1- कैबिनेट में 28 पदों की रिक्तियों को भरने के लिए कवायद जारी है, इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कल, 7 जुलाई को कैबिनेट का पहला विस्तार कर सकते हैं। इस विस्तार में 17 से 22 सांसदों को मंत्री बनाए जाने की संभावना है, वहीं ऐसे मंत्री जो पहले से ज्यादा कार्यभार संभाल रहे हैं, कई मंत्रियों के पास एक से ज्यादा मंत्रालय हैं। ऐसे मंत्रियों के कार्यभार को कम किया जा सकता है, कैबिनेट के विस्तार में जिन्हें मंत्री बनाया जा सकता है उनमें मध्य प्रदेश से ज्योतिरादित्य सिंधिया और उत्तर प्रदेश से अनुप्रिया पटेल के अलावा 3 पूर्व CM के नाम चर्चा में हैं। मंत्री परिषद के विस्तार और फेरबदल के दौरान विधानसभा चुनाव वाले राज्यों का खास ध्यान रखा जाएगा। बताया जा रहा है कि कैबिनेट के विस्तार से पहले आज पीएम मोदी इसे लेकर अपने आवास पर ही एक अहम बैठक करेंगे, जिसमें बीजेपी चीफ जेपी नड्डा, राजनाथ सिंह, अमित शाह, निर्मला सीतारमण के साथ ही अन्य शीर्ष मंत्री शामिल हो सकते हैं। आपको बता दें कि अभी कैबिनेट में कुल 53 मंत्री हैं जबकि संविधान के मुताबिक मंत्रियों की संख्या 79 तक हो सकती है। ऐसे में अब मंत्रीमंडल के विस्तार की तैयारियां की जा रही हैं।
2- अभी देश में कोरोना महामारी की दूसरी लहर पूरी तरह खत्म भी नहीं हुई है कि इसी बीच कोरोना महामारी की तीसरी लहर को लेकर एसबीआई रिसर्च ने कोविड -19: द रेस टू फिनिशिंग लाइन; शीर्षक के साथ एक रिपोर्ट जारी की है। जिसमें कहा गया है कि अगले महीने कोरोना वायरस की थर्ड वेब आ सकती है, जो सितंबर में पीक पर पहुंच सकती है। इस रिपोर्ट में जुटाए गए वैश्विक डेटा के मुताबिक तीसरी लहर का पीक दूसरी लहर के पीक से 1.7 गुना ज्यादा होगा। एसबीआई रिसर्च द्वारा पब्लिश इस रिपोर्ट मे कहा गया है कि दूसरी लहर के दौरान जुलाई महीने में दूसरे हफ्ते तक नए संक्रमितों की रोजाना आने वाली संख्या 10 हजार तक आ जाएगी। जो अगस्त के दूसरे हफ्ते से फिर बढ़ने लगेगी। रिपोर्ट के मुताबिक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के ग्रुप चीफ इकोनॉमिक एडवाइजर सौम्य कांति घोष ने कहा कि, वैक्सीनेशन ही इस संक्रमण से बचाव का एकमात्र उपाय है, लेकिन वैक्सीन लेने के बाद भी मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग और कोविड गाइडलाइन्स का पालन करना जरूरी है।
3- सोमवार को हुई कोविन ग्लोबल कॉन्क्लेव की वर्चुअल मीट में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कोरोना महामारी पर बोलते हुए कहा कि कोरोना से कोई देश अकेले नहीं लड़ सकता, इससे खिलाफ लड़ाई में वैक्सीन ही हमारी सबसे बड़ी उम्मीद है, और हमारी इस लड़ाई में तकनीक एक अहम हिस्सा है। कॉन्क्लेव में पीएम ने कोविन प्लेटफॉर्म के जरिए कोरोना से लड़ने के भारत के अनुभव को साझा किया। उन्होंने कहा कि भारत में हमने शुरुआत से ही वैक्सीन स्ट्रेटेजी प्लान करने के लिए कौविन ऐप जैसा डिजिटल तरीका अपनाया। अब इस सॉफ्टवेयर के मामले में कोई बाधा नहीं है। आपको बता दे कि कोविन ऐप को पूरे देश में वैक्सीनेशन की रणनीति बनाने, उसे लागू करने, निगरानी करने और मूल्यांकन करने के लिए केंद्रीय आईटी प्रणाली ने विकसित किया था। भारत के टीकाकरण अभियान में इस्तेमाल हुई इस तकनीक का उपयोग करने में हाल ही में कई देशों ने दिलचस्पी दिखाई है। जिसे लेकर नेशनल हेल्थ अथॉरिटी ने कहा कि भारत कोविन के साथ मिलकर कोरोना के खिलाफ लड़ाई में दुनिया के साथ हाथ मिलाने के लिए उत्साहित है।
4- कोरोना महामारी की मौजूदा स्थिति को देखते हुए CBSE यानि सेंट्रल बोर्ड ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन ने एकेडमिक सेशन 2021-22 के लिए 10वीं और 12वीं क्लास के एग्जाम दो टर्म में ऑर्गनाइज करने का फैसला किया है। सोमवार को इस बारे में CBSE सर्कुल जारी कर कहा कि 10वीं और 12वीं क्लास के सिलेबस में कुछ खास बदलाव किए हैं, जिसके तहत 2021-22 के एकेडमिक सेशन को दो टर्म में बांटा गया है। दोनों टर्म में 50-50 फीसदी सिलेबस कवर किया जाएगा, बोर्ड हरेक टर्म के आखिरी में बंटे हुए सिलेबस के आधार पर एग्जाम कराएगा। दोनों टर्म में मिले नंबर्स के आधार पर ही फाइनल मार्कशीट बनाई जाएगी। फर्स्ट टर्म के एग्जाम नवंबर-दिसंबर और सेकेंड टर्म के एग्जाम मार्च-अप्रैल में होंगे। इस टर्म एग्जाम का टाइम 90 मिनट या डेढ़ घंटा रखा गया है और एग्जाम बाहर से भेजे गए सेंटर सुप्रिटेंडेंट और ऑब्ज़र्वर्स की निगरानी में आयोजित की जाएंगी और आंसरशीट के मूल्यांकन की प्रक्रिया भी बोर्ड द्वारा ही तय की जाएगी।
5- सोमवार रात दिल्ली एनसीआर में भूकंप के झटके महसूस किए गए, कल रात 10:36 बजे आए इस भूकंप का केन्द्र हरियाणा के झज्जर से 10 किलोमीटर उत्तर में 5 किलोमीटर की गहराई पर था, रिएक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 3.7 मापी गई। दिल्ली एनसीआर में कम तीव्रता वाले भूकंप का सिलसिला लगातार जारी है, अभी बीते महीने ही 20 जून को भी दिल्ली के पंजाबी बाग में 2.1 तीव्रता वाला भूकंप आया था। बीते साल भी दिल्ली एनसीआर में ऐसे कम तीव्रता वाले कई भूकंप आए हैं। जिसके बाद एनसीएस यानि नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी ने दिल्ली एनसीआर की भूकंपीय गतिविधियों की बारीकी से निगरानी के लिए अतिरिक्त भूकंप रिकॉर्डिंग उपकरणों को लगाया गया है।