इंडियन फिल्म इंडस्ट्री का एक दमकता नाम, प्रसिद्ध शख्सियत हैं आशा भोसले, जिन्हें उनके चाहने वाले ही नहीं बल्कि सिनेमा जगत भी आशा ताई कहकर बुलाता है, हजारों गीतों को अपनी आवाज से सजाने वाली आशा ताई आज अपना 88वां जन्मदिन मना रही हैं, आशा भोंसले के जन्मदिन पर पढ़िए उनसे जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें
8 सितंबर 1933 को सांगली, महाराष्ट्र में मशहूर थिएटर एक्टर और क्लासिकल सिंगर दीनानाथ मंगेशकर और शेवांती मंगेशकर के यहां जन्मी आशा भोसले, स्वर कोकिला लता मंगेशकर की छोटी बहन हैं। उनकी आज की बुलंदी देख कोई ये अंदाजा भी नहीं लगा सकता कि आशा ताई तमाम मुश्किलों भरे सफर को तय करके इस मुकाम तक पहुंची हैं, छोटी सी उम्र से ही उन्होंने जीवन की तमाम चुनौतियों से मुकाबला किया है, तब कहीं जाकर इस मुकाम तक पहुंची हैं।
आशा महज 9 साल की थी जब उनके पिता की मृत्यु हो गई, पिता की मौत के बाद परिवार की जिम्मेदारियों में बड़ी बहन का हाथ बंटाने के लिए आशा ताई ने 10 साल की उम्र में गाना शुरु कर दिया था। उन्होंने सबसे पहला गाना 1943 में आई मराठी फिल्म ‘माझा बल’; ‘चला चला नव बाला’ गाया था जबकि हिन्दी फिल्मों में उन्होंने गायन की शुरुआत की 1948 में आई फिल्म चुनरिया से लेकिन उनकी आवाज को पहचान मिली 1952 में आई फिल्म संगदिल से और 1957 में आई फिल्म ‘नया दौर’ ने, आशा ताई को उच्च कोटि की सिंगर का दर्जा दिया। जिम्मेदारियों से भरा बचपन जीने वाली आशा ताई ने जिस वक्त 31 साल के गणपतराव भोसले से शादी की तब उनकी उम्र मात्र 16 साल थी। उन्होंने अपने परिवार की मर्जी के खिलाफ घर से भागकर ये शाद की थी, जिसके चलते बड़ी बहन लता उनसे खफा हुई। परिवार की मर्जी के खिलाफ
हुई उनकी ये शादी ज्यादा वक्त नहीं चली और साल 1960 में दो बच्चों की मां बन चुकी आशा ताई ने ससुराल वालों के बर्ताव से तंग आकर अपने पति गणपतराव भोसले का घर छोड़ दिया और गर्भावस्था में ही वापस अपनी मां के घर आ गई।
60 के दशक के दौर में लता मंगेशकर, शमशाद बेगम और गीता दत्त के गीतों की गूंज थी, तब इन सिंगर्स के छोड़े हुए गीतों को आशा ताई आवाज देती थीं। ये वो गीत होते थे जो नकारा,कम भूमिकाओं और वैम्प्स पर फिल्माए जाते थे। इसलिए आशा ताई को ‘पॉप क्रूनर’ और ‘कैबरे सिंगर’ का खिताब दिया गया लेकिन उन्होंने फिल्म उमराव जान में रेखा पर फिल्माई गई गजलों जैसे इन आंखों की मस्ती के और दिल चीज क्या है जैसे गीतों को गाकर बता दिया कि वे गजलें भी गा सकती हैं।
पहली शादी से तीन बच्चों की मां बनी आशा ताई के दो बेटे और एक बेटी थीं, 60 के दशक से 80 के दशक तक 20 साल अकेले रहने के बाद 47 साल की आशा ताई ने साल 1980 में खुद से 6 साल छोटे 41 साल के मशहूर संगीतकार पंचम दा यानि राहुल देव बर्मन से शादी की, लेकिन शादी के 14 साल बाद पंचम दा का निधन हो गया और आशा ताई एक बार फिर अकेली हो गईं। भारतीय सिने जगत की सर्वकालिक महान गायिकाओं में शुमार आशा ताई 16 हजार से ज्यादा गीतों को अपनी आवाज दे चुकी हैं, गिनीज बुक के हिसाब से आशा भोसले ने सबसे अधिक गाने गाए हैं। फिल्मी- गैर फिल्मी हिंदी गीतों के अलावा उन्होंने मराठी, बंगाली, गुजराती, पंजाबी, भोजपुरी, तमिल, मलयालम, अंग्रेजी और रूसी भाषा समेत 20 भाषाओं में हजारों गीत गाए हैं।
संगीत के इतिहास में अपना नाम दर्ज करा चुकी आशा ताई को अपने अमूल्य योगदान के लिए भारत सरकार द्वारा साल 2000 में साहब फाल्के पुरस्कार और साल 2008 में पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया। आशा भोसले पहली ऐसी भारतीय सिंगर हैं जो ग्रैमी अवॉर्ड के लिए नॉमिनेट हुईं। साल 1997 में आशा को पहली बार नॉमिनेट किया गया इसके बाद साल 2005 में एक बार फिर आशा ताई को ग्रैमी में नॉमिनेशन मिला।
हालाकिं अब आशा ताई फिल्मों से दूरी बना ली है, क्योंकि मौजूदा दौर के गीतों को वो खुद के लायक नहीं मानती लेकिन यदि उन्हें कोई अच्छा गाना मिला तो वो जरूर गाएंगी। बॉलीवुड से दूरी के सवाल पर आशा ताई कहती हैं, 'न तो मुझे पैसों की जरूरत है और न ही शोहरत की चाहत। मैंने इंडस्ट्री में अपना नाम बनाया है। आशा ताई ने बीते कुछ सालों से फिल्म जगत से भले दूरी बना ली हो लेकिन उनकी आवाज के चाहने वालों के दिलों में उनके लिए स्नेह और प्यार अनंनत है।