एशिया का सबसे बड़ा एयरो-स्पेस और डिफेंस प्रदर्शनी एयरोइंडिया 2021 बेंगलुरु में दो दिनों से चल रहा है जिसका आज समापन होना है। एयरोइंडियो शो के उद्घाटन के तुरंत बाद वायुसेना और एचएएल के बीच 83 अतिरिक्त एलसीए तेजस मार्क-1ए एयरक्राफ्ट्स का करार भी हुआ। रक्षा मंत्रालय ने 83 लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट्स की खरीद का औपचारिक अनुबंध कर लिया है। जिसके तहत 48,000 करोड़ रुपये की लागत से 83 तेजस विमान खरीदने को 13 जनवरी को मंजूरी प्रदान की गई थी । इसके तहत 73 हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) तेजस एमके-1ए विमान और 10 तेजस एमके-1 प्रशिक्षण विमान शामिल हैं।
48 हजार करोड़ वाले इस करार में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड यानि एचएएल वायुसेना के लिए 83 अतिरिक्त उन्नत और अधिक क्षमता वाले एलसीए तेजस एयरक्राफ्ट मुहैया कराएगी। इन तेजस विमानों को एलसीए मार्क-वनए के नाम से जाना जाएगा। बेंगलुरु के एचएएल में तेजस की सेकंड लाइन मैन्युफैक्चरिंग यूनिट का काम भी शुरू करा दिया गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ‘ऐरो इंडिया’ कार्यक्रम को रक्षा और एरोस्पेस के क्षेत्र मे सहयोग का अद्भुद मंच बताया और कहा कि इन क्षेत्रों में किए जा रहे सुधारों से भारत के आत्मनिर्भर बनने के प्रयासों को बल मिलेगा। उन्होंने ट्वीट किया कि रक्षा और एरोस्पेस के क्षेत्र में भारत में असीमित क्षमता है। इन क्षेत्रों में सहयोग के लिए एरो इंडिया एक अद्भुत मंच है।
तेजस को लेकर हर ओर चर्चा हो रही है। आइए जानें इस विमान का नाम तेजस कैसे पड़ा। बता दें कि अगस्त 1983 में भारत सरकार ने सामरिक दृष्टि से वायुसेना को मजबूती देने के लिए लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट प्रॉजेक्ट को मंजूरी दी थी। और फिर 2001 में 4 जनवरी को एक इंडीजिनस फाइटर एयरक्राफ्ट ने अपनी पहली उड़ान भरी थी। उस दौरान अटल बिहारी वाजपेयी भारत के प्रधानमंत्री थे। साल 2003 में अटल बिहारी वाजपेयी ने इसका नाम तेजस रखा था। ‘तेजस’ जिसका अर्थ है ‘तेज’ या ‘शक्ति’। तेजस संस्कृत भाषा का एक शब्द है।
तेजस एमके-1ए विमान में खास तरह के एईएसए रडार, मिसाइल, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध तकनीक (ईडब्ल्यू) और हवा में ईंधन भरने की क्षमता (एएआर) से लैस है। एचएएल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक आर. माधवन ने पिछले महीने कहा था कि वायुसेना को तेजस हल्के लड़ाकू विमान (एलसीए) की आपूर्ति मार्च 2024 से शुरू हो जाएगी और कुल 83 विमानों की आपूर्ति होने तक हर वर्ष करीब 16 विमानों की आपूर्ति की जाएगी। तेजस की ताकत किसी भी दुश्मन को भयभीत कर सकती है। बीवीआर मिसाइल तकनीक से लैस तेजस आंखों की नजर से 40-50 किलोमीटर दूर स्थित भी किसी टार्गेट को आसानी से निशाना बना सकते हैं। इसमें लगे इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर यूनिट्स से पायलट को यह भी पता लग सकता है कि उसपर कोई मिसाइल लॉक है या नहीं।
यह लड़ाकू विमान रेडार वॉर्निंग सिस्टम से लैस है। इसका मतलब है कि अगर दुश्मन के रेडार को इसकी लोकेशन का अंदाज़ा लगता है तो इसमें लगा इंटरनल सिस्टम तुरंत पायलट को अलर्ट कर देगा।