नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता व जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री, उमर अब्दुल्ला ने देश में खासकर पूर्वोत्तर के कुछ राज्यों में जमीन के मालिकाना हक से संबंधित विशेष कानून की बात उठाते हुए गुरुवार को कहा कि उन राज्यों की तरह जम्मू-कश्मीर में कानून क्यों नहीं हो सकता?
नैशनल कॉन्फ्रेंस के मुख्यालय में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘हिमाचल प्रदेश, सिक्किम, मेघालय, नगालैंड जैसे कई राज्यों और केंद्र शासित क्षेत्रों में भारतीय आज भी जमीन खरीद नहीं सकते।’
उमर ने सवाल किया, ‘जब हम इन कानूनों की बात करते हैं तो हम राष्ट्रविरोधी हो जाते हैं। जब दूसरे राज्यों से (विशेष प्रावधानों के लिए) ऐसी आवाज उठती हैं तो मीडिया में क्यों चर्चा नहीं होती?’
फारूक अब्दुल्ला के बेट उमर ने कहा कि ‘लड़ाई’ हमारी पहचान और ‘हमारे भविष्य’ की रक्षा की है।
उमर ने यह आरोप लगाया कि बीजेपी नेतृत्व वाली केंद्र सरकार प्रदेश में बड़ी भूमिका रखने वाले राजनीतिक दलों को हाशिए पर धकेलने की कोशिश कर रही है।
उमर ने कहा, ‘दिल्ली वाले (केंद्र) क्या चाहते हैं? क्या वे हमें मुख्याधारा से हटाना चाहते हैं। हम अपनी पहचान और जमीन की रक्षा की लड़ाई लड़ रहे हैं।’ उन्होंने यह भी कहा कि साल लोकसभा चुनाव के बाद राजनीतिक दलों को उम्मीद थी कि पिछले वर्ष जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव होगा। लेकिन आज परिस्थितियाँ एकदम अलग हैं। उन्होंने कहा, ‘आज हम अपनी पहचान के लिए लड़ रहे हैं।’
बता दें कि केंद्र ने कई कानूनों में संशोधन के जरिए देशभर के लोगों के लिए जम्मू कश्मीर में ज़मीन ख़रीदने के मार्ग को मंगलवार को प्रशस्त कर दिया।