BSP Convention in Ayodhya: उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों में हर पार्टी ने कमर कस ली है। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने भी अपना सियासी दांव चल दिया है। प्रदेश में जातीय समीकरण साधने के लिए बसपा आज से पूरे प्रदेश में ब्राह्मण सम्मेलन का आयोजन करेगी> बसपा राम नगरी अयोध्या से ब्राह्मण सम्मेलन की शुरुआत कर रही है।
इस सम्मेलन का आयोजन आज से लेकर 29 जुलाई तक 7 दिन के लिए किया गया है। आज इस सम्मेलन का आयोजन अयोध्या में किया गया है। फिलहाल यह खबर है कि बसपा ने आज से शुरू होने वाले ब्राह्मण सम्मेलन के नाम में बदलाव किया है। अब यह सम्मेलन ‘प्रबुद्ध वर्ग के सम्मान में विचार गोष्ठी’ के नाम से आयोजित किया जाएगा।
सम्मेलन की जिम्मेदारी बसपा महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा को सौंपी गई है। अयोध्या से इसका आगाज करने के बाद आने वाले दिनों में राज्य के सभी 18 मंडलों और उसके बाद सभी ज़िलों में ब्राह्मण सम्मेलन आयोजित किए जाएंगे।
साल 2007 की ही तरह बसपा ने सोशल इंजीनियरिंग पर काम करने का विचार किया है। 2007 में पार्टी ने सर्व समाज का नारा देते हुए ब्राह्मण समुदाय को लुभाने के लिए अभियान चलाया था। तब बहुजन समाज पार्टी ने राज्य में पहली बार पूर्ण बहुमत से सरकार बना कर “सोशल इंजीनियरिंग” के प्रयोग को सफल साबित किया था। अब 2022 के चुनाव के लिए भी मायावती ने वहीं फ़ॉर्मूले पर काम करने का मन बनाया है। इस बार वो दलित, मुस्लिम और ब्राह्मण समीकरण बनाकर सत्ता में वापसी की तैयारी में है।