1- पीएनबी घोटाले के आरोपी, भगोड़े मेहुल चौकसी को सोमवार को डॉमिनिका कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। कोर्ट ने मेडिकल आधार पर मेहुल चौकसी को जमानत दे दी है साथ ही उसे ऐंटीगा ऐंड बारबूडा जाने की इजाजत भी मिल गई है। बता दें कि भारतीय बैंकों से हजारों करोड़ रुपये का घोटाला करके विदेश भागे मेहुल चौकसी को करीब दो महीने पहले डॉमिनिका में गिरफ्तार किया गया था जहां उस पर डोमिनिका में अवैध तरीके से दाखिल होने को लेकर कानूनी कार्यवाही चल रही थी, और तभी से भारतीय एजेंसियां उसके प्रत्यर्पण की कोशिश कर रही थीं, लेकिन डोमिनिका कोर्ट से इलाज के लिए चौकसी को मिली जमानत के बाद उसे भारत वापस लाने के लिए प्रत्यर्पण की सुनवाई भी फिलहाल टाल दी गई है। बताया जा रहा है कि मेहुल चौकसी ने अपनी खराब होती तबियत को लेकर कोर्ट में अर्जेंट एपलीकेशन लगाई थी। जिसके बाद कोर्ट ने उसे सशर्त जमानत दी है और इलाज के बाद उसे वापस डॉमिनिका आना होगा।
2- देश के कई राज्यों में आकाशीय बिजली गिरने से 78 लोगों ने अपनी जिन्दगी गंवाई। उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान जैसे राज्यों में बिजली गिरने से हुई इन मौतों पर शोक व्यक्त किया और जान गंवाने वालों के परिजनों के लिए राहत राशि की घोषणा की। आकाशीय बिजली गिरने से मरने वालों के परिजनों को बतौर मुआवजा राशि दो-दो लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार रुपये प्रधानमंत्री राहत कोष से दिए जाएंगे। वहीं राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मृतकों के प्रति संवेदना व्यक्त करते हुए उनके परिजनों को बतौर सहायता राशि पाच-पांच लाख रुपये की देने की घोषणा की है। बता दें कि आकाशीय बिजली की चपेट में आने से उत्तर प्रदेश में 41, मध्य प्रदेश दो दिन में 14 और राजस्थान में छह अलग अलग जिलों में 23 लोगों की मौत हुई है।
3- कोरोना महामारी की तीसरी लहर के प्रति आगाह करते हुए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने सोमवार को एक प्रेस रिलीज जारी कर कहा है कि थर्ड वेब करीब है, पर्यटन, तीर्थयात्राएं और धार्मिक उत्साह, ये सही हैं लेकिन इनके लिए अगले कुछ महीने इंतजार किया जा सकता है। IMA ने कहा कि इतिहास की महामारियों को देखें तो ये साफ है कि कोरोना की तीसरी लहर भी जरूर आएगी, जो कि काफी करीब है। लोगों के लापरवाह रवैये पर दुख जताते हुए IMA ने चेतावनी भरे शब्दों में कहा कि भारत हाल ही में भयावह दूसरी लहर से बाहर आया है और इसके पीछे हेल्थ सेक्टर की कोशिशें हैं। दुख जताते हुए IMA ने कहा कि, देश में अलग अलग जगहों पर जनता और सरकार का रवैया
लापरवाह है। कोविड प्रोटोकॉल का पालन किए बिना भीड़ इकट्ठा करने में जुटे हैं। बिना वैक्सीनेशन के टूरिस्ट प्लेसों और धार्मिक यात्राओं में जुटने वाली ये भी कोरोना की तीसरी लहर के लिए सुपरस्प्रेडर बन सकती है। वैक्सीनेशन के जरिए तीसरी लहर के असर को कम करना संभव है लेकिन साथ ही कोविड प्रोटोकॉल्स का भी पालन करना चाहिए और अगले 2-3 महीने जोखिम नहीं उठाना चाहिए। वहीं हैदराबाद विश्वविद्यालय के कुलपति रहे, वरिष्ठ भौतिकशास्त्री डॉ. विपिन श्रीवास्तव का कहना है कि 4 जुलाई से संक्रमण की तीसरी लहर शुरु हो चुकी है। उन्होंने कोरोना संक्रमण के फैलाव के विश्लेषण के आधार पर कहा है कि 4 जुलाई की तारीख, इस साल फरवरी के पहले सप्ताह जैसी लगती है जब देश में दूसरी लहर शुरू हुई थी।
4- नए केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सोमवार को मेडिकल यूजी एंट्रेंस एग्जाम NEET 2021 की तारीख की घोषणा की। केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने ट्वीट कर इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा यानी नीट (यूजी) 2021 देशभर में कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन के साथ 12 सितंबर 2021 को आयोजित की जाएगी। पहले यह परीक्षा 01 अगस्त 2021 को होनी थी जिसकी तारीख बदल कर अब 12 सिंतबर की गई है। नीट 2021 के लिए ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया आज, मंगलवार, 13 जुलाई 2021 से शुरू हो रही है। आपको बता दें कि कोरोना गाइडलाइन्स के मद्देनजर परीक्षा केंद्रों की संख्या बढ़ाई गई है, पहले ये परीक्षा देश के 155 शहरों में होनी थी जो अब कोविड-19 गाइडलाइंस का पालन करते हुए देश के 198 शहरों होगी।
5- कोरोना महामारी की दूसरी लहर के पीक के दौरान गंगा में बही लाशों के बाद गंगा जल दूषित होने की चिंताएं बढ़ गई थीं और इसीलिए गंगाजल में प्रदूषण के स्तर को जांचने की जिम्मेदारी नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा ने यूपी-बिहार के पल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के साथ ही आईआईटीआर को सौंपी थी। जिसके बाद एक्सपर्ट्स की टीम ने दो चरणों में गंगाजल के नमूने लेकर उसकी जांच की, इस जांच में पता चला कि गंगा में बहाई गई लाशों के कारण गंगाजल दूषित नहीं हुआ, यानि कोरोना वायरस संक्रमण पानी में नहीं मिला लेकिन गंगा में पानी में इतनी ज्यादा मात्रा में केमिकल्स मौजूद होने की बात सामने आई है कि गंगाजल पीना तो दूर नहाने लायक भी नहीं रहा। तय मानक से ज्यादा मात्रा में पाए गए केमिकल्स के साथ गंगाजल में ऑक्सीजन की मात्रा तय मानक से कम और ई-कोलाई बैक्टीरिया भी पाया गया है।
6- केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ महीनों से आंदोलन कर रहे किसान अपनी मांगों पर अड़िग हैं, इसी को लेकर किसान नेताओं ने आगे की रणनीति बनाई है, भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने सोमवार को घोषणा की है कि किसान आंदोलन को और तेज करने के लिए 5 सितंबर को एक बड़ी पंचायत करेंगे जिसमें आंदोलन की आगे की रणनीति बनाई जाएगी। साथ ही उन्होंने तमाम अफवाहों को विराम देते हुए साफ किया कि वे चुनाव नहीं लड़ेंगे, लेकिन वोट की चोट देंगे। उन्होंने ये भी कहा कि यदि केन्द्र सरकार किसानों से बातचीत करना चाहती है तो किसान तैयार हैं। 22 तारीख से हमारा दिल्ली जाने का कार्यक्रम रहेगा। 22 जुलाई से संसद सत्र शुरू होगा और किसानों की आवाज संसद में उठाने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा 17 जुलाई तक सभी विपक्षी दलों को चेतावनी पत्र भेजेगा साथ ही मानसून सत्र खत्म होने तक रोजाना 200 के करीब किसान संसद के बाहर कृषि कानूनों के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराएंगे।