आज रविवार है, तारीख 19 सितंबर 2021; भादों मास, शुक्ल पक्ष और चतुर्दशी तिथि।
1- इसे महज इस्तेफाक कहेंगे कि, नवजोत सिंह सिद्धू 18 जुलाई को प्रदेश अध्यक्ष बनाए गए और ठीक दो महीने बाद सीएम अमरिंदर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया। पंजाब की राजनीति में लंबे वक्त से चली आ रही कलह के बाद कल, शनिवार को पंजाब के सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने राजभवन पहुंचकर अपना इस्तीफा राज्यपाल को सौंपा, जिसे राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने मंजूर कर लिया। हालांकि नया मुख्यमंत्री बनने तक कैप्टन पंजाब के कार्यकारी मुख्यमंत्री बने रहेंगे। इस्तीफा देने के बाद एक बार फिर उन्होंने सिद्धू पर निशाना साधते हुए कहा कि पंजाब का नया सीएम उन्हें स्वीकार नहीं होगा, क्योंकि पाकिस्तान के पीएम और बाजवा उनके दोस्त हैं। कैप्टन ने ये भी कहा कि सिद्धू में सरकार चलाने की काबलियत नहीं है वो एक मंत्रालय तक नहीं चला सके। राज्यपाल को इस्तीफा सौंपने के बाद अमरिंदर सिंह ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा, कि उन्होंने सुबह ही कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को अपने इस्तीफे की जानकारी दे दी थी। कैप्टन ने कहा, मेरे सरकार चलाने पर संदेह पैदा किया गया। मैं अपमानित महसूस कर रहा था और इसी कारण इस्तीफा देने का फैसला किया। उन्होंने कहा, भविष्य में राजनीति का विकल्प खुला है, अपने समर्थकों से बात करके और सभी विकल्पों पर विचार करके समय आने पर फैसला लूंगा। कैप्टन के इस्तीफे के बाद कल हुई पंजाब विधायक दल की बैठक में सभी ने इच्छा जाहिर की है कि प्रदेश का अगला मुख्यमंत्री आलाकमान खुद चुनें, इसके बाद आज कांग्रेस पंजाब के अलगे सीएम के नाम का खुलासा कर सकती है इसके लिए आज फिर चंडीगढ़ में विधायक दल की बैठक होगी।
2- पूर्व भाजपा सांसद बाबुल सुप्रियो ने 48 दिन पहले पार्टी छोड़ने के साथ-साथ राजनीति छोड़ने का भी ऐलान किया था, लेकिन राजीनित छोड़ने के अपने ऐलान के दो महीने के भीतर ही उन्होंने एक बार फिर सियासी गलियारों में एंट्री ली है, लेकिन अलग पार्टी में। जी हां, पूर्व केंद्रीय मंत्री और पूर्व भाजपा सांसद बाबुल सुप्रियो कल, शनिवार को तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गए। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे अभिषेक बनर्जी और पार्टी सांसद डेरेक ओब्रायन ने कल बाबुल सुप्रियो को TMC की सदस्यता दिलाई। आपको बता दें कि BJP से इस्तीफे के ऐलान के बाद बाबुल ने सोशल मीडिया पर लिखा था, “मैं किसी दूसरी पार्टी में नहीं जा रहा हूं। हमेशा से भाजपा का सदस्य रहा हूं और रहूंगा, लेकिन फिर कुछ देर बाद ही उन्होंने अपनी इस पोस्ट एडिट कर दिया और पोस्ट में से हमेशा BJP में रहने वाली लाइन हटा दी थी और अब 48 दिन बात अपनी उस बात को अमल में लाते हुए आखिरकार उन्होंने टीएमसी का दामन थाम लिया। TMC की सदस्यता ग्रहण करने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान उन्होंने कहा,” आज का दिन मेरे लिए बहुत बड़ा है। मुझे जनता की सेवा करने का मौका मिला है, मैंने बंगाल की सेवा के लिए एक बड़े अवसर को स्वीकारा है। ये सब पिछले 4 दिन में हुआ है। बाबुल सुप्रियो ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ये भी कहा कि राजनीति से संन्यास लेने का उनका फैसला गलत था, मुझे अपने इस फैसला बदलने पर गर्व है।
3- कोरोना काल में मजलूमों के मसीहा बनकर उभरे सोनू सूद बीते साल जितने चर्चाओं में थे बीते कुछ दिनों से भी उतनी ही सुर्खियों में हैं, बस फर्क है किरदार का। तब वे हीरो की भूमिका में थे और अब आईटी इनवेस्टीगेशन में वो विलेन साबित हो रहे हैं। जी हां, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की रडार पर आए सोनू सूद अब टैक्स चोरी के आरोपों में घिर गए हैं। आईटी डिपार्टमेंट की अभी तक की जांच में 20 करोड़ रुपये से ज्यादा की टैक्स चोरी की बात सामने आई है। आयकर विभाग ने उनके मुंबई, लखनऊ, कानपुर, जयपुर, दिल्ली और गुरुग्राम सहित 28 ठिकानों पर 3 दिन की रेड के बाद 20 करोड़ की टैक्स चोरी का दावा किया है। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि सोनू सूद के ठिकानों पर छापेमारी के दौरान ऐसे कई सबूत मिले हैं जो टैक्स चोरी के आरोपों को साबित करते हैं। ऐसे भी कई डॉक्यूमेंट्स मिले हैं जिनमें टैक्स बचाने के लिए कमर्शियल रिसीप्ट को लोन की तरह दिखाया गया है, जबकि उस रकम का इस्तेमाल इनवेट्समेंट और प्रापर्टी पर्चेज के लिए किया गया। अधिकारियों का कहना है कि सोनू सूद ने कई फर्जी कंपनियों से फर्जी लोन लेकर अपनी बेहिसाब इनकम को ठिकाने लगाया है और आयकर विभाग की अब तक की जांच में ऐसी 20 कंपनियों का खुलासा हुआ है जिन्होंने कैश के बदले चेक रिलीज किए थे। जांच में एक और खुलासा हुआ है, सोनू सूद की दरियादिल मदद को लेकर, आपको याद ही होगा कि बीते साल कोरोना काल के दौरान बेबसों को मदद के हाथ बढाने वाले एक्टर सोनू सूद ने 21 जुलाई 2020 को एक चैरिटी फाउंडेशन की स्थापना की थी, जिसमें 1 अप्रैल 2021 से अबतक डोनेशन के जरिए 18 करोड़ 94 लाख की बड़ी रकम जमा हुई है, जिनमें से महज 1.9 करोड़ रुपये सोनू सूद की फाउंडेशन द्वारा चलाए गए विभिन्न राहत कार्यों में इस्तेमाल हुए हैं जबकि बाकी के करीब 17 करोड़ रुपये खाते में यूं ही पड़े हैं। इतना ही नहीं FCRA नियमों का उल्लंघन करते हुए, एक क्राउड फंडिंग प्लेटफॉर्म के जरिए विदेशों से भी करीब 2.1 करोड़ रुपये जमा किए गए। ऐसी संभावना है कि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के इस खुलासे के बाद आने वाले समय में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की भी इस केस में एंट्री हो सकती है।
4- वैक्सीनेशन प्रोग्राम में वैश्विक रिकॉर्ड कायम होने के बाद अब भारत सरकार देश में पर्यटन व्यवसाय को मजबूत करने के काम जुट गई है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पर्यटन क्षेत्र को हर मदद का आश्वासन देते हुए कहा कि पर्यटन को गति देने के लिए पांच लाख विदेशी पर्यटकों को मुफ्त वीजा दिया जाएगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार इस दिशा में एक सोच के साथ आगे बढ़ रही थी। अभी कुछ दिन पहले हिमाचल 100 फीसदी पहली डोज देने वाला प्रदेश बना। अब गोवा, सिक्किम, लद्दाख, चंडीगढ़, लक्षद्वीप जैसे पर्यटन स्थल भी इस दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। इससे पर्यटकों के मन में भी सुरक्षा की भावना आती है। उन्होंने ये भरोसा दिलाया कि केंद्र सरकार पर्यटन को गति देने के लिए हर मोड़ पर खड़ी होगी। बता दें कि पर्यटन क्षेत्र से जुड़े साझेदारों को सौ फीसद सरकारी गारंटी के साथ 10 लाख रुपये तक के लोन का इंतजाम किया गया है। वैक्सीनेशन प्रोग्राम की तेज रफ्तार पर खुशी जाहिर करते हुए पीएम ने पर्यटन को बढ़ावा देने की तमाम बातों के दौरान ये भी कहा कि अभी वायरस अभी गया नहीं है, इसलिए सतर्कता बरतने की जरूरत है।
5- साल 2016 की नोटबंदी भला कौन भूल सकता है, लेकिन सरकार ने जिस उद्देश्य से वो नोटबंदी की थी उसका कोई खास असर नजर नहीं आ रहा, क्योंकि देश में फर्जी करंसी मिलने के मामलों में कोई कमी नहीं आई, बल्कि उल्टा इसमें 190 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है, ये हम नहीं NCRB के आंकड़े कह रहे हैं। NCRB की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2020 में देश में कुल 92.18 करोड़ मूल्य की 8,34,947 फर्जी भारतीय करेंसी पकड़ी गई जो 2019 में पकड़ी गई 25.39 करोड़ रुपए की कुल 2,87,404 फर्जी भारतीय करेंसी की तुलना में 190.5 फीसदी ज्यादा है। बीते साल नकली करंसी पकड़े जाने के कुल 385 केस देश के अलग-अलग पुलिस स्टेशनों में दर्ज किए गए और कुल 633 लोगों को गिरफ्तार किया गया। रिपोर्ट के मुताबिक देश में नकली नोट पकड़े जाने के सबसे ज्यादा 81 मामले पश्चिम बंगाल में दर्ज हुए, जिनमें 111 लोगों को गिरफ्तार कर पुलिस ने 2.46 करोड़ रुपए की कीमत के 24,227 नकली नोट बरामद किए। दूसरे नंबर पर रहा यूपी, जहां 52 मामले दर्ज हुए और 55 लोगों की गिरफ्तारी के साथ 38.79 लाख रुपए की कीमत के 17,078 नकली नोट बरामद किए गए। वहीं महाराष्ट्र में फर्जी नोट बरामदगी के 42 केस दर्ज हुए, जहां पुलिस ने 97 लोगों के पास से 83.61 करोड़ रुपए की कीमत के 6,99,495 भारतीय नकली नोट पकड़े।