1- कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसान, तीन राज्यों को छोड़कर आज देशभर में चक्का जाम करेंगे। ये चक्का जाम किसानों द्वारा 12 बजे से लेकर तीन बजे तक किया जाएगा। भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि जो लोग दिल्ली की सीमाओं तक नहीं पहुंच पा रहे, वे जहां हैं वहीं शांतिपूर्ण तरीके से चक्का जाम करेंगे। राकेश टिकैत ने ये भी कहा कि उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और दिल्ली, इन तीन राज्यों को छोड़कर पूरे देश में किसान चक्का जाम करेंगे। किसान नेता राकेश टिकैत का कहना है कि उन्हें जानकारी मिली थी कि यूपी, उत्तराखंड और दिल्ली में कुछ लोग शांतिपूर्क होने वाले चक्का जाम में हिंसा फैलाने की कोशिशों में जुटे हैं, इसलिए इन तीनों ही राज्यों में चक्का जाम करने से किसानों को रोका गया है। किसानों द्वारा किए जा रहे इस चक्का जाम को लेकर देशभर में पुलिस भी काफी गंभीर है, 26 जनवरी को ट्रेक्टर रैली में हुई हिंसा के बाद दिल्ली पुलिस भी काफी सतर्क नजर आ रही है। आपको बता दें कि किसानों द्वारा आज किए जा रहे इस चक्का जाम का कांग्रेस पार्टी ने समर्थ किया है।
2- इस महीने के आखिरी में गुजरात में निकाय चुनाव होने हैं, निकाय चुनाव के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भाई प्रहलाद मोदी की बेटी सोनल मोदी ने अहमदाबाद नगर निगम के बोदकदेव वार्ड से चुनाव के लिए टिकट मांगा था लेकिन गुजरात बीजेपी ने प्रधानमंत्री मोदी की भतीजी को निकाय चुनाव का टिकट देने से किनारा कर लिया। दरअसल गुजरात भाजपा ने अपने नए नियमों में, निकाय चुनाव में पार्टी नेताओं के रिश्तेदारों को टिकट नहीं देने का फैसला लिया है, इसलिए सोनल मोदी को निकाय चुनाव को लिए टिकट नहीं दिया गया। गुजरात भाजपा के अध्यक्ष सीआर पाटिल ने इस पर जवाब देते हुए कहा है कि बीजेपी में नियम सबके लिए बराबर हैं और पार्टी ने य़े फैसला नए नियमों के आधार पर लिया है वहीं टिकट न मिलने पर सोनल मोदी ने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री की भतीजी होने के नाते नहीं, बल्कि बीजेपी की कार्यकर्ता होने के नाते टिकट मांगा था।
3- UPSC की सिविल सर्विसेस परीक्षा (CSE) में कैंडिडेट मेक्सिमम चार बार ही शामिल हो सकता है, लेकिन पिछले साल UPSC की परीक्षा में लास्ट अटेंप्ट करने वाले यानि चौथी बार परीक्षा देने वाले कैंडीडेट्स को 2021 में एक और चांस मिलेगा। ऐसा इसलिए क्योंकि, CSE-2020 एग्जाम में लास्ट अटेंप्ट करने वाले कैंडिडेट्स ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर एक और मौका देने की मांग की थी। जिसके बाद पिछले हफ्ते इस याचिका पर हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र सरकार और UPSC से सवाल किया था कि कोरोना के कारण एग्जाम नहीं दे सके कैंडीडेट्स को एक और मौका क्यों नहीं मिल सकता? साथ ही कोर्ट ने केन्द्र को य़े निर्देश भी दिया कि मामले में फैसला न होने तक नए साल के लिए कोई नोटिफिकेशन जारी न की जाए। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार, 5 फरवरी को हुई सुनवाई में UPSC ने लास्ट अटेंप्ट करने वाले कैंडीडेट्स को एक और मौका देने की बात कही। साथ ही केन्द्र सरकार की ओर से ये भी कहा गया है कि ये मौका कैंडीडेट्स को सशर्त मिलेगा। शर्त ये है कि कैंडीडेट, एग्जाम में बैठने की उम्र पार न कर चुका हो। पहले सरकार ऐसे अभ्यार्थियों को एक औऱ मौका देने के लिए तैयार नहीं थी लेकिन अब एक और चांस मिलेगा लेकिन इस फैसले पर, कोर्ट में केन्द्र सरकार की ओर से ये भी कहा गया कि ये छूट सिर्फ एक बार 2021 परीक्षा के लिए दी जा रही है, इस फैसले को आधार बनाकर भविष्य में ऐसी छूट के लिए दावा नहीं किया जा सकता।
4- केंद्रीय कृषि एवं कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने शुक्रवार को संसद सत्र के दौरान तीनों कृषि कानूनों का बचाव करते हुए कहा कि इसे लेकर विपक्षी ने सरकार को कोसने में कोई कंजूसी नहीं की और इन कानूनों को काला कानून बताया, लेकिन मैं बताना चाहता हूं कि किसान यूनियनों से भी दो महीने तक मैं यही पूछता रहा कि कानून में काला क्या है? लेकिन मुझे वहां भी मालूम नहीं पड़ा कि कानूनों में काला क्या है। ये कानून किसानों के जीवन में क्रांतिकारी सकारात्म बदलाव लाने वाले और उनकी आय बढ़ाने वाले कानून हैं। तोमर ने ये भी कहा कि कानूनों में किसी भी संशोधन के लिए सहमत होने का ये मतलब बिल्कुल नहीं है कि कानूनों में कोई खामी है। कृषि मंत्री ने तीनों कानूनों की खूबियां तो बताई हीं, साथ ही कांग्रेस के आरोपों पर पलटवार करते हुए उन्होंने कहा कि खून से खेती तो सिर्फ कांग्रेस ही कर सकती है, भाजपा खून से खेती नहीं करती। कृषि मंत्री ने विपक्षी दलों के इस दावे को भी खारिज कि किसानों का आंदोलन देशव्यापी है और कहा कि ये एक राज्य का मसला है और वहां भी किसानों को बरगलाया गया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सरकार किसानों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध हैं और नए कानूनों का मकसद किसानों की आय में वृद्धि करना है। किसानों की आमदनी दोगुनी हो इसके लिए सरकार लगातार प्रयासरत है। प्रधानमंत्री ने ट्वीट कर लोगों से अपील की कि केन्द्रीय कृषि मंत्री द्वारा राज्यसभा में कृषि कानूनों पर दी गई स्पीच को जरूर सुनें।
5- धारा 370 हटने के डेढ़ साल बाद कश्मीर में फिर से हाईस्पीड इंटरनेट की सेवा शुरु की गई है। आपको बता दें कि बीते 18 महीने से कश्मीर में 2जी इंटरनेट सर्विस थी लेकिन अब यहां फिर से 4जी इंटरनेट सर्विस बहाल कर दी गई है। अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर में विशेष राज्य का दर्जा वापस लिए जाने के पहले यहां हाई स्पीड इंटरनेट फैसिली बंद कर दी गई थी। सुरक्षा एजेंसियों का मानना था कि एंटी नेशनल एलीमेंट्स आर्टिकल 370 खत्म किए जाने के बाद इंटरनेट के जरिए प्रोपेगेंडा चलाएंगे। इसी को ध्यान में रखते हुए राज्य में 4जी इंटरनेट फैसिलिटी बैन कर दी गई थी। 5 अगस्त 2019 को राज्य को यूनियन टेरेटरी का दर्जा गिए जाने के बाद यहां जनवरी 2020 में 2जी इंटरनेट फेसिलिटी बहाल की गई। इसके बाद अगस्त 2020 में उधमपुर और गांदरबल में हाईस्पीड इंटरनेट सेवा शुरु की गई लेकिन बाकी जिलों में 2जी इंटरनेट ही जारी रहा, जिसके बाद अब जाकर पूरे राज्य में 4जी इंटरनेट सेवा फिर से बहाल हुई है। शुक्रवार 5 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के पावर एंड इन्फॉर्मेशन के प्रधान सचिव रोहित बंसल ने इसकी जानकारी दी। 4जी इंटरनेट सेवा फिर से शुरु होने पर राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट किया 4G Mubarak! For the first time since Aug 2019 all of J&K will have 4G mobile data. Better late than never. ( 4G मुबारक! अगस्त 2019 के बाद पहली बार पूरे J&K में 4G मोबाइल डेटा सर्विस बहाल हुई। देर आए दुरुस्त आए।)