1- धारा 370 हटाए जाने के लंबे वक्त बाद एक बार फिर कश्मीर की राजनीति में हलचल मची हुई है, जिसकी वजह है आज होने वाली बैठक। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास पर आज जम्मू-कश्मीर; के नेताओं के साथ सर्वदलीय बैठक होने जा रही है। ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि ये बैठक कश्मीर में राजनीतिक प्रकिया और चुनाव की दिशा में अहम साबित हो सकती है, हालांकि बैठक का एजेंडा सार्वजनिक नहीं किया गया है। बैठक के लिए बुलाए गए लगभग सभी नेता अपने-अपने एजेंडे के साथ दिल्ली पहुंच चुके हैं। बैठक में जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती, फारूक अब्दुल्ला, गुलाम नबी आजाद, पूर्व उपमुख्यमंत्री कविंद्र गुप्ता, निर्मल सिंह और रवींद्र रैना सहित जम्मू-कश्मीर के कुल 14 नेता सर्वदलीय हिस्सा लेंगे, इनके अलावा बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, केंद्रीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह और जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा भी मौजूद रहेंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में कश्मीर के नेताओं की आज 3 बजे शुरु होने वाली इस सुप्रीम मीटिंग से पहले LoC से लाल चौक तक हाई अर्टल है क्योंकि सुरक्षा एजेंसियों को शक है कि दिल्ली में होने वाली इस अहम बैठक से पहले आतंकी किसी वारदात को अंजाम देने की कोशिश कर सकते हैं। ऐसे में एहतियात के तौर पर LoC और सीमा के फॉरवर्ड इलाकों में चाकचौबंद इंतजाम किए गए है।
2- कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर की आशंकाओं के बीच बच्चों की वैक्सीन लाने पर भी तेजी से काम किया जा रहा है। भारत में बच्चों के वैक्सीनेशन को लेकर एम्स के डायरेक्टर डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने कहा है कि बच्चों के लिए फाइजर वैक्सीन को एफडीए अप्रूवल मिल चुका है और इस वैक्सीन को भारत में आने की अनुमति दी गई है। उन्होंने कहा कि भारत बाय़ोटेक के वैक्सीन को अप्रूवल मिला तो 12 से 18 साल के बच्चों को वैक्सीन लगाना शुरु किया जा सकता है। डॉक्टर गुलेरिया ने बताया कि बच्चों पर कोवैक्सिन के फेज-2 और फेज-3 के ट्रायल के डेटा सितंबर तक आ जाएंगे और उसी दौरान बच्चों के लिए वैक्सीन की मंजूरी भी मिल सकती है। हालांकि कोरोना की तीसरी लहर के बच्चों पर ज्यादा असर की बात से वे सहमत नहीं हैं उनका कहना है कि इस थ्योरी पर भरोसा करने की कोई वजह नहीं दिख रही। उन्होंने कहा कि बच्चों में कोरोना की बीमारी बहुत हल्की होती है। हमें सबसे पहले बुजुर्गों और पहले से कई बीमारी से जूझ रहे लोगों को वैक्सीन लगाना चाहिए। साथ ही कोरोना की तीसरी लहर को रोकने के लिए नियमों का पालन करें और जहां भी कोरोना के मामले ज़्यादा हो वहां लॉकडाउन लगाएं।
3- रिजर्व बैंक ऑफ इंडिय़ा ने वित्त वर्ष 2020-21 की पहली तीन तिमाहियों के आंकड़े जारी किये है, जिनमें पता चला है कि कोरोना महामारी के कहर के दौरान बैंकों में नकदी जमा करने और निकालने के ट्रेंड में भी बदलाव आया। आरबीआई के जारी आंकड़ों में सामने आया कि जब कोरोना का कहर बढ़ा तब बैंकों में जमा राशि में भी बढोत्तरी हुई और जब कोरोना काबू हुआ तो बैंकों से नकदी निकाली गई। हैरानी की बात ये कि जीडीपी के मुकाबले बैंकों में जमा राशि का अनुपात साल 2020 की तीसरी तिमाही में यानि अक्टूबर से दिसंबर के बीच तीन फीसदी पर आ गया था जो दूसरी तिमाही यानि जुलाई-सितंबर के दौरान 7.7 फीसद था।
4- यूरोपीय यूनियन की एजेंसी ECDC यानि यूरोपीय सेंटर फॉर डिजीज प्रिवेंशन एंड कंट्रोल ने बुधवार को डेल्टा वैरिएंट को लेकर दावा किया है कि यूरोप में अगस्त के आखिरी तक कोरोना संक्रमण के 90 फीसदी मामले डेल्टा वैरिएंट के होंगे। आपको बता दें कि भारत में संक्रमण की दूसरी लहर के लिए डेल्टा वैरिएंट ही जिम्मेदार था, जो सबसे पहले भारत में ही पाया गया था, डेल्टा वैरिएंट दूसरे वैरिएंट के मुकालबे तेजी से फैलता है। ECDC एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि यूरोप में पिछले एक महीने में संक्रमण के जितने भी नए केस आए हैं, उनमें 90% मामले सिर्फ डेल्टा वैरिएंट के हैं। चिंता की बात ये है कि डेल्टा वैरिएंट में और भी बदलाव हो रहे हैं और इसका नया वैरिएंट जिसे डेल्टा प्लस नाम दिया गया है उसे लेकर एक्सपर्ट सतर्क रहने की चेतावनी दे रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर लापरवाही हुई तो तीसरी लहर का सामना करना पड़ सकता है। आपको बता दें कि मध्यप्रदेश के उज्जैन में डेल्टा प्लस वैरिएंट से पहली मौत की पुष्टि हुई है। जिस महिला की मौत इस वैरिएंट के संक्रमण से हुई है उसे वैक्सीन नहीं लगी थी। आपको बता दें कि भारत में अभी तक डेल्टा प्लस वैरिएंट के 40 से ज्यादा मामले सामने आए हैं जिनमें महाराष्ट्र में 21, एमपी में 6, केरल और तमिलनाडु में तीन-तीन, कर्नाटक में दो और पंजाब, आंध्र प्रदेश और जम्मू में एक-एक मामले पाए गए हैं। केंद्र सरकार ने मंगलवार को ही डेल्टा प्लस को वैरिएंट ऑफ कंसर्न घोषित किया है और हेल्थ मिनिस्ट्री ने मध्यप्रदेश, केरल और महाराष्ट्र सरकार को विशेष सतर्कता बरतने की सलाह दी है।
5- अमेरिका की नॉर्थ कैरोलिना यूनिवर्सिटी ने एक ऐसी वैक्सीन डेवलप की है जो कोरोना वायरस फैमिली के सभी खतरनाक वायरस से लड़ने में कारगर है। यूनिवर्सिटी की स्टडी को साइंस जर्नल में पब्लिश किया गया है और वैज्ञानिकों की इस खोज को सेकेंड जनरेशन वैक्सीन बताया गया है। इस वैक्सीन का सफल ट्रायल चूहों पर किया जा चुका है और उम्मीद है कि अगले साल तक इंसानों पर इस वैक्सीन के ट्रालय शुरु कर दिए जाएंगे। नॉर्थ कैरोलिना यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों का मानना है कि कोरोना वायरस का कोई भी नया रूप भविष्य में नई महामारी को जन्म दे सकता है। इस तरह के खतरे को रोकने के लिए ही उन्होंने इस वैक्सीन को बनाया है जो कोरोना के हर वैरिएंट के खिलाफ कारगर है।