बॉलीवुड की दिग्गज अभिनेत्री शशिकला 88 साल की उम्र में रविवार दोपहर निधन हो गया। मुंबई के कोलाबा में रविवार की दोपहर 12 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली। वे लम्बे समय से बीमार चल रहीं थी। कुछ सालों से उन्होंने फिल्मों और टीवी सीरीयल्स में काम करना बंद कर दिया था।
शशिकला का पूरा शशिकला जावलकर था और उनका जन्म महाराष्ट्र के शोलापुर में 1932 में हुआ था। छह भाई बहनों में एक शशिकल, पांच साल की उम्र से ही सोलापुर जिले के कई कस्बों में स्टेज पर डांस, गायन और अभिनय करती थीं।
उनकी फिल्में ‘सुजाता’, ‘आरती’, ‘अनुपमा’, ‘गुमराह’, ‘वक्त’, ‘खूबसूरत’, ‘छोटे सरकार’, ‘पत्थर और फूल’, ‘आई मिलन की बेला’,अपने दौर की सफल फिल्मों में गिनी जाती हैं। उनकी खासियत यह रही कि उन्होंने एक सहायक अभिनेत्री के तौर पर अपनी एक अलग पहचान बनाई थी। शुरुआती दिनों में उन्होंने ‘जीनत’, ‘डाकू’, ‘नौ दो ग्यारह’, ‘कानून’ जैसी फिल्मों में छोटे-छोटे रोल कर अपनी पहचान बनाने की कोशिश की। 1962 में आई फिल्म ‘आरती’ से शशिकला को एक अलग पहचान मिली। इसके बाद शशिकला के जीवन में सफल फिल्मों का सिलसिला शुरु हो गया। अपने करियर में उन्होंने 100 से ज्यादा फिल्मों में काम किया।
कई लोकप्रिय टीवी सीरियल्स में भी मां और सास की भूमिकाओं में नजर आने वाली शशिकला ने ‘कभी खुशी कभी गम’ में भी एक यादगार रोल निभाया था। शशिकला ने टीवी शो ‘जीना इसी का नाम है’, ‘दिल देके देखो’ और ‘सोनपरी’ में भी काम किया।
शशिकला की आखिरी फिल्म थी 2004 में रिलीज हुई ‘मुझसे शादी करोगी’। फिल्म में सलमान खान की दादी के रोल में उन्हें बहुत पसंद किया गया। फिल्मों में उनके योगदान के लिए उन्हें 2007 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया था।
आर्थिक तंगी का किया था सामना
शशिकला के पिता बहुत बड़े बिजनेसमैन थे जिस कारण उनका बचपन संपन्नता से गुजरा, किसी चीज की कमी नहीं थी। लेकिन परिवार को बुरे समय का सामना करना पड़ा जब पिता का बिजनेस बुरे दौर से गुजरना पड़ा था। इस समय के बाद ही काम की तलाश में वो पिता के साथ मुंबई पहुंचीं। फिल्मों में काम पाने की कोशिश वो लगातार कर रही थीं लेकिन रास्ता आसान नहीं था। दूरदर्शन को दिए एक इंटरव्यू में शशिकला ने बताया थी कि उन्होंने मुंबई में लोगों के घरों में बर्तन धोने से लेकर झाड़ू-पोछा लगाने तक का काम किया। परिवार की मदद के लिए उन्हें दूसरों के घरों में भी काम करना पड़ा।
मुंबई में उनका मिलना गायिका और अभिनेत्री नूरजहां से हुआ। नूरजहां के पति शौकत हुसैन रिजवी की मदद से शशिकला को फिल्म ‘जीनत’ में काम करने का मौका मिला। धीरे धीरे उन्हें और फिल्में मिलने लगी लेकिन रोल बहुत छोटे होते थे। फिल्म ‘आरती’ से उनकी जिंदगी बदली।
शशिकला की शादी ज्यादा नहीं टिक पाई
शशिकला ने कुंदल लाल सहगल के रिश्तेदार ओम प्रकाश सहगल से शादी की। वो दो बेटियों की मां बनीं। शशिकला की शादी शुदा ज़िंदगी में काफी उथल-पुथल शुरू हो गया। जब पति के साथ नहीं निभ सका तो वो अपने पति और दोनों बेटियों को छोड़कर किसी और के साथ विदेश चली गईं। लेकिन शशिकला को वहां काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। जिस व्यक्ति के साथ वो विदेश गई थीं वह उन्हें मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित करने लगा। बड़ी मुश्किल से वो भारत लौट सकीं। शशिकला कोलकाता शिफ्ट हो गईं और वहां वो मदर टेरेसा के साथ मिलकर लोगों की मदद करने का काम करने लगीं।
फिल्मी दुनिया में वापसी
कुछ समय बाद शशिकला मुंबई आ गईं। मुंबई लौटने के बाद उन्होंने ‘परदेसी बाबू’, ‘बादशाह’, ‘कभी खुशी कभी गम’, ‘मुझसे शादी करोगी’ और ‘चोरी चोरी’ फिल्म में काम किया।