1- तालिबान धीरे धीरे अफगानिस्तान पर अपना कब्जा बढाता जा रहा है, हफ्ते भर के भीतर ही तालिबान ने अफगानिस्तान की 34 प्रांतीय राजधानियों मे से 11 पर कब्जा कर लिया है, कंधार पर कब्जे के बाद अब अफगानिस्तान सरकार के हाथ सिर्फ काबुल और कुछ छोटे प्रांत ही रह गए हैं। अमेरिका सहित कई देशों के डिफेंस एक्सपर्ट मानकर चल रहे थे कि तालिबान को काबुल कब्जाने में 3 से 6 महीने का समय लग सकता है, लेकिन उनके दावे गलत साबित होते नजर आ रहे हैं क्योंकि तालिबानी अब काबुल से मात्र 150 किलोमीटर दूर रह गए हैं। इसी बीच कतर में चल रही बातचीत में अफगानिस्तान सरकार ने तालिबान से लड़ाई खत्म करने के लिए सरकार में हिस्सेदारी का ऑफर दिया है। अफगानिस्तान पर कब्जा करते जा रहे तालिबान की ताकत देख अमेरिका भी उससे डरा हुआ है और उसने नागरिकों से अफगानिस्तान छोड़ने को कहा है। बताया जा रहा है कि अमेरिकी वार्ताकारों ने तालिबान से अपने नागरिकों और दूतावास पर हमला न करने की अपील भी की है। भारत ने भी अपने नागरिकों से तुरंत अफगानिस्तान छोड़ने के लिए जल्द दूतावास की वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन कराने को कहा है।
2- संसद के मानसून सत्र के दौरान हुए हंगामे के चलते सत्र भले दो दिन पहले खत्म कर दिया गया हो लेकिन इस हंगामे के बीच बदसलूकी और मारपीट का मुद्दा गर्माया हुआ है। इसके विरोध में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने 15 विपक्षी दलों के साथ संसद से विजय चौक तक मार्च निकाला। इस मुद्दे पर विपक्ष और सरकार अपनी अपनी सफाई दे रहे हैं। विपक्ष ने आरोप लगाया के कि सदन के अंदर सांसदों से मारपीट की गई, कांग्रेस और विपक्ष का आरोप है कि राज्यसभा में सांसदों से ज्यादा मार्शल थे, कांग्रेस नेताओं का कहना है कि 10 अगस्त से ही राज्यसभा में ज्यादा सुरक्षाकर्मी तैनात थे जो सामान्य दिनो में नहीं होते, महिला सांसदों ने भी राज्यसभा में बदसलूकी का आरोप लगाते हुए कहा है कि पुरुष मार्शलों ने उनके साथ धक्कामुक्की की। विपक्ष की एकजुटता से उठी इस आवाज पर सरकार ने भी करारा जवाब दिया। हंगामे और धक्कामुक्की पर वेंकैया नायडू ने भी अधिकारियों को रिपोर्ट मांगी, अधिकारियों की दी गई रिपोर्ट में कहा गया है कि 10 अगस्त को बाहर से कोई मार्शल तैनात नहीं किया गया, लोकसभा और राज्यसभा के सिर्फ वॉच और वॉर्ड स्टाफ को मार्शल के तौर पर तैनात थे। रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि सांसदों ने पुरुष और महिला मार्शलों के साथ धक्कामुक्की और खींचातानी की है, किसी मार्शन ने सांसदों के साथ कोई बदसलूकी नहीं की।
3- रेप पीड़िता के परिवार की पहचान ट्वीट कर सार्वजनिक करने के मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी का ट्विटर अकाउंट लॉक किया गया है, लेकिन ट्विटर अकाउंट होने के बाद उन्होंने अपनी बात लोगों के बीच रखने के लिए दूसरे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल शुरु किया है। ट्विटर अकाउंट लॉक होने के बाद अब राहुल गांधी इंस्टाग्राम के जरिए सरकार पर निशाना साथ रहे हैं। राहुल गांधी ने इंस्टा पोस्ट में लिखा, डरो मत, सत्यमेव जयते। उन्होंने इंस्टाग्राम की अपनी पोस्ट में लिखा, अगर किसी के प्रति दया या सहानुभूति दिखाना क्राइम है, तो मैं अपराधी हूं. अगर रेप-मर्डर पीड़ित के लिए न्याय मांगना गलत है तो मैं दोषी हूं, वो हमें एक प्लेटफॉर्म पर लॉक कर सकते हैं, लेकिन वे लोगों के लिए उठने वाली हमारी आवाज को बंद नहीं कर सकते हैं, दया, प्यार, न्याय का संदेश वैश्विक है, 1.3 बिलियन भारतीयों को चुप नहीं किया जा सकता। राहुल गांधी के अलावा कांग्रेस नेताओं का विरोध ट्विटर पर भी जारी है, कांग्रेस ने दावा किया है कि उनके 5 हजार ट्विटर अकाउंट्स को ब्लॉक किया गया है। इसका विरोध करते हुए कांग्रेस नेता श्रीनिवास ने तो अपने ट्विटर अकाउंट का नाम ही राहुल गांधी कर दिया है,जबकि प्रियंका गांधी ने अपनी प्रोफाइल पिक्चर में राहुल गांधी की तस्वीर लगाई है। प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर ट्विटर और सरकार के खिलाफ अपना गुस्सा जाहिर करतेहुए लिखा, कांग्रेस के नेताओं के अकाउंट्स ब्लॉक करके ट्विटर ने लोकतंत्र की हत्या के लिए बीजेपी से दोस्ती की है, उन्होंने सवाल किया, कांग्रेस के अकाउट्स सस्पेंड करने के लिए ट्विटर मोदी सरकार की पॉलिसी बना रहा है या अपनी।
4- देशभर के पुलिस बलों में बढ़ेगी महिला कर्मियों की संख्या। जी हां, केन्द्र सरकार ने महिलाओं के लिए अहम फैसला लेते हुए देशभर के पुलिस बलों में महिला कर्मियों की कुल संख्या, जो मौजूदा समय में 10.30 फीसद है उसे बढ़ाकर 33 फीसदी तक करने का निर्देश दिये हैं, 10 अगस्त को लोकसभा में इसकी जानकारी देते हुए गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा था कि सशस्त्र पुलिस सहित देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के लिए कुल स्वीकृत पुलिस बल 26 लाख 23 हजार 225 है जिसमें से 5 लाख 31 हजार 737 पद अभी भी खाली हैं। जिसके बाद केन्द्र सरकार ने सभी पुलिस बलों में महिला कर्मियों की संख्या बढ़ाकर 33 प्रतिशत करने के निर्देश जारी किए हैं।
5- केन्द्र सरकार भारत बायोटैक की कोरोना वैक्सीन कोवैक्सीन को विश्व स्वाश्त्य संगठन से मंजूरी दिलाने की कोशिशों में लगी है, इसी कड़ी में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कल, गुरुवार को WHO की मुख्य वैज्ञानिक डा. सौम्या स्वामीनाथन से मुलाकात कर, कोवैक्सीन के लिए वैश्विक स्वास्थ्य निकाय की मंजूरी के बारे में बातचीत की। स्वास्थ्य मंत्री ने खुद ट्वीट कर इसकी जानकारी दी, साथ ही ये भी बताया कि बैठक में डा. सौम्या स्वामीनाथन ने कोरोना की रोकथाम के लिए भारत द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की। बता दें कि कोवैक्सीन मौजूदा समय में WHO की EUL यानि आपातकालीन उपयोग सूची का हिस्सा नहीं है, जिसके लिए 9 जुलाई को ही कागजी प्रक्रिया भारत बायोटेक की तरफ से पूरी हो चुकी है, और WHO ने बी समीक्षा प्रक्रिया शुरु कर दी है। WHO, EUL सबमिशन पर फैसला लेने मे 6 हफ्ते का वक्त लेता है।
6- एक तरफ कोरोना महामारी की तीसर लहर का डर सता रहा है और दूसरी तरफ देश के विभिन्न राज्यों में स्टूडेंट्स के लिए स्कूलों में ऑफलाइन क्लासेज शुरु कर करने का दौर शुरु हो गया है। कुछ राज्यों में स्कूल खुल चुके हैं तो कुछ खोलने की कतार में हैं, लेकिन ऐसे में छात्रों में कोरोना संक्रमण का डर भी सता रहा है। कोरोना काल के बीच स्कूल-कॉलेज खोले जाने को लेकर अमेरिकी रिसर्चर्स ने HVAC सिस्टम यानि हीट, वेंटिलेशन और एयर कंडिशनिंग पर ध्यान देने की बात कही है। शोधकर्ताओं का कहना है कि महामारी के चलते लंबे वक्त से बंद स्कूल-कॉलेज फिर से खोले जा रहे हैं ऐसे में क्लासरूम में वेंटिलेशन, अच्छी हीटिंग और एयर कंडीशनिंग का ज्यादा ध्यान रखना
होगा। अमेरिका की मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी ने अपनी स्टडी में कहा है कि HVAC सिस्टम से हवा में मौजूद वायरस एक जगह नहीं टिक सकेगा और इससे काफी हद तक वायरस संक्रमण से सुरक्षा मिल सकेगी।