1- कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बीच देश में आंकड़े चार लाख के नीचे तो आए हैं, लेकिन कल फिर 24 घंटे में 3 लाख 62 हजार 389 नए मामलों की पुष्टि हुई है, और इस दौरान 4 हजार 126 लोगों ने संक्रमण के चलते अपनी जान गंवाई है। इन 24 घंटों में साढ़े तीन लाख से ज्यादा लोगों ने संक्रमण को मात भी दी है। राजधानी समेत उत्तर भारत के कुछ राज्यों में जहां नए मामलों में गिरावट देखी जा रही है तो वहीं दक्षिण के तमिलनाडु, केरल-कर्नाटक जैसे राज्यों में स्थिति गंभीर होती जा रही है। केरल में कल नए संक्रमितों की संख्या 43 हजार 529 रही और इस दौरान राज्य में लोगों की मौत हुई। कर्नाटक में भी 24 घंटे में 39 हजार 998 नए संक्रमित मिले और 516 लोगों की मौत हुई। तमिलनाडु में भी 30 हजार से ज्यादा नए संक्रमित सामने आए और 293 लोगों की जान गई। कल महाराष्ट्र में भी 24 घंटे में मामलों में बढ़ोत्तरी देखी गई यहां 24 घंटे में 46 हजार 781 नए संक्रमित मिले। महाराष्ट्र में हालात को और बेहतर करने के लिए राज्य में लॉकडाउन को 31 मई तक बढ़ाने के विषय पर विचार किया जा रहा है, आत इस पर उद्धव ठाकरे फैसला लेंगे। बात करें उत्तर प्रदेश की तो, यहा भी कल 18 हजार 23 नए मामले सामने आए। वहीं राजधानी दिल्ली में 13 हजार 287 नए मामले सामने आए और इस दौरान तीन सौ लोगों की जान गई। दिल्ली में आज से 18 साल की उम्र से ऊपर के लोगों को वैक्सीन लगनी थी लेकिन वैक्सीन की कमी की वजह से आज से 18 साल से ऊपर के लोगों को वैक्सीन नहीं लग सकेगा। आपको बता दें कि कोरोना संक्रमण से ठीक हुए लोगों में ब्लैक फंगस के मामले तेजी से सामने आ रहे हैं, ऐसे में एक्सपर्ट्स की सलाह है कि लक्षण नजर आने पर लापरवाह न बने, वरना जान पर भारी पड़ सकती है ये बीमारी।
2- कोरोना काल के दौरान बुधवार को 12 विपक्षी दलों के नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम एक चिट्ठी भेजी है। पीएम के नाम चिट्ठी लिखने वाले इन पॉलिटीशियन्स में सोनिया गांधी, एचडी देवेगौड़ा, शरद पवार, उद्धव ठाकरे, ममता बनर्जी, एमके स्टालिन, हेमंत सोरेन, फारुक अब्दुल्ला, अखिलेश यादव, तेजस्वी यादव, डी राजा और सीताराम येचुरी के नाम हैं। इन सभी नेताओं ने प्रधानमंत्री को चिट्ठी में कोरोना काल के दौरान 9 सुझाव दिए हैं और सरकार पर विपक्षी दलों के सुझावों की अनदेखी का आरोप भी लगाया है। चिट्टी में लिखे गए नौ सुझाव हैं.- देश या दुनिया किसी भी सोर्स से वैक्सीन की खरीदी केन्द्रीय स्तर पर हो और पूरे देश में तुरंत प्रभाव से फ्री वैक्सीनेशन कार्यक्रम की शुरुआत की जाए। इसके अलावा देश में वैक्सीन का उत्पादन बढ़ाने के लिए लाइसेंसिंग को लेकर जरूरी कदम उठाए जाएं और बजट में दिए गए 35 हजार करोड़ रुपये वैक्सीन के लिए खर्च हों। इसके अलावा नेताओं ने सुझाव दिया है कि सेंट्रल विस्टा के निर्माण कार्य को तुंरत रोका जाए और इसपर खर्च होने वाले पैसे से ऑक्सीजन और वैक्सीन की खरीद की जाए। पीएम केयर्स फंड का जिक्र करते हुए सुझाव दिया गया है कि वो सारा धन वैक्सीन, ऑक्सीजन और मेडिकल इक्यूप्मेंट्स खरीदने के लिए जारी किया जाए। बेरोजगारों को 6 हजार रुपये हर महीने दिए जाने के सुझाव के साथ साथ जरुरतमंदों को मुफ्त अनाज बांटने की भी सलाह दी गई है। इनके अलावा सबसे अहम सुझाव दिया गया है किसानों को लेकर। इन नेताओं ने चिट्टी में सुझाव दिया है कि आंदोलन कर रहे किसान महामारी से बचे रहे इसलिए उनकी सुरक्षा को देखते हुए कृषि कानूनों को रद्द किया जाए।
3- दुनिया भर में नेजल यानी नाक के जरिए भी वैक्सीन देने के विकल्प विचार किया जा रहा है क्योंकि कोविड संक्रमण के ज्यादातर केसों में देखा गया है कि ये वायरस म्यूकोसा के माध्यम से शरीर मे घुसता है और म्यूकोसल मेमब्रेन में मौजूद कोशिकाओं और अणुओं को इन्फेक्टेड करता है इसलिए अगर नाक यानि नेजल वैक्सीन दी जाए तो ये ज्य़ादा प्रभावी हो सकती है। इसे लेकर नीति आयोग के सदस्य डॉक्टर वीके पॉल का कहना है कि यदि नेजल वैक्सीन कारगर साबित होती है तो ये हमारे लिए एक गेम चेंजर साबित हो सकती है, क्योंकि इसे खुद भी लिया जा सकता है। नेजल और इंजेक्टेबल वैक्सीन के बारे में बताते हुए भारत बॉयोटेक के एम.डी. कृष्णा एल्ला ने कहा कि इंजेक्टेबल वैक्सीन निचले फेफड़ों तक की रक्षा करती हैं, ऊपरी फेफड़े और नाक की रक्षा नहीं होती, लेकिन अगर नेजल वैक्सीन की एक खुराक भी लेते हैं तो संक्रमण को रोका जा सकता है और ट्रांसमिशन चेन को तोड़ा जा सकता है। नेजल वैक्सीन की सिर्फ 4 बूंद लेनी होंगीं होगी। दोनों नेजल में 2-2 ड्रॉप। आपको बता दें कि ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया की विशेषज्ञ समिति द्वारा हैदराबाद स्थित भारत बॉयोटेक कंपनी की इंट्रानेजल वैक्सीन, BBV154 के पहले चरण के परीक्षण की मंजूरी जी चुकी है, और ट्रायल भी शुरु हो चुका है।
4- CSIR यानि काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च ने कोरोना को लेकर की गई अपनी एक रिसर्च में कई चौंकाने वाली बातें बताई हैं। सीरो पॉजिटिव सर्वे के डेटा के आधार पर तैयार की गई इस रिपोर्ट के मुताबिक AB और B ब्लड ग्रुप वालों को कोविड संक्रमण का खतरा ज्यादा है जबकि O ब्लड ग्रुप वालों को इस बीमारी का खतरा सबसे कम है। रिसर्च में कहा गया है कि O ब्लड ग्रुप के ज्यादातर मरीज या तो एसिम्प्टोमैटिक हैं या उनमें कोरोना के हल्के लक्षण देखे गए हैं। रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि शाकाहारी लोगों की तुलना में मांसाहारी लोगों को कोविड संक्रमण की चपेट में आने की आशंका ज्यादा है। CSIR द्वारा जारी किए गए इश रिसर्च पेपर को लेकर डॉक्टर्स का कहना है कि इस रिसर्च का मतलब ये बिल्कुल नहीं कि O ब्लड ग्रुप वालों को कोविड प्रोटोकॉल का पालन नहीं करना चाहिए। वे पूरी तरह इस वायरस से इम्यून नहीं हैं और उन्हें भी दिक्कत हो सकती है।
5- देश के अलग-अलग हिस्सों से लाशों, चिताओं और शमशानों की तस्वीरें एक अलग ही कहानी कहती नजर आ रही हैं। बीते कुछ दिनों से गंगा में बहती लाशे कोरोना के कोहराम की एक भयानक कहानी बयां कर रही हैं। उत्तर प्रदेश के उन्नाव में गंगा घाट से इस सदी की सबसे भयावह तस्वीरें सामने आईं हैं। जिनमें 1918 के स्पैनिश फ्लू से भी ज्यादा भयावह हालात नजर आ रहे हैं। उन्नाव के बक्सर में गंगा किनारे महज 500 मीटर में अनगिनत लाशें यूं दफन हैं कि जगह-जगह पर लाशों के हाथ-पांव नजर आ रहे हैं। गंगा घाट के हालात इतने बद्तर हैं कि यहां चारों ओर सिर्फ पीपीई किट्स, मास्क और डेडबॉडी कवर्स बिखरे हुए हैं।
6- कोरोना की दूसरी लहर के बीच बढ़ती संक्रमितों की संख्या और रिकॉर्ड बनाते मौतों के आंकड़े ने हालात को काफी नाजुक कर दिया है। इसी को लेकर केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने बुधवार को 8 राज्यों जम्मू-कश्मीर, उत्तराखंड, हरियाणा, पंजाब, बिहार, झारखंड, ओडिशा और तेलंगाना के स्वास्थ्य मंत्रियों के साथ बैठक की। बैठक के बाद स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि बैठक में कोविड मामलों कें कमी लाने के उपायों पर चर्चा हुई। साथ ही उन्होंने कहा कि बीते कुछ दिनों में संक्रमितों की संख्या में हुए इजाफे को काबू करने के लिए कोविड नियमों का सख्ती से पालन करने की जरूरत है।