1- देश में आर्थिक उदारीकरण की बुनियाद रखने वाले जाने माने अर्थशास्त्री और देश के पूर्व प्रधानमंत्री डॉक्टर मनमोहन सिंह का कहना है कि देश की अर्थव्यवस्था के लिए साल 1991 से भी मुश्किल वक्त आ रहा है। 1991 में पी वी नरसिम्हा राव की सरकार में डॉक्टर मनमोहन सिंह वित्त मंत्री थे और उन्होंने 24 जुलाई 1991 को अपना पहला बजट पेश किया था, जिसे देश में आर्थिक उदारीकरण की बुनियाद कहा जाता है। उस ऐतिहासिक बजट के 30 साल पूरे होने के मौके पर कल शुक्रवार को डॉक्टर मनमोहन सिंह ने कहा कि, कोरोना महामारी के चलते आगे का वक्त उस दौर की तुलना में ज्यादा चैलेंजिंग है। ऐसे समय में एक राष्ट्र के तौर पर भारत को अपनी प्राथमिकताओं को फिर से निर्धारित करना होगा। उन्होंने कोविड के दौर में मची तबाही और बढ़ी बेरोजगारी पर चिंता जताते हुए कहा कि स्वास्थ्य और शिक्षा के सामाजिक क्षेत्र पीछे छूट गए और यह हमारी आर्थिक प्रगति की गति के साथ नहीं चल पाया। इतनी सारी जिंदगियां और जीविका गई हैं, वो नहीं होना चाहिए था। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि ये खुश होने का नहीं, आत्ममंथन और विचार करने का समय है क्योंकि आगे का रास्ता 1991 के संकट की तुलना में ज्यादा चुनौतीपूर्ण है। उन्होंने कहा कि 30 साल बाद हमें रॉबर्ट फ्रॉस्ट की कविता याद रखनी है कि अपने वादों को पूरा करने और मीलों का सफर तय करने के बाद ही आराम करना है।
2- कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बीच जैसे जैसे संक्रमण के मामलों में गिरावट आई है, कई राज्यों में स्कूल खोले जाने की तैयारी है तो कुछ में खोले भी जा चुके हैं, लेकिन अभिवभावकतों में चिंता और कशमकश है कि बच्चों को इस दौर में स्कूल भेजा जाए या नहीं। इसी बीच AIIMS के डायरेक्टर डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने भी स्कूलों को खोलने का सुझाव दिया है। स्कूल फिर से खोले जाने के मुद्दे पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि ऐसे इलाके जिनमें कोविड पॉजिटिविटी रेट कम हैं वहां स्कूल फिर खोले जा सकते हैं, वहीं कम संक्रमण वाले इलाकों में भी उचित निगरानी के साथ स्कूल खोले जाने का सुझाव दिया। डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने कहा कि बच्चे लंबे वक्त से स्कूल नहीं गए हैं और सभी के पास सारी सुविधाए भी नहीं है, इसलिए उन्हें क्वॉलिटी एजुकेशन नहीं मिल पा रही है। इसलिए स्कूलों का खोला जाना जरूरी है। सिर्फ शिक्षा ही नहीं बच्चे सामाजिक क्रियाकलापों में भी स्कूलों की बड़ी भूमिका होती हैं, जिसकी भरपाई ऑनलाइन क्लासेज ने नहीं हो सकती। उन्होंने कहा भीड़ को कम रखने के लिए ऑल्टरनेट तरीके से स्कूल खोले जा सकते हैं। अगर पॉजिटिविटी रेट का कम रहना बरकरार रहता है तो स्कूलों को जारी रखा जा सकता है और अगर यह बढ़ता है तो स्कूलों को बंद कर सकते हैं।
3- पॉर्न मूवीज केस में गिरफ्तार हुए राज कुंद्रा के मामले पर कल हुई सुनवाई के बाद कोर्ट ने 27 जुलाई तक के लिए पुलिस कस्टडी में भेज दिया है। वहीं राज कुंद्रा ने अपनी गिरफ्तारी को अवैध बताते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। इस याचिका में राज कुंद्रा के वकील ने दावा किया है कि पुलिस द्वारा पेश की गई हजारों पन्नों की चार्जशीट में कहीं भी पोर्नोग्राफी का खास जिक्र नहीं है और ना ही पुलिस को ऐसा कोई वीडियो मिला है जिसे पोर्नोग्राफी कहा जाए, इसलिए धारा 67 के तहत राज कुंद्रा की गिरफ्तारी अवैध है। जबकि दूसरी तरफ पुलिस अपनी छानबीन में हर दिन नए नए खुलासे कर रही है। मुंबई पुलिस की क्राइम ब्रांच ने अब इस मामले में एक और खुलासा किया है। बताया जा रहा है कि कि राज कुंद्रा 121 पोर्न वीडियोज की एक इंटरनेशनल डील करने जा रहे थे ये डील 1.20 मिलियन डॉलर यानि 9 करोड़ के आसपास की थी। पुलिस अब राज कुंद्रा के बैंक ट्रांजेक्शन्स की भी जांच कर रही है। जांच में पुलिस को ये भी मालूम हुआ है कि राजकुंद्रा की गिरफ्तारी के बाद कंपनी के सर्वर से काफी डेटा डिलीज किया गया है, जिसे पुलिस द्वारा रिकवर करने की कोशिशें की जा रही हैं। अभी तक पुलिस इस मामले में 11 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है और मामले से जुड़े पुख्ता सबूत जुटाने के लिए पुलिस ने कोर्ट से कुछ और समय मांगा है। मुंबई पुलिस ने कोर्ट से राज कुंद्रा को 7 दिन और पुलिस हिरासत में रखने की मांग की थी जिसके बाद राज कुंद्रा की पुलिस हिरासत को 5 दिन और यानि 27 जुलाई तक के लिए बढ़ा दिया है। कल पुलिस ने राज कुंद्रा को उन्हीं के घर ले जाकर करीब 6 घंटे तक राज कुंद्रा और उनकी पत्नी शिल्पा को आमने सामने बिठा कर पूछताछ की है, पुलिस ये पता लगाने में जुटी है कि शिल्पा को अपने पति के इस पोर्न बिजनेस की जानकारी थी कि नहीँ। वैसे कहा जा रहा है कि शिल्पा को कुंद्रा के एडल्ट ऐप और कंटेंट की पूरी जानकारी थी।
4- महाराष्ट्र के लिए मानसून की बारिश आसमानी आफत बनकर आई है, महाराष्ट्र के अलग अलग हिस्सों में इस बारिश के चलते हुए हादसों में कई लोगों ने अपनी जान गंवाई और कई लोग घायल बताए जा रहे हैं। भारी बारिश के चलते महाराष्ट्र के कोल्हापुर, रायगढ़, रत्नागिरी, पालघर, ठाणे और नागपुर के कुछ हिस्सों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। वहीं भारी बारिश के चलते कल, शुक्रवार को हुए हादसों में मरने वालों की गिनती 55 के पार हो गई है। रत्नागिरी जिले के चिपलून में कोविड सेंटर बनाए गए अपरांत हॉस्पिटल में बाढ़ का भरने से पावर सप्लाई ठप हो गई, जिसकी वजह से ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखे गए 8 मरीजों की इस दौरान मौत हो गई। रायगढ़ के तलई गांव में भी भूस्खलन होने से 35 घर इसमें दब गए और 36 लोगों की जान चली गई, जबकि 70 से ज्यादा लोग इस हादसे में लापता बताए जा रहे हैं। सतारा के अंबेघर गांव में भी भूस्खलन के चलते 8 लोगों की मौत हो गई जबकि 20 लोग मलबे में दब गए। मुबंई से सटे गोवंडी में भी बरसात के चलते एक बिल्डिंग गिरने से 4 लोगों की मौत हो गई, और 6 लोग घायल हो गए, हादसे में जान गंवाने वाले चारों लोग एक ही परिवार के थे। कई इलाकों में बारिश का पानी भरने से निचले इलाके 24 घंटे से ज्यादा वक्त से पानी में डूबे हुए हैं। फिलहाल महाराष्ट्र के लोगों को आफत की इस बारिश से राहत
मिलती नजर नहीं आ रही है क्योंकि कोंकण, मुंबई और इसके आसपास के जिलों के लिए मौसम विभाग ने अगले 3 दिन का रेड अलर्ट जारी किया है।
5- खेलों के महाकुंभ, ओलंपिक का जापान की राजधानी टोक्यो में शानदार आगाज हुआ। खेलों के महाकुंभ का नजारा भी ऐतिहासिक और स्वर्णिम स्मृतियों की धरोहर सा होता है, जिसे हर कोई अपने कैमरे में कैद करने की ख्वाहिश रखता है। कोरोना महामारी के चलते 32 वें ओलंपिक का उद्घाटन एक साल की देरी से कल शुक्रवार को जबरदस्त आतिशबाजी और विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ हुआ। ओलंपिक मार्च पास्ट की शुरुआत हमेशा की तरह ग्रीस से हुई, जहां पहले ओलंपिक खेल हुए थे। जापानी वर्णमाला के अनुसार भारतीय दल 21वें नंबर पर आया। जिसकी अगुवाई पुरुष हाकी टीम के कप्तान मनप्रीत सिंह और छह बार की विश्व चैंपियन मुक्केबाज एमसी मेरी कोम ने की। दोनों ही खिलाड़ियों के हाथों में तिरंगा लहरा रहा था और टीम के सभी खिलाड़ियों के चेहरों पर मुस्कान और जोश नजर आ रहा था। टोक्यो ओलंपिक के उद्धाटन समारोह के दौरान कोरोना महामारी से जान गंवाने वालों को श्रंद्धांजलि देने के लिए मौन रखा गया। वैसे ओलंपिक की ओपनिंग सेरेमनी और खिलाड़ियों का मार्च पास्ट, दोनों ही ओलिंपिक के आकर्षण होते हैं, लेकिन कोरोना के चलते इस बार सिर्फ 1000 खिलाड़ी और अधिकारी ही इस उद्घाटन कार्यक्रम में मौजूद रहे। स्टेडियम में दर्शक भी नहीं थे, दुनियाभर के करीब 350 करोड़ लोगों ने टीवी और ऑनलाइन माध्यमों के जरिए ओलंपिक की ओपनिंग सेरेमनी देखी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी टोक्यो ओलंपिक के उद्धाटन समारोह की कुछ झलकियां देखी। उन्होंने भारतीय दल को शुभकामनाएं दी और लोगों से उनका उत्साहवर्धन करने की अपील की।