स्मिथा सिंह, नई दिल्ली
International Left-Handers Day: 13 अगस्त को मनाया जाता है एक अनोखा और खास दिन, International Left-Handers Day यानि अंतर्राष्ट्रीय वाम हस्त दिवस, इस दिन को विश्वभर में लेफ्ट हैंडर्स सेलिब्रेट करते हैं, अब बायें हाथ से काम करना ऐसा क्या खास है, जो उनके लिए एक दिन ही समर्पित है, ये वाकई उत्सुक्ता का विषय है और इस दिन को मनाने की शुरुआत कब किस उद्देश्य से की गई होगी, ये जानना भी जरूरी है। तो चलिए इस आर्टिकल में आपको इन तमाम सवालों के जवाब देते हैं और इस विषय को समझाते हैं, ताकि आप भी लेफ्ट हैंडर्स डे मनाने के उद्देश्य से वाकिफ हो सकें।
आज यानि 13 अगस्त को है International Left-handers Day, जो देश ही नहीं दुनियाभर में सेलिब्रेट किया जाता है, और इस साल हम 29वां Lefthanders Day मना रहे हैं, क्योंकि इस दिन को मनाने की शुरुआत हुई थी साल 1992 में, जब 13 अगस्त को पहला Left-Handers Day मनाया गया। इस दिन को मनाने की शुरुआत Left-handers Club द्वारा की गई, जिसका उद्देश्य था Left-handers अनोखी विशेषताओं से सभी को वाकिफ कराना और लोगों के इनके नफा-नुकसान के प्रति जागरुक करना। लेफ्ट हैंडर्स क्लब को साल 1990 में इसी उद्देश्य से बनाया गया था लेफ्ट हैंडर्स को उस क्लब से जोड़कर, क्लब में शामिल सदस्यों के डेवलपमेंट पर ध्यान दिया जाए। ये क्लब लेफ्टीज को जरूरी सलाह के साथ ही उनकी मदद भी करता था। वैसे इस दिन को पहली बार साल 1976 में डीन Dean R Campbell ने मनाया था और बाद में इस वैश्विक स्तर पर मनाने की शुरुआत हुई, ताकि लोगों को ये समझाया जा सके कि लैफ्ट हैंडर्स किसी भी तरह से राइट हैंडर्स
से अलग, कमजोर या एबनॉर्मल नहीं बल्कि बेहतर हैं।
वास्तव में कुछ लोगों द्वारा बायें हाथ यानि Left Hand से ही अपने सारे काम करने के पीछे कोई बीमारी, या खामी नहीं होती बल्कि इसके पीछे साइंटिफिक रीजन होता है। बच्चा जन्म के बाद अपने बायें हाथ से काम करेगा या दाएं से, ये तो मां के गर्भ में ही तय हो जाता है, क्योंकि बच्चे को अपने माता-पिता से खास तरह का जीन विरासत में मिलता है, जो बच्चे को लेफ्टी बनाता है। वैसे लड़कियों की तुलना में ज्यादातर लड़के ही लेफ्ट हैंडर होते हैं।
हर साल 13 अगस्त को लेफ्ट हैंडर्स डे के मौके पर कई तरह के जागरुकता कार्यक्रम और लेफ्टहैंडर्स के सेलिब्रेशन प्रोग्राम ऑर्गानइज किए जाते हैं। तमाम तरह के ऐसे खेलों और एक्टिविटीज के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं जिन्हें बायें हाथ से ही खेलना या करना होता है, जैसे लेफ्ट हैंड टी पार्टीज़, लेफ्ट वर्सेज़ राइट स्पोर्ट मैच, ऐसे मजेदार खेल जिन्हें लेफ्ट हैंड से ही खेलना होता है। ऐसे कार्यक्रमों को आयोजित करने का एक ही उद्देश्य होता है, लोगों को ये समझाना कि राइट हैंडर्स के मुताबिक बने सहूलियत के हर सामान के इस्तेमाल में लेफ्ट हैंडर्स भी ऐसी दिक्कतों से रोजाना जूझते हैं।
अब अगर आप कहेंगे कि इसको समझाने के लिए एक दिन डेडीकेट करने की क्या जरूरत है, तो जरूरत इसलिए है क्योंकि राइट हैंडर्स के इस जहान में मात्र कुछ लोग हैं जो अपने सारे काम उल्टे हाथ से करते हैं। आपको शायद पता न हो कि विश्वभर में महज 10 फीसद के करीब लोग ही अपने सभी काम यहां तक कि लिखना-खाना भी बायें हाथ यानि Left Hand से करते हैं, लोग बायें हाथ से लिखने, खाने या दूसरे सभी काम करने वाले लोगों को अजीब समझते हैं, भारतीय संस्कृति में तो बायें हाथ से काम करना ही अशुभ समझा जाता है, लेकिन विज्ञान की नजर से राइट हैंडर्स के मुकाबले लैफ्ट हैंडर्स सचमुच खास होते हैं।
कुछ रिसर्च कहती हैं कि लेफ्टीज काफी स्पेशल होते हैं, जैसे- लेफ्ट हैंडेड पीपल्स का आईक्यू लेवल, राइट हैंडस् की तुलना में ज्यादा होता है, लैफ्टीज अपने ब्रेन के राइट पार्ट का इस्तेमाल ज्यादा करते हैं, बांए हाथ से काम करने वाले ज्यादा क्रिएटिव और लॉजिस्टिक और मल्टी टास्किंग होते हैं, म्यूजिक और आर्ट में ये अपनी कल्पना शक्ति का ज्यादा इस्तेमाल करते हैं इतना ही नहीं स्पोर्ट्स में भी राइट हैंडस् के मुकाबले लैफ्टीज ज्यादा काबिल होते हैं, बेसबॉल, खिलाड़ियों, टेनिस, तैराकी, मुक्केबाजी और तलवारबाजी जैसे खेलों में ये बेहतर परफॉर्म कर पाते हैं। लैफ्टीज के पास राइट हैंडर्स के मुकाबले बेहतर अंडरवाटर-विजन है।
विश्व में ऐसे बहुत से खास व्यक्तित्व हैं जो लैफ्टी हैं जैसे भारत में क्रिकेट सचिन तेंदुलकर, सुरेश रैना, बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता अमिताभ बच्चन, पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह, लोक गायिका मालिनी अवस्थी, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद। इतना ही नहीं बराक ओबामा, बिल गेट्स, मार्क जुकरबर्ग लेडी गागा जैसी जानी मानी हस्तियां भी लैफ्ट हैंडर हैं। वैसे ऐसा नहीं है कि लेफ्ट हैंडर्स खूबियों का खजाना हैं तो उन्हें कोई समस्या नहीं होती, जैसा मैंने ऊपर भी लिखा कि उन्हें भी अपनी रोजमर्रा की जिंदगी मे कई तरह की दिक्कतों से दो-चार होना पड़ता है, और ये भी एक वजह है कि इस दिन के माध्यम से ऐसे तमाम पहलुओं के प्रति लोगों को जागरुक करनमे का प्रयास होता है, ताकि इस कुछ फीसद स्पेशल आवाम को भी रोजमर्रा की जिंदगी में सबके जैसी सहूलियतें संभव हों। मसलन, विश्व में 90 फीसद राइट हैंडर्स की आबादी होने की
वजह से मशीने, इक्यूपमेंट्स राइट हैंड यूज के हिसाब से मेन्यूफैक्टर होते हैं ऐसे में अपने सभी कामों के लिए उल्टा हाथ जगन्नाथ वाले लोग दिक्कतों के दौर से गुजरते हैं। कई मायनों में राइट हैंडर्स से बेहतर लेफ्ट हैंडर्स के साथ कुछ और दिक्कतें भी होती हैं, ये चोटों से जल्दी रिकवर करते हैं लेकिन माइग्रेन और नींद न आने की प्रॉबलम इनमें ज्यादा होती है।