कोर्ट की तरफ से इस समिति को जांच के लिए कोई समय सीमा तो नहीं दी गई है लेकिन क्योंकि अब इस मामले की अगली सुनवाई आठ हफ्ते में होनी है, ऐसे में संभावना है कि समिति अगली सुनवाई से पहले पेगासस जासूसी मामले में अपनी रिपोर्ट तैयार करेंगी। पेगासस पर सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद एक बार फिर राजनीति गरमाई है। इस मुद्दे को लेकर राहुल गांधी ने एक बार फिर पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए सवाल किया कि इसे भारत में कौन लेकर आया था? पेगासस का इस्तेमाल मुख्यमंत्रियों, पूर्व प्रधानमंत्रियों, भाजपा के मंत्रियों सहित अन्य के खिलाफ किया गया था। क्या पेगासस के इस्तेमाल से पीएम और होम मिनिस्टर को डाटा मिल रहा था? अगर चुनाव आयोग, सीईसी और विपक्षी नेताओं के फोन टैपिंग का डेटा पीएम के पास जा रहा है, तो यह एक बड़ा अपराध है।
5- सिंघू बॉर्डर पर 15 अक्टूबर को बेअदबी के आरोप में लखबीर नाम के एक व्यक्ति की निर्मम हत्या का मामला अभी शांत होता नजर नहीं आ रहा। कल बुधवार को मृतक लखबीर के समर्थन में यूपी और उत्तराखंड के किसान सिंघूं बॉर्डर पहुंचे और लखबीर के परिजन के लिए सरकारी नौकरी के साथ मुआवजे की मांग की। पुलिस ने गुस्साए किसानों को बैरिकेडिंग कर रोकने की भरसक कोशिश की, इस दौरान पुलिस को लाठी चार्ज भी करना पड़ा, जिसमें कुछ किसान घायल हुए। दरअसल सिंघू बॉर्डर पर जहां लखबीर की हत्या हुई थी वहां बड़ी संख्या में निहंग मौजूद हैं, ऐसे में पुलिस को आशंका है कि लखबीर के समर्थन मे दिल्ली पहुंचे किसानों के यहां पहुंचने से विवाद पैदा न हो इसलिए पुलिस ने उन्हें सिंधू आने से रोका, फिलहाल लखबीर के समर्थन में आए किसान कुंडली बॉर्डर पर डेरा डाले हैं।