जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 समाप्त होने के बाद गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहली बार जम्मू-कश्मीर के 8 दलों के 14 नेताओं के साथ आज बैठक करेंगे। यह बैठक प्रधानमंत्री आवास पर दिन में 3 बजे बुलाई गई है। इस बैठक को लेकर आज पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) प्रमुख महबूबा मुफ्ती दिल्ली पहुंच गईं है। इस मीटिंग के मद्देनजर जम्मू-कश्मीर में 48 घंटों का हाई अलर्ट जारी किया गया है। केंद्रशासित प्रदेश में हाई स्पीड इंटरनेट सेवा भी बंद हो सकती है।
महबूबा मुफ्ती के अलावा प्रदेश भाजपा के तीनों नेता बुधवार को दिल्ली पहुंच गए हैं। नेशनल कांफ्रेंस (नेकां) के अध्यक्ष डा. फारूक अब्दुल्ला गुरुवार को राष्ट्रीय राजधानी पहुंचेंगे। पैंथर्स पार्टी के अध्यक्ष प्रो. भीम सिंह, जम्मू-कश्मीर अपनी पार्टी के चेयरमैन सैयद अल्ताफ बुखारी और पीपुल्स कांफ्रेंस के चेयरमैन सज्जाद गनी लोन, मुजफ्फर हुसैन बेग पहले ही दिल्ली पहुंच चुके हैं।
बैठक में पीएम मोदी के अलावा गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, जम्मू-कश्मीर के एलजी मनोज सिन्हा, एनएसए अजित डोभाल, पीएम के प्रिंसिपल सेक्रेटरी पीके मिश्रा, गृहसचिव अजय भल्ला के अलावा कुछ अन्य अधिकारियों की बैठक में शामिल होने की आशंका जताई जा रही है।
हालांकि बैठक का एजेंडा फिलहाल गुप्त रखा गया है। लेकिन माना जा रहा है कि जम्मू-कश्मीर के विकास समेत परिसीमन व अन्य मुद्दों पर सरकार स्थानीय प्रतिनिधियों के साथ बातचीत करेगी। 5 अगस्त 2019 को केंद्र सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा हटाए जाने के बाद पहली बार कोई मीटिंग बुलाई गई है।
फारुख अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला, कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद, गुलाम अहमद मीर, ताराचंद, पीडीपी की महबूबा मुफ़्ती, बीजेपी के निर्मल सिंह, कविन्द्र गुप्ता और रविन्द्र रैना, पीपुल कांफ्रेंस के मुजफ्फर बेग और सज्जाद लोन, पैंथर्स पार्टी के भीम सिंह, सीपीआईएम के एमवाई तारीगामी और जेके अपनी पार्टी के अल्ताफ बुखारी को बैठक में आमंत्रित किया गया है।