केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ महीनों से आंदोलन कर रहे किसान अपनी मांगों पर अड़िग हैं, इसी को लेकर किसान नेताओं ने आगे की रणनीति बनाई है, भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने सोमवार को घोषणा की है कि किसान आंदोलन को और तेज करने के लिए 5 सितंबर को एक बड़ी पंचायत करेंगे जिसमें आंदोलन की आगे की रणनीति बनाई जाएगी। साथ ही उन्होंने तमाम अफवाहों को विराम देते हुए साफ किया कि वे चुनाव नहीं लड़ेंगे, लेकिन वोट की चोट देंगे। उन्होंने ये भी कहा कि यदि केन्द्र सरकार किसानों से बातचीत करना चाहती है तो किसान तैयार हैं। 22 तारीख से हमारा दिल्ली जाने का कार्यक्रम रहेगा। 22 जुलाई से संसद सत्र शुरू होगा और किसानों की आवाज संसद में उठाने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा 17 जुलाई तक सभी विपक्षी दलों को चेतावनी पत्र भेजेगा साथ ही मानसून सत्र खत्म होने तक रोजाना 200 के करीब किसान संसद के बाहर कृषि कानूनों के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराएंगे।