आज मंगलवार है, तारीख 17 अगस्त 2021; श्रावण मास, शुक्ल पक्ष और दशमी तिथि
1- कोरोना महामारी के चलते जान गंवाने वाले 4 लाख से ज्यादा लोगों के परिजनों को केन्द्र सरकार की तरफ से मुआवजे की रकम अब तक तय नहीं की गई है, सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में गाइडलाइस तैयार करने के लिए और 4 हफ्ते का वक्त दिया है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 30 जून को National Disaster Management Authority को इसे लेकर 6 हफ्ते में दिशा निर्देश तैयार करने के निर्देश दिए थे जिसके बाद NDMA ने 28 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि कोरोना के चलते जान गंवाने वालों के परिजनों को दिए जाने वाले मुआवजे की रकम तय करने के लिए कुछ और समय दिया जाए। जिसके बाद याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 4 हफ्ते का समय बढ़ाया है। मुआवजे की रकम तय करने में समस्या इसलिए आ रही है क्योंकि सरकार का कहना है कि आपदा कानून के दायरे में भूकंप, बाढ़ जैसी 12 तरह की प्राकृतिक आपदाएं आती हैं जिनमें से किसी भी आपदा में जन हानि होने पर राज्य आपदा राहत कोष से 4 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाता है लेकिन कोरोना महामारी के चलते जानें जाना इन आपदाओं से भिन्न है, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने सरकार की दलील पर सहमति जताते हुए मुआवजे की रकम तय करने के लिए चार और हफ्तों का समय दिया है। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि कोविड के चलते जान गंवाने वालों के परिजनों को कितना मुआवजा दिया जाए, ये सरकार खुद तय करे लेकिन परिजनों को मुआवजा देना होगा। बता दें कि देशभर में कोरोना संक्रमण के चलते अभी तक 4 लाख 31 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हुई है, जिनके परिवार को सरकार की तरफ से मुआवजा दिए जाने के दिशा निर्देश तैयार हो रहे हैं।
2- वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने साफ कहा कि डीजल पेट्रोल पर लगी एक्साइज ड्यूटी को घटाया नहीं जा सकता। वित्त मंत्री ने सोमवार को इसकी वजह बताते हुए तेल की बढ़ी हुई कीमतों का ठीकरा कांग्रेस से सिर फोड़ा है। वित्तमंत्री ने UPA सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि मौजूदा सरकार पिछली सरकार के बोझ को ढ़ो रही है मनमोहन सरकार ने पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स के दाम घटाने के लिए 2005-2009 के दौरान 1.44 लाख करोड़ रुपए के ऑयल बॉन्ड जारी किए और ऑयल मार्केटिंग कंपनियों से कर्ज लिए। जिसका भुगतान मौजूदा सरकार को करना पड़ रहा है। हमने इस ऑयल बॉन्ड पर पिछले 5 साल में 70,196 करोड़ रुपए का ब्याज भरा है, 31 मार्च 2021 तक 1.31 लाख करोड़ रुपए की आउटस्टैंडिंग रही और साल 2026 तक सरकार को ब्याज के रूप में ही 37,340 करोड़ रुपए का भुगतान करना है, ऐसी स्थिति में फ्यूल पर लगी एक्साइज ड्यूटी घटाकर पेट्रोल-डीजल के दाम घटाना संभव नहीं है। बता दें कि सरकार डीजल पर 32 रुपये जबकि पेट्रोल पर 33 रुपये की एक्साइज ड्यूटी वसूल रही है। जिसके चलते इनकी कीतम देश के कई राज्यों में 100 रुपये का आंकड़ा पार कर चुकी है।
3- दिल्ली सरकार की एक पॉलिसी प्राइवेट स्कूलों को इतनी भारी पड़ी है कि प्राइवेट स्कूलों के पास टीचर्स की सैलरी और स्कूल मैनेजमेंट के लिए भी फंड नहीं बचा, ये कहना है दिल्ली के प्राइवेट स्कूलों के संगठनों का, और इसीलिए प्राइवेट स्कूलों के ऑर्गनाइजेशन ने दिल्ली सरकार से 500 करोड़ से ज्यादा के मुआवजे की मांग की है। दरअसल दिल्ली सरकार ने बिना टीसी के ही सरकारी स्कूलों में एडमिशन की पॉलिसी लागू की, जिसका नतीजा ये हुआ कि प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने वाले बहुत से छात्रों ने बिना फीस भरे और टीसी लिए बिना ही स्कूल छोड़कर सरकारी स्कूलों में एडमिशन लिया है। जिससे प्राइवेट स्कूलों को खासा नुकसान उठाना पड़ रहा है। दिल्ली के तमाम प्राइवेट स्कूलों ने दावा किया है कि कोरोना काल के दौरान 2 लाख से ज्यादा स्टूडेंट्स ने बिना टीसी लिए प्राइवेट स्कूल छोड़ा है। जिसके लिए प्राइवेट स्कूलों के ऑर्गनाइजेशन नेशनल इंडिपेंडेंट स्कूल्स अलायन्स के गाइडेंस में अफोर्डेबल प्राइवेट स्कूल्स एसोसिएशन, दिल्ली इंडिपेंडेंट स्कूल्स एसोसिएशन, साउथ दिल्ली मैनेजमेंट स्कूल्स एसोसिएशन और प्राइवेट लैंड पब्लिक स्कूल एसोसिएशन सहित कई स्कूलों ने दिल्ली सरकार की पॉलिसी को जिम्मेदार बताया है और प्राइवेट स्कूलों को हुए फीस के नुकसान की भरपाई के लिए दिल्ली सरकार से 520 करोड़ रुपये की मांग की है।
4- कोरोना महामारी की तीसरी लहर की आशंकाओं के बीच उत्तर प्रदेश में सेकेंडरी स्कूलों के साथ साथ प्राइमरी स्कूलों को भी खोलने की तैयारी है। संक्रमण की दूसरी लहर में घटते मामलों को देखते हुए प्रदेश सरकार ने फैसला लिया है कि रक्षाबंधन के बाद स्कूल खोले जाएंगे। इसके लिए सीएम योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को पदाधिकारियों संग बैठक की और रक्षा बंधन के बाद स्कूल खोले जाने के निर्देश दिए। बता दें कि यूपी में 23 अगस्त से जहां 6-8 क्लास के लिए स्कूल खुल जाएंगे तो वहीं प्राइमरी यानि 1-5 क्लास के स्कूल एक सितंबर से खोले जाएंगे। जबकि 16 अगस्त से 9-12 क्लास के लिए स्कूल, कॉलेज औऱ इंस्टीट्यूट और कोचिंग सेंटर्स खोल दिए गए हैं। इसके लिए जारी दिशा निर्देशों के तहत कोविड प्रोटोकॉल्स के साथ दो शिफ्ट में क्लासेज होंगी।
5- तालिबान और अफगानिस्तान के बीच महीनों चली जंग में आखिरकार अफगानिस्तान ने घुटने टेक दिए, और अफगानिस्तान पर एक बार फिर तालिबान काबिज है, लेकिन इस बीच अमेरिकी सेना का अफगानिस्तान को संकट में छोड़ कर चले जाना सुर्खियों में है, मीडिया समेत विपक्ष बाइडेन के फैसले पर सवाल उठा रहे हैं, इसी बीच अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने देश को संबोधित करते हुए कहा कि अफगानिस्तान से अमेरिकी सेना को वापस बुलाने का उनका फैसला सही था, उन्होंने अफगानिस्तान के खराब हालात के लिए राष्ट्रपति अशरफ गनी को जिम्मेदार बताया और कहा कि वहां की सेना और सरकान ने बिना लड़े ही हथियार डाल दिए और गनी देश छोड़कर भाग गए, इसके लिए दुनिया को उनसे सवाल पूछने चाहिए। बाइडन ने कहा कि अमेरिकी सेना ने अफगानिस्तान में बहुत जोखिम उठाए हैं, और जोखिम नहीं उठा सकती थी। हम कोशिश कर रहे हैं कि अमेरिका का हर नागरिक वहां से सुरक्षित लौटे। उन्होंने अमेरिकी सेना को वापस बुलाने के अपने फैसले को सही बताते हुए कहा कि हमारे पास दो ही ऑप्शन थे, या तो हम तालिबान से हुआ समझौता लागू करते और फोर्स वापस बुलाते। या लड़ाई जारी रखने के लिए और हजारों सैनिक वहां भेजते। अफगानिस्तान में अपनी बीस साल की मेहनत पर बोलते हुए बाइडेन ने कहा कि हमने अफगानिस्तान को बनाने के लिए अलकायदा औऱ लादेन का खात्मा किया, हर संभव कोशिश की, अरबों डॉलर खर्च कर अफगान फोर्स को ट्रेनिंग दी, लेकिन 20 साल की ट्रेनिंग के बाद भी वहां की फौज ने सरेंडर कर दिया। ये एक गंभीर मुद्दा है। तालिबान ने हिब्तुल्लाह अखुंदजादा को अमीर अल मोमिनीन, यानी अफगानिस्तान का नया राष्ट्रपति घोषित कर दिया है। अरबी में हिब्तुल्लाह का अर्थ है ईश्वर का तोहफा। वहीं हिब्तुल्लाह की गिनती उन क्रूर तालिबानियों में होती है जिसने कत्ल के गुनहगारों, अवैध संबंध रखने वालों की हत्या करवा दी। चोरी करने वालों के हाथ काटने की सजा दी।
इससे जुड़ी एक और खबर। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान अक्सर तालिबानियों के पक्ष में अपनी बात रखने के लिए जाने जाते हैं। तालिबान के काबुल पर कब्जा करने के बाद तो पाकिस्तान के कई इलाकों में खुशियों के पटाखे फूटे थे। अब इमरान खान ने एक तालिबान की तारीफ में एक बयान दिया है। इस्लामाबाद में एक कार्यक्रम में इमरान खान ने तालिबान की तारीफ की। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान में क्या हुआ या क्या हो रहा है? वहां गुलामी की जंजीरें ही तो तोड़ी जा रही हैं।
वहीं देश छोड़ कर भाग चुके अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी देश छोड़ते वक्त अपने साथ 4 कारें और हेलिकॉप्टर में कैश भरकर ले गए हैं। रूस की RIA न्यूज एजेंसी ने अपनी एम्बेसी के हवाले से यह दावा किया है कि गनी के पास कैश इतनी ज्यादा थी कि हेलिकॉप्टर में नहीं आई तो उसे एयरपोर्ट पर ही छोड़ दिया गया। वहीं तालिबान ने भी दावा किया था कि उसे काबुल एयरपोर्ट पर 50 लाख डॉलर के करीब कैश मिला है।
6- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर कोरोना वायरस फैलाने का आरोप लगाने वाले 70 साल के एक बुजुर्ग को जोनपुर पुलिस ने रविवार को चेन्नई से गिरफ्तार किया, और सोमवार को ट्रांजिट रिमांड पर लाकर अदालत में पेश किया गया जहां से बुजुर्ग को जेल भेज दिया गया है। बता दें कि सुरेरी थाना क्षेत्र के कोहदौरा गांव के रहने वाले 70 साल के मनमोहन मिश्र पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है। दरअसल सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में बुजुर्ग मनमोहन मिश्र ने कोरोना की तीसरी लहर को लेकर पीएम के खिलाफ आपत्तिजनक बयान दिया, पुलिस ने मामले का संज्ञान लिया और नगर कोतवाली में भारतीय दंड संहिता, महामारी अधिनियम और आपदा प्रबंधन अधिनियम की धाराओं के तहत 8 अगस्त को केस दर्ज किया गया और मोबाइल लोकेशन ट्रेस कर बुजुर्ग को गिरफ्तार किया।