1 अप्रैल की बात आते ही चेहरे पर एक हंसी दौड़ जाती है। हर साल इस तारीख को अप्रैल फूल दिवस मनाया जाता है। इस दिन लोगों को एक दूसरे को मूर्ख बनाने में बहुत मजा आता है। मूर्ख बनने वाला व्यक्ति भी खूब मजे लेता है। कुल मिलाकर कहें तो इसे शरारत भरा दिन कहा जा सकता है। लेकिन इस दिन की शुरुआत कैसे हुई इसके बारे में बहुत कुछ तथ्य हासिल नहीं है।
कुछ इतिहासकार मानते हैं कि 1 अप्रैल को फूल दिवस के रूप में मनाने की शुरुआत 1582 में हुई। माना जाता है कि उस साल फ्रांस में जूलियन कैलेंडर की जगह ग्रेगोरियन कैलेंडर अपनाया गया था। जूलियन कैलेंडर में मार्च के अंत या अप्रैल की शुरुआत में नया साल शुरू होता था, जैसा कि हिंदु नववर्ष में मनाया जाता है- 1 अप्रैल के आसपास। कुछ लोग ऐसे भी थे जिन्हें कैलेंडर बदलने की जानकारी देरी से मिली। अंजाम यह हुआ कि वो लोग मार्च के आखिरी हफ्ते से 1 अप्रैल तक नववर्ष का जश्न मनाते रहे। ऐसा होने पर उनका खूब मजाक बनाया गया। तब से ही उन्हें अप्रैल फूल कहा गया।
‘हिलेरिया’ से है ताल्लुक
कुछ इतिहासकार अप्रैल फूल को हिलेरिया शब्द से जोड़कर भी देखते हैं। हिलेरिया एक लैटिन शब्द है जिसका अर्थ है आनंद या खुशी। इसे सिबेल समुदाय के लोग मार्च के अंत में प्राचीन रोम में मनाया करते थे। इसे सेलिब्रेट करने के लिए लोग रूप बदल कर लोगों को मजाक उड़ाते थे। कुछ लोग मानते हैं कि अप्रैल फूल ठीक वैसा ही है जैसे प्रकृति मौसम बदलकर लोगों को बेवकूफ बनाती है। यानी इसका ताल्लुक वर्नल इक्विनॉक्स या वसंत के आगमन से हैं।
स्कॉटलैंड में दो दिन की परंपरा
18वीं सदी में ब्रिटेन में अप्रैल फूल मनाने की शुरुआत हुई। स्कॉटलैंड में इसे दो दिनों तक मनाया जाता था। पहले दिन को ‘हंटिंग द गौक’ कहा जाता था, यानी की ‘मूर्ख व्यक्ति का शिकार’। इस दिन लोगों को मूर्ख समझे जाने वाले पक्षी का चित्र भेजना होता था। दूसरे दिन ‘टेली डे’ कहलाता था। इस दिन लोगों के पीछे पूंछ या फिर अलग-अलग तरह के स्टीकर चिपका कर उनका मजाक उड़ाया जाता था। लोग खूब हंसते और मजा करते थे।
नूडल्स की फसल
अब वो समय भी आ गया है जब अप्रैल फूल डे दुनिया के कोने-कोने तक पहुंच गया है। इसका सबसे मजेदार अनुभव तो तब था जब 1957 में BBC ने रिपोर्ट प्रस्तुत की थी कि स्विस किसानों ने नूडल्स की खेती की है। तब हजारों की संख्या में लोगों ने BBC को फोन लगाया था और फसल और किसानों को लेकर जानकारी मांगी थी।
1996 में भी कुछ ऐसा ही हुआ जब फास्ट-फूड रेस्टोरेंट चेन टैको बेल ने यह घोषणा कर लोगों को बेवकूफ बनाया कि उसने फिलाडेल्फिया की लिबर्टी बेल खरीद ली है और उसका नाम टैको लिबर्टी बेल रख दिया है।