संविधान दिवस हर साल 26 नवंबर को मनाया जाता है। यह वही तारीख है जिस दिन भारत के संविधान के मसौदे को अपनाया गया था। इसके बाद ही 26 जनवरी 1950 को भारत के संविधान को लागू किया गया था।
आपको संविधान दिवस की कुछ खास बातें बताते हैं-
संविधान सभा के 207 सदस्यों का पहला सेशन 9 दिसंबर 1947 को आयोजित हुआ था।
संविधान के निर्माता- डॉ बी आर अंबेडकर
29 अगस्त 1947 को संविधान के मसौदे को तैयार करने वाली समिति का गठन हुआ था। संविधान की ड्राफ्टिंग कमेटी के अध्यक्ष डॉ बी आर अंबेडकर थे इसलिए इन्हें भारत के संविधान का निर्माता कहा जाता है।
हिंदी और अंग्रेजी कॉपियों पर हुए थे हस्ताक्षर
मसौदे में कहीं भी टाइपिंग या प्रिंट का इस्तेमाल नहीं हुआ था। संविधान सभा के 284 सदस्यों ने 24 जनवरी 1950 को हाथ से लिखी गई हिंदी और अंग्रेजी, दोनों ही कॉपियों पर हस्ताक्षर किए थे। इसके दो दिन बाद ही इसे लागू किया गया था।
दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान-
भारत का संविधान दुनिया का सबसे बड़ा संविधान बन कर तैयार हुआ था। इसी कारण से भारत को दुनिया का सबसे बड़ा गणतंत्र माना जाता है। इस संविधान में 448 अनुच्छेद, 12 अनुसूचियां और 94 संशोधन शामिल हैं। हस्तलिखित इस संविधान में 48 आर्टिकल हैं। समूचे संविधान को तैयार करने में 2 वर्ष, 11 महीने और 17 दिन का वक्त लगा था। कई देशों के संविधानों को समझने के बाद ही भारत के संविधान को रूप दिया गया था।
19 नवंबर, 2015
19 नवंबर,2015- यह वह तारीख है जब राजपत्र अधिसूचना की सहायता से 26 नवंबर को संविधान दिवस के रूप में घोषित किया गया था।
संविधान दिवस का उद्देश्य
इस दिवस को मनाने के पीछे उद्देश्य है कि देश के नागरिकों को संविधान के प्रति जागरुक और सचेत किया जा सके। ऐसा करने से संविधान के महत्त्व का प्रसार भी होगा।