1- कोरोना महामारी के बीच दवाओं, ऑक्सीजन और वैक्सीन की कमी के मामले में बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में फिर सुनवाई हुई। इस दौरान कोर्ट ने केन्द्र से अभी तक हुई वैक्सीन की खरीद का पूरा ब्यौरा पेश करने को कहा। कोर्ट ने केन्द्र से सवाल किया कि वैक्सीनेशन के लिए तय किया गया 35 हजार करोड़ का बजट अब तक कहां खर्च किया गया और 18 से 44 साल की उम्र वालों के वैक्सीनेशन में इस फंड का इस्तेमाल क्यों नहीं किया गया, इस पर भी जवाब मांगा। अब तक वैक्सीनेट हो चुकी आबादी को लेकर भी सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र सरकार से डेटा पेश करने को कहा। कोर्ट ने कहा कि वैक्सीनेशन के पहले, दूसरे और तीसरे चरण में कितने प्रतिशतक लोग टीकाकरण के पात्र थे और कितनों का टीकाकरण किया गया है, और ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में कितने प्रतिशत आबादी का वैक्सीनेशन हो चुका है इसका भी आंकड़ा दिया जाए और पहले, दूसरे व तीसरे चरण में जिस वैक्सीनेशन योग्य आबादी को टीका नहीं लगा, उनका वैक्सीनेशन कैसे होगा ये भी बताएं। इसके अलावा कोर्ट ने वैक्सीन की खरीद, सप्लाई व ऑर्डर का भी पूरा लेखा जोखा बताने को कहा। कोर्ट ने केन्द्र से ये भी पूछा कि ब्लैक फंगस के इलाज के लिए दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए अब तक क्या कदम उठाए गए हैं। वैक्सीनेशन के लिए ऐप के जरिए किए जाने वाले रजिस्ट्रेशन पर भी कोर्ट ने सवाल उठाएं और पूछा कि इसे नेत्रहीन कैसे इस्तेमाल करेंगे। देश की आधी आबादी के पास मोबाइल फोन नहीं है, वे कैसे वैक्सीनेशन कराएंगे।
2- जम्मू कश्मीर के पुलवामा जिले के त्राल में कल देश शाम भारतीय जनता पार्टी के एक नेता पार्षद राकेश पंडित की आतंकवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी, इस गोलीबारी में एक महिला के घायल होने की भी खबर है। वैसे राकेश पंडित के साथ हमेशा दो सुरक्षाकर्मी रहते थे लेकिन उनपर तीन अज्ञात आतंकियों ने उस वक्त हमला किया जब वो बिना सिक्योरिटी के ही अपने दोस्त के घर एक शोकाकुल परिवार में ढांढस बंधाने गए थे, जहां आतंकियों ने उन्हें निशाना बनाया पुलिस हत्यारों की धरपकड़ में जुटी है। राकेश पंडित त्राल नगर पालिका के अध्यक्ष थे। कश्मीर जोन पुलिस के अनुसार राकेश पंडित को दो पीएसओ की सुरक्षा दी गई थी। साथ ही उन्हें श्रीनगर में सुरक्षित होटल में आवास सुविधा दी गई थी लेकिन बुधवार को वे बिना सुरक्षा कर्मियों के ही त्राल चले गए जहां पर वे आतंकी हमले के शिकार हो गए। इस घटना की बीजेपी नेताओं ने कड़ी निंदा की है, राज्य के भाजपा चीफ रविंद्र रैना ने कहा कि राकेश पंडित की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी। कश्मीर घाटी में खून बहाने वाले आतंकियों को खत्म किया जाएगा। राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने कहा कि हिंसा की इन मूर्खतापूर्ण घटनाओं ने कश्मीर घाटी को हमेशा से दुख पहुंचाया है, जम्मू-कश्मीर में भाजपा के प्रवक्ता अल्ताफ ठाकुर ने कहा कि आतंकी कुछ भी कर लें, लेकिन भाजपा नेताओं को लोगों की सेवा करने से नहीं रोक सकते। कश्मीर से भाजपा प्रवक्ता मंजूर भट्ट ने ऑडियो मैसेज में कहा कि कश्मीर घाटी में भाजपा कार्यकर्ताओं को एक साजिश के तहत निशाना बनाया जा रहा है।
3- केंद्र सरकार ने एक नया आदेश जारी कर कहा है कि CBI, IB, RAW, CAPF, Income Tax, ED, NIA, DRI, NCB समेत 18 एजेंसियों के कर्मचारी सेवानिवृत्त यानि रिटायर होने के बाद भी अगर अपने विभाग से जुड़ी कोई चीज लिखते या बाहर लाते हैं तो उनकी पेंशन पर असर पड़ सकता है। अधिकारियों में गोपनीयता बनाए रखने के लिए मिनिस्ट्री ऑफ पर्सनल ने ये दिशा निर्देश जारी किए हैं। ऐसा करने के लिए Competent authority की इजाज़त लेनी होगी। यदि विभाग से जुड़े तथ्यों को रिटायर्ड कर्मचारी कहीं लिखते हैं या मीडिया से साझा करते हैं तो पेंशन प्रभावित हो सकती है।
4- 12वीं की बोर्ड परीक्षाएं रद्द होने के बाद अब सबसे बड़ा सवाल ये है कि स्टूडेंट्स का असेसमेंट किस आधार पर किया जाएगा। जिसे लेकर बुधवार को CBSE के सचिव अनुराग त्रिपाठी ने कहा कि इसके लिए स्ट्रक्चरिंग क्राइटेरिया पर काम चल रहा है, जिसे पूरा करने में करीब 2 हफ्तों का समय लगेगा जिसके बाद इस पर फैसला होगा और प्रक्रिया पूरी होते ही इसे पब्लिक डोमेन में लाया जाएगा। कहा जा रहा है कि 9वीं, 10वीं और 11वीं के रिजल्ट के आधार पर छात्रों के रिजल्ट का मूल्यांकन किया जा सकता है या फिर 10 वीं, 11वीं और 12वीं के इंटरनल असेसमेंट के आधार पर रिजल्ट तैयार किया जा सकता है। आपको बता दें कि दसवीं की परीक्षाएं रद्द किए जाने के बाद हर स्कूल में रिजल्ट तैयार करने के लिए 5 सदस्यीय शिक्षकों की टीम का गठन किया गया है जो इंटरनल असेसमेंट के आधार पर 10वीं का रिजल्ट तैयार करेगी। ऐसे में 12वीं के रिजल्ट को लेकर भी ऐसे ही कयास लगाए जा रहे हैं। हालांकि CBSE के सचिव अनुराग त्रिपाठी ने कहा है कि पेरेंट्स, टीचर्स, प्रिंसिपल और स्टूडेंट्स को इसके लिए थोड़ा इंतजार करने की जरूरत है। साथ ही सभी से अनुरोध है कि घबराएं नहीं। आपको बता दे कि महाराष्ट्र, उत्तराखंड, राजस्थान, हरियाणा, गुजरात और मध्यप्रदेश जैसे राज्यों में भी बोर्ड परीक्षाएं रद्द कर दी गई हैं।
5- देशभर के रेंटल हाउसिंग सेक्टर को ध्यान में रखते हुए, लंबे समय से चर्चाओं के बाद बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में मॉडल टेनेंसी एक्ट को मंजूरी दे दी गई है, इस एक्ट में किरायदारों और मकान मालिकों के लिए नए प्रावधान और नियम भी शामिल किए हैं। नए कानून के तहत राज्य सरकारों को नए नियम लागू करने की अनुमति भी दी गई है। अब इस ऐक्ट को मंजूरी मिलने के बाद देश के सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेश रेंटल से जुड़े मौजूदा नियमों में बदलाव कर सकेंगे। मॉडल टेनेंसी एक्ट के तहत राज्यों में तैयार अथॉरिटी की मदद से रेंटल हाउसिंग से जुड़े मामलों की सुनवाई और निपटारा हो सकेगा। सरकार का कहना है कि इस नए कानून से कानूनी व्यवस्था को सुधारने में मदद मिलेगी। इस कानून को लेकर केंद्र की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि इस कानून के तहत विभिन्न आय वर्ग के लोगों के लिए किराये के आवास का पर्याप्त स्टॉक तैयार किया जा सकेगा। साथ ही किराये के आवास की व्यवस्था को बाजार का रूप भी मिल सकेगा। सरकार को आशा है कि इससे आवास की कमी का समाधान होगा।
6- कोरोना महामारी के दौरान देश के सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य महाराष्ट्र में अब जन-जन को संक्रमण चेन तोड़ने में भागीदारी के लिए प्रेरित किया जा रहा है ताकि जागरुकता बढ़ने के साथ साथ महामारी पर भी विराम लग सके। कोरोना को फैलने से रोकने के लिए लोगों को प्रेरित करने के उद्देश्य से महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बुधवार को महाराष्ट्र में कोरोना मुक्त गांव प्रतियोगिता की घोषणा की है। जिसके तहत हर स्वराज मंडल में तीन ग्राम पंचायतों को कोरोना से निपटने के लिए कारगर उपाय करने और गांव को कोविड फ्री करने के लिए इनाम भी दिया जाएगा। प्रतियोगिता में भाग लेने वाले गांवों को 22 मानदंडों पर परखा जाएगा और पहला, दूसरा, तीसरा इनाम दिया जाएगा। जिसमें पहला इनाम 50 लाख, दूसरा 25 लाख और तीसरा 15 लाख रुपये होगा। राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री हसन मुशरिफ ने बताया कि प्रतियोगिता जीतने वाले गांवों को प्रोत्साहन के तौर पर इनामी राशि जितनी ही अतिरिक्त धनराशि दी जाएगी जिसका इस्तेमाल उन गांवों में विकास कार्यों के लिए किया जाएगा। महामारी के खात्मे के लिए जन सहयोग को लेकर ये एक अच्छी पहल है।