2- जम्मू कश्मीर में लगातार आतंक की घटनाएं बढ़ रही हैं, हालांकि आतंकियों के खात्मे के लिए सुरक्षाबलों का अभियान जारी है, लेकिन इसी बीच कल शनिवार को एक बार फिर आतंकियों ने दो बाहरी नागरिकों को निशाना बनाया। आतंकियों ने श्रीनगर के ईदगाह इलाके में बिहार के अरविंद कुमार साह नाम के एक पानीपुरी बेचने वाले को गोली मार दी। गंभीर स्थिति में उसे श्रीनगर के SMHS अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। आतंकियों ने दूसरा निशाना बनाया पुलवामा में सगीर अहमद नाम के शख्स को, उत्तर प्रदेश का रहने वाला सगीर अहमद यहां बढ़ई का काम करता था। लगातार घट रही इन आतंकी घटनाओं से पूरे कश्मीर में दहशत फैली हुई है, 2 अक्टूबर से कल तक यहां 8 आम नागरिक आतंक की गोलियों का शिकार हो चुके हैं।
3- सिंघु बॉर्डर पर किसान आंदोलन के बीच निहंगों द्वारा एक शख्स की निर्मम हत्या के आरोपी 4 लोगों ने सरेंडर किया है। पहले वारदात के 15 घंटे बाद यानि शुक्रवार शाम को निहंग सरबजीत सिंह ने सरेंडर किया था, जिसे शनिवार को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे 7 दिन की पुलिस कस्टडी में भेज दिया गया। इसके बाद 3 निहंगों ने कल शनिवार को सरेंडर किया। जिनमें निहंग नारायण सिंह ने अमृतसर में सरेंडर किया जबकि भगवंत सिंह और गोबिंद सिंह ने सिंघु बॉर्डर पर कुंडली पुलिस के सामने सरेंडर किया है। सरेंडर करने वाले निहंग नायारण सिंह ने कबूल किया है कि उसी ने मरने वाले शख्स लखबीर सिंह का पैर काटा था, नारायण सिंह का कहना है कि लखबीर सिंह ने गुरु का अपमान किया था, इसलिए मैंने जो किया, ठीक किया। निहंगों द्वारा की गई इस हत्या के बाद से आंदोलन पर सवाल उठ रहे हैं, जिसे लेकर किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि आंदोलन को बदनाम करने के लिए लोगों को उकसा कर ये हत्या कराई गई है, किसान संगठनों का इससे कोई वास्ता नहीं है।
4- केरल में हो रही भारी बारिश ने यहा जनजीवन अस्त व्यस्त कर दिया है। सोशल मीडिया पर कुछ वीडियो भी वायरल हो रहे हैं, जिसमें केरल के कई जिलों में बाढ़ के हालात नजर आ रहे हैं। बारिश के चलते प्रशासन ने राज्य के पांच जिलों कोट्टायम, पथनमथिट्टा, एर्णाकुलम, इडुक्की और त्रिशूर में बारिश का रेड अलर्ट जारी किया गया है। जबकि 7 जिलो तिरुवनंतपुरम, कोल्लम, अलाप्पुझा, पलक्कड़, मलाप्पुरम, कोझिकोड और वायनाड में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। बता दें कि बारिश के चलते कोट्टायम जिले के कूटिकल में लैंडस्लाइड होने से 8 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 14 लोग लापता हैं। बारिश से हो रहे नुकसान को देखते हुए मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ से जारी की गई सूचना में कहा गया है कि लोग नदियों के पास पहाड़ों पर जाने से बचें। साथ ही लोगों को बेवजह ट्रैवल न करने की सलाह भी दी गई है। अरब सागर से आ रहीं निम्न दबाव की हवाओं के कारण केरल के तटीय जिलों में भारी बारिश हो रही है।
5- अलगाववादी नेता सईद अली शाह गिलानी के पोते अनीस उल इस्लाम को शेर-ए-कश्मीर अंतरराष्ट्रीय अधिवेशन केंद्र श्रीनगर में शोध अधिकारी के पद से बर्खास्त कर दिया गया है। अनीस-उल-इस्लाम को संविधान के आर्टिकल 11 (2) (c) के तहत नौकरी से निकाला गया है। उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा के निर्देश पर सामान्य प्रशासनिक विभाग ने शनिवार को इसके आदेश जारी किए हैं। अधिकारियों ने ये जानकारी दी है कि जम्मू कश्मीर में कथित तौर पर आतंकवादी गतिविधियों को प्रोत्साहन देने के आरोप में अनीस को बर्खास्त किया गया है। अनीस के अलावा डोडा जिले में तैनात सरकारी शिक्षक फारूक अहमद भट को भी पद से बर्खास्त किया गया है। दोनों की गतिविधि को प्रदेश की सुरक्षा के लिए खतरा बताया गया है।
6- पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की बेटी दमन सिंह ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया पर निशाना साधते हुए कहा है कि स्वास्थ्य मंत्री ने परिवार की इच्छा के बगैर इलाज के दौरान की तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर की। दमन सिंह का कहना है कि मां की इच्छा के विपरीत मांडविया मेरे पिता के कमरे में फोटोग्राफर को लेकर गए। उन्होंने कहा, मेरी मां ने कई बार फोटोग्राफर को कमरे से बाहर जाने के लिए कहा, लेकिन उनकी बात अनसुनी कर दी गई। फोटोग्राफर ने पूर्व प्रधानमंत्री के कमरे में मंडाविया और गुलेरिया तथा डॉ मनमोहन सिंह की तस्वीरें ली। दमन सिंह ने सोशल मीडिया पर इस तस्वीर को डाले जाने पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। द टेलीग्राफ को दिए इंटरव्यू में दमन सिंह ने कहा कि मेरे पेरेंट्स कठिन हालात का सामना करने की कोशिश कर रहे हैं। वे बुजुर्ग लोग हैं। चिड़ियाघर के जानवर नहीं हैं। बता दें कि, मनमोहन सिंह का दिल्ली के एम्स में इलाज चल रहा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया शुक्रवार मनमोहन सिंह का हालचाल जानने के लिए अस्पताल पहुंचे थे। और फिर मांडविया मनमोहन सिंह से मुलाकात की तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर कर दी। दमन ने कहा, “मेरे पिता का एम्स में डेंगू का इलाज चल रहा है। उनकी हालत स्थिर है, लेकिन उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम है। हमने संक्रमण के जोखिम के कारण आने वालों पर रोक लगाई है। स्वास्थ्य मंत्री का आना और अपनी चिंता जताना अच्छा लगा। हालांकि, मेरे पेरेंट्स उस समय फोटो खिंचवाने की स्थिति में नहीं थे। मेरी मां ने जोर देकर कहा कि फोटोग्राफर को कमरे से बाहर जाना चाहिए, लेकिन उन्हें पूरी तरह से नजरअंदाज कर दिया गया। इसे लेकर वह बहुत परेशान थीं।” बता दें कि किसी भी अस्पताल की यह जिम्मेदारी होती है कि वो रोगियों की प्राइवेसी को बनाए रखे। ऐसे में स्वास्थ मंत्री द्वारा, एम्स के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया की उपस्थिति नेम अगर रोगी की गोपनियता की रक्षा नहीं हो सकी है तो यह निंदा की बात है। परिवार की सहमति के बगैर ली गई तस्वीरें और फिर उसे सोशल मीडिया पर डालना नैतिकता का उल्लंघन है।