1- देशभर में कल 24 घंटे में 2 लाख 56 हजार से ज्यादा नए मामलों की पुष्टि हुई और इस दौरान 4 हजार 191 लोगों की जान गई। घटते केसों के साथ देश में रिकवरी रेट भी 87.7 फीसदी पहुंच गया है, 24 घंटे में देशभर में 3 लाख 57 हजार से ज्यादा मरीजों ने संक्रमण को मात दी।
महाराष्ट्र में भी नए संक्रमितों की संख्या घट रही है, कल यहां 29 हजार 644 नए मामले सामने आए लेकिन इस दौरान 1 हजार 263 लोगों की मौत हुई वहीं राज्य में इस दौरान 44 हजार से ज्यादा मरीज रिकवर भी हुए। वहीं दिल्ली में स्थिति काफी बेहतर है कल यहां 3 हजार 9 नए केस
मिले जबकि 252 लोगों की जान गई। इसके अलावा तमिलनाडु में कल 36 हजार 184 नए संक्रमित मिले और 469 लोगों की जान गई। केरल 29 हजार 673 नए मामले मिले और 142 लोगों ने संक्रमण के चलते जान गंवाई। आन्ध्र प्रदेश में 20 हजार 935 नए मामले मिले और 104 लोगों की मौत हुई। उत्तर प्रदेश में 7 हजार 735 नए संक्रमित मिले और 104 की मौत हुई। राजस्थान में 6 हजार 225 नए संक्रमित और 129 लोगों की मौत हुई। मध्यप्रदेश में 4 हजार 384 नए संक्रमितों की पुष्टि हुई और 79 लोगों की संक्रमण से मौत हुई वहीं गुजरात में 4 हजार 251 लोग संक्रमित मिले और 65 लोगों की जान गई। आपको बता दें कि कर्नाटक में 18 मार्च से 18 मई के बीच 10 से 19 साल के बीच के एक लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हुए हैं।ऐसे में तीसरी लहर के खतरों को भांपते हुए बच्चों का खास ख्याल रखने की जरूरत है।
2- कोरोना महामारी के अलावा देश में तेजी से पैर पसार रहा है म्यूकोरमाइकोसिस यानि ब्लैक फंगस। महाराष्ट्र, गुजरात, राजस्थान उत्तर प्रदेश और झारखंड जैसे राज्यों में ब्लैक फंगस के मरीजों की बढ़ती संख्या को देखते हुए सरकार ने भी राज्यों को इस महामारी से निपटने के लिए समय से पहले सावधानियां बरतने के निर्देश दिए हैं। कई राज्यों में जहां इसे महामारी घोषित किया जा चुका है तो वहीं कई राज्यों में इस बीमारी के लिए अलग से सेंटर्स भी बनाए जा रहे हैं। राजस्थान में 9 सरकारी और 11 गैरसरकारी अस्पतालों को ब्लैक फंगस के ट्रीटमेंट के लिए तैयार किया जा रहा है। वहीं दिल्ली में 3 अस्पतालों में ब्लैक फंगस ट्रीटमेंट सेंटर्स बनाए गए हैं, साथ ही दिल्ली सरकार लोगों को इस बीमारी के प्रति जागरुक करने के लिए जागरुकता अभियान भी चलाएगी। आपको बता दें कि अहमदाबाद में 13 साल के बच्चे में ब्लैक फंगस का मामला सामने आया है जो कोरोना संक्रमण के बाद ब्लैक फंगस का शिकार हुआ। कोरोना संक्रमण के चलते बच्चे की मां की पहले ही मौत हो चुकी है, बच्चे को ब्लैक फंगस होने के बाद उसकी सर्जरी की गई है। देश में अबतक ब्लैक फंगस के 7 हजार 200 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं जिनमें 200 से ज्यादा मरीजों की इस बीमारी के चलते मौत भी हुई है। राज्यवार ब्लैक फंगस के मामलों की बात करें तो महाराष्ट्र में अब तक 1500 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं, इसके अलावा गुजरात में 1163, राजस्थान में 700, मध्य प्रदेश में 575, हरियाणा में 268, दिल्ली में 250, बिहार में 103, छत्तीसगढ़ में 101, कर्नाटक में 97, तेलंगाना में 90 मामले सामने आए हैं।
3- कोरोना के इलाज के लिए 2 DG बनाने के बाद अब DRDO ने कोरोना वायरस एंटीबॉडी डिटेक्शन किट तैयार की है जिसे DIPCOVAN नाम दिया गया है। पूरी तरह स्वदेशी इस किट को दिल्ली स्थित वैनगार्ड डायग्नोस्टिक्स प्राइवेट लिमिटेड के सहयोग से विकसित किया गया है। जून के पहले हफ्ते में लॉन्च होने वाली इस किट की कीमत सिर्फ 75 रुपये होगी जिससे 75 मिनट में शरीर में एंटीबॉडी का पता चल जाता है। इस किट की वैलिडिटी 18 महीने की है, एक किट से करीब 100 टेस्ट हो सकते हैं। आपको बता दें कि इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च की ओर से इस किट को अप्रैल 2021 में ही मान्यता दी गई थी और हाल ही में भारत ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया की ओर से भी इसे मंजूरी दे दी गई है जिसके बाद ये किट खुले बाजार में बिक्री के लिए तैयार है।
4- महाराष्ट्र और गुजरात में तैनात एनडीआरएफ की टीमें अब फ्लाइट्स से पश्चिम बंगाल और ओड़िशा पहुंच रही हैं, क्योंकि ताउते के बाद एक और चक्रवाती तूफान यास को लेकर मौसम विभाग ने चेतावनी जारी की है कि 26 और 27 मई को यास तूफान देश के पूर्वी तटीय इलाकों में दस्तक दे सकता है और 72 घंटे केअंदर चक्रवाती तूफान में बदल सकता है। विभाग का कहना है कि ये तूफान उत्तर पश्चिम दिशा की ओर बढ़ सकता है और 26 मई की शाम के आसपास पश्चिम बंगाल-ओडिशा के तटों तक पहुंच सकता है। इसी को देखते हुए एनडीआरएफ की टीमें तैनात की जा रही हैं और खतरे को देखते हुए केंद्र ने आंध्र प्रदेश, ओडिशा, बंगाल, तमिलनाडु और अंडमान-निकोबार को अलर्ट किया है।
5- एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए 17 मई को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा था कि कोरोना संक्रमण के इस समय में उत्तर प्रदेश के गांवो, कस्बों और छोटे शहरों में स्वास्थ्य सेवाएं राम भरोसे हैं। कोर्ट ने सख्ती से निर्देश दिए थे कि प्रदेशभर में युद्ध स्तर पर स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ाई जाएं, लेकिन कल शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने इलाहबाद हाईकोर्ट के इस आदेश पर रोक लगा दी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हाईकोर्टों को ऐसे आदेश देने से बचना चाहिए, जिन्हें पूरा करना असंभव हो। उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि इलाहबाद हाईकोर्ट का आदेश अच्छी नीयत से दिया गया है, लेकिन इन्हें लागू करना आसान नहीं है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि एक महीने के भीतर राज्य के हर गांव में ICU सुविधा के साथ 2 एंबुलेंस दी जाएं। उत्तर प्रदेश में करीब 97 हजार गांव हैं। एक महीने के भीतर इस आदेश को लागू करना मुश्किल है। यूपी सरकार की इस दलील के बाद सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट द्वारा सुनाए गए फैसले पर रोक लगाई है। आपको बता दें कि 17 मई को इलाहबाद हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार को निर्देश दिए थे कि नर्सिंग होम की सुविधाएं बढ़ाई जाएं। 20 बेड वाले नर्सिंग होम के 40% बेड आईसीयू के हों, जिनमें से 25% बेड पर वेंटीलेटर, 50% पर बाइपेप मशीन और 25% पर हाई फ्लो नेजल कैनुला की सुविधा मिलनी चाहिए। 30 बेड वाले नर्सिंग होम या अस्पताल को अपना ऑक्सीजन प्रोडक्शन प्लांट रखना होगा। हर छोटे शहर में 20 एंबुलेंस, गांव में आईसीयू सुविधा वाली 2 ऐंबुलेंस जरूर रखी जाए और बड़े व्यापारिक घराने अपना दान करने वाला फंड वैक्सीन खरीदने में लगाएं।
6- केरल-कर्नाटक जैसे राज्यों में कोरोना संक्रमण की स्थिति को देखते हुए लॉकडाउन बढ़ा दिया गया है, केरल में जहां लॉकडाउन को 30 मई तक के लिए बढ़ाया गया है, कर्नाटक में तेजी से बढ़ रहे संक्रमितों के आंकड़े को देखते हुए राज्य सरकार ने ये फैसला लिया है। हालांकि तिरुअनंतपुरम, एर्नाकुलम और त्रिशूर में ट्रिपल लॉकडाउन आज से खत्म हो गया है क्योंकि यहां कोरोना के सक्रिय मामलों में कमी आई है जबकि राज्य के बाकि हिस्सों में लॉकडाउन 30 मई तक जारी रहेगा। तो वहीं कर्नाटक में भी लॉकडाउन को 7 जून तक के लिए बढ़ा दिया गया है। वहीं दिल्ली हरियाणा जैसे राज्यों में लॉकडाउन को लेकर आज बात होगी।