आज शनिवार है, तारीख 23 अक्टूबर; कार्तिक मास, कृष्ण पक्ष और तृतीया तिथि
1- आतंकवाद के विकराल होते फन को कुचलने के लिए कश्मीर में सुरक्षाबलों का सर्च ऑपरेशन लगातारी जारी है, इसी बीच जेलों में बंद ए और बी कैटेगरी के हार्डकोर आतंकियों को दूसरे राज्यों की जेलों में शिफ्ट किया जा रहा है, क्योंकि सुरक्षा बलों ने इनके जेलों से फरार होने का खतरा जताया था। इस कड़ी में कश्मीर घाटी की अलग-अलग सेंट्रल जेलों में बंद 26 आतंकियों का पहला ग्रुप शुक्रवार को ही उत्तर प्रदेश की आगरा सेंट्रल जेल के लिए रवाना किया गया। ये सभी वो आतंकी हैं जिन्होंने ना सिर्फ घाटी में आतंक को बढ़ावा दिया है बल्कि बड़े आतंक का फन फैलाने में अपने सहयोगियों की भी मदद की है। वायुसेना के विमान IL 76 के जरिए इन सभी आतंकियों को दिल्ली लाया गया और वहां से इन्हें आगरा के जेल में पहुंचाया जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक सुरक्षा बलों की तरफ से जम्मू-कश्मीर की जेलों में बंद ए और बी कैटेगरी के ऐसे 100 आतंकियों की लिस्ट तैयार की गई जो जेल में रहकर भी बाहर अपने स्लीपर सेल के साथ लिंक जोड़े हुए हैं। इसने 30 आतंकी ए कैटेगरी में और 70 आतंकी बी कैटेगरी में रखे गए हैं। घाटी में हाल ही में घटी आतंकी घटनाओं में ऐसे ही आतंकियों ने बाहर बैठे अपने स्लीपर सेल्स की मदद से इन वारदातों को अंजाम दिया है।
2- फेस्टीवल सीजन शुरु हो चुका है लेकिन बीते साल इसी दौरान फिर से बिगड़े हालात से बेकाबू हुई स्थिति की यादें डराती हैं, और डर सताता है कि कहीं फिर से तीसरी लहर का प्रकोप देखने को न मिले, लेकिन कोरोना की तीसरी लहर की आशंकाओं को लेकर एक्सपर्ट्स ने दावा किया है कि कोरोना की तीसरी लहर आई भी तो वो दूसरी लहर जैसी विनाशकारी नहीं होगी। एक्सपर्ट्स का कहना कि अगर कोरोना का कोई नया वैरिएंट नहीं आता तो संक्रमण की नई वेब, सेकेंड वेब जैसी खतरनाक नहीं होगी। साथ ही एक्सपर्ट्स ने ये भी कहा कि संक्रमण के मामलों में कमी आने का ये मतलब बिल्कुल न लें कि महामारी अब लोकल स्टेज में है, क्योंकि कोई भी बीमारी एंडेमिक तब होती है जब वो किसी भौगोलिक क्षेत्र मे मौजूद रहे लेकिन उसका असर कम होता रहे। ऐसे में एक्सपर्ट्स ने एक बार फिर चेताते हुए कहा है कि फेस्टिवल सीजन के दौरान भी अहतियातों में ढील न बरतें क्योंकि खतरा अभी टला नहीं है। संक्रमण के मामलों में कमी की एक वजह वैक्सीनेशन भी है ऐसे में जरूरी है कि टीकाकरण की रफ्तार और भी बढ़े ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग पूरी तरह वैक्सीनेट हो सकें। स्थिति अभी पूरी तरह सामान्य नहीं है, चीन, रुस और ब्रिटेन जैसे देश इस बात के गवाह है कि कोरोना वायरस कमजोर होने के बाद एक बार फिर मजबूती के साथ हमला करता है, इसलिए अहतियातों का दौर आगे भी जारी रखें।
3- बदलते दौर की राजनीति में वो मुलाकातें बिल्कुल खत्म हो गई हैं, जब दो अलग दलों के नेता एक साथ बैठकर सियासी दावंपेच से अलग भी मुस्कुराकर बात करें, हालचाल पूछें, लेकिन कल सोशल मीडिया पर दो अलग पार्टियों के नेताओं की एक ऐसी ही तस्वीर वायरल हुई। जी हां, कल, शुक्रवार को अखिलेश यादव और प्रियंका गांधी की फ्लाइट में हुई मुलाकात की तस्वीर सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुई, तो पता चला कि दोनों का एक ही फ्लाइट में आमना सामना हुआ तो फिर दोनों ने बैठकर बातचीत की। दिल्ली से लखनऊ जा रही फ्लाइट में कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी और समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव का आमना सामना हुआ, दोनों ने एक दूसरे का अभिवादन कर हालचाल पूछा और कुछ मिनट बातचीत भी की। हालांकि सोशल मीडिया पर इस मुलाकात की तस्वीर वायरल होने के बाद ये भी सुना गया कि दोनों पार्टियां गठबंधन करने का मन बना रही हैं। हालांकि ऐसा है नहीं, क्योंकि अखिलेश यादव ये कह चुके हैं कि हमारी पार्टी किसी भी राष्ट्रीय पार्टी के साथ गठबंधन नहीं करेगी बल्कि छोटे दलों के साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी।
4- मुंबई क्रूज ड्रग पार्टी केस में गिरफ्तार हुए आर्यन खान की वॉट्सऐप चैट के आधार पर कल NCB नें चंकी पांडे की बेटी अनन्या पांडे से 4 घंटे की लंबी पूछताछ की। अनन्या को कल सुबह 11 बजे NCB ऑफिस बुलाया गया, हालांकि वो दोपहर ढाई बजे NCB ऑफिस पहुंची और साढ़े 6 बजे के करीब बाहर निकलीं और पता चला कि सोमवार 25 अक्टूबर को फिर से उन्हें पूछताछ के लिए NCB ऑफिस आना है। बताया जा रहा है कि कल 4 घंटे चली इस पूछताछ में अनन्या पांडे से ड्रग्स के सिलसिले में आर्यन खान के साथ हुई चैटिंग को लेकर सवाल किए गए, NCB ने जैसे ही पूछताछ शुरू की, अनन्या रोने लगीं। इसके बाद उन्हें पानी दिया गया और फिर सवाल किए गए। सूत्रों की मानें तो NCB जिन चैट्स को लेकर अनन्या से पूछताछ कर रही है उनमें ज्यादातर 2018-19 की हैं जिनमें अनन्या और आर्यन के बीच गांजे को लेकर बात की गई है। फिलहाल दोनों के फोन को सीज कर फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है।
5- पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने भले कांग्रेस छोड़ अपने अगल रास्ते बनाने का फैसला लिया हो लेकिन कांग्रेस से उनकी तनातनी का दौर लगातार जारी है। अब पंजाब के उप मुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कैप्टन अमरिंदर सिंह को लेकर ऐसा बयान दिया है कि कैप्टन का गुस्सा फिर फूट पड़ा है। दरअसल जालंधर में संवाददाताओं से बातचीत के दौरान सुखजिंदर सिंह रंधावा ने कहा कि, इस बात की जांच की जाएगी कि क्या पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की पाकिस्तानी महिला मित्र पाकिस्तानी पत्रकार अरुसा आलम के पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI से लिंक हैं या नहीं और पुलिस महानिदेशक को इस मामले को देखने को कहा गया है। रंधावा ने कहा कि अरूसा के बारे में कई बातें सामने आई हैं, जिनकी जांच जरूरी है। रंधावा के इस बयान के जवाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह के मीडिया सलाहकार ने उन्हीं के हवाले से ट्वीट कर कहा, “सुखजिंदर आप मेरी कैबिनेट में मंत्री थे। तब कभी आपसे अरुसा आलम को लेकर शिकायत करते नहीं सुना। आलम केंद्र की अनुमति से पिछले 16 साल से भारत की यात्रा कर रही थीं। क्या आप ये आरोप लगा रहे हैं कि इस दौरान केंद्र में राजग और कांग्रेस नीत यूपीए दोनों ही सरकारों की पाकिस्तानी ISI से मिलीभगत रही?”
6- एक्ट्रेस सुधा चंद्रन ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर अपने दुख का इजहार किया था। इंस्टाग्राम पर एक वीडियो में उन्होंने अपनी तकलीफ बताते हुए कहा था कि वे जब भी एयरपोर्ट जाती हैं, तो उन्हें अपने नकली पैर को निकालकर चेकिंग कराने के लिए कहा जाता है। इस वीडियो के माध्यम से सुधा ने पीएम नरेंद्र मोदी से इस व्यवस्था को बदलने की गुहार लगाई थी। सुधा के वीडियो के वायरल होते ही अब सिविल एविएशन मिनिस्टर ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सुधा से इस असुविधा के लिए माफी मांगी है। इसके अलावा तेलंगाना और यूपी सरकार ने भी इसके लिए कदम उठाने की बात कही है। दैनिक भास्कर की खबर के मुताबिक सुधा चंद्रन ने कहा, “प्रोफेशनली, मुझे काफी ट्रैवल करना होता है और हवाई यात्रा के दौरान मुझे कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। कई बार ऐसा होता है कि सुरक्षाकर्मी मेरे साथ अड़ जाते है। मेरे नकली पैर के बारे में सवाल पर सवाल करते हैं- आपका ये लिंब कहां तक है, घुटने के ऊपर है या नीचे, आपको इसे निकालना पड़ेगा, हमको इसकी जांच करनी होगी वगैरह। मैं ये नहीं कह रही कि CISF (सेंट्रल इंडस्ट्रियल सिक्योरिटी फोर्स) गलत काम कर रही है, लेकिन वो एक सम्मान के साथ होना चाहिए। कुछ लोग समझदार भी होते है, लेकिन कुछ लोग ऐसे मिल जाते हैं जो आपसे गलत तरीके से बात करते हैं। सुधा ने आगे कहा, “दुर्भाग्यवश मुझे ज्यादा दिक्कत मुंबई एयरपोर्ट पर आई है। देखिए, ये लड़ाई सिर्फ सुधा चंद्रन की नहीं हैं। मेरी कहानी तो लोग जानते हैं। मैं ये मुद्दा उन लोगों के लिए उठा रही हूं जो कि फिजिकली डिसेबल्ड हैं। चलो, मैं तो एक सेलिब्रिटी हूं, कभी-कभार मेरी बात मान भी लेंगे, लेकिन हर बार तो सेलिब्रिटी स्टेटस का इस्तेमाल करना सही बात नहीं है ना। मैं अपनी अचीवमेंट का फायदा कभी नहीं उठाना चाहती, यदि ऐसा कुछ करती हूं तो खुद को इंडियन कैसे कह पाऊंगी?”