भोजपुरी सिनेमा के सुपरस्टार और राजनेता रवि किशन आज अपना 52वां जन्मदिन मना रहे हैं। रवि किशन के जन्मदिन पर पढ़िए उनकी लाइफ की कुछ दिलचस्प बातें।
17 जुलाई 1969 को जन्मे रवि किशन उत्तर प्रदेश के जोनपुर से ताल्लुक रखते हैं। उनका पूरा नाम रविंद्र श्यामनारायण शुक्ला है। इनके पिता का नाम श्यामनारायण शुक्ल और मां का नाम जड़ावती देवी है। भोजपुरी और हिन्दी सिनेमा के साथ-साथ रविकिशन ने राजनीति में भी खास पहचान कायम की है, लेकिन ये पहचान उन्हें तमाम संघर्षों के बाद मिली है।
पिता से खाई थी मार
रवि को बचपन से ही एक्टिंग का इस कदर जुनून था कि इसके लिए उन्होंने रामायण में सीता का रोल निभाने के लिए भी हां कर दी थी, लेकिन उनके पिता को रवि का अभिनय के क्षेत्र में कुछ करना अच्छा नहीं लगता था, ना ही उन्होंने कभी इसके लिए रवि को सपोर्ट किया। हालांकि रवि ये भी कहते हैं कि उनके पिता ने अगर उनकी बेल्ट से पिटाई न की होती तो शायद वो बहक गए होते और गलत संगत में पड़ जाते। रवि किशन ने एक इंटरव्यू के दौरान कहा था कि उनके पिता को ये बिल्कुल पसंद नहीं था कि बेटा कलाक्षेत्र में नाम कमाए, इतना ही नहीं 17 साल की उम्र में भी रवि ने अपने पिता से मार खाई थी। इसे बाद रवि अपने पिता की मर्जी के खिलाफ 17 साल की उम्र में भाग कर मुंबई आ गए। रवि को
उस वक्त उनकी मां ने 500 रुपये दिए थे। अपने सपनों को पूरा करने के लिए मुंबई जैसे शहर में बसर करना रवि किशन के लिए एक बड़ा संघर्ष रहा, वे चॉल में रहे, काम की तलाश में भटके भी और भूखे भी सोए लेकिन चुनौती भरे वक्त में उन्हें हमेशा अपनी पत्नी से सहयोग और साथ मिला।
सलमान खान के साथ भी कर चुके हैं काम
रवि किशन ने अपने फिल्मी करियर की शुरुआत साल 1992 में फिल्म ‘पीताम्बर’ से की थी, इसके बाद उधार की जिंदगी और आर्मी जैसी फिल्मों में भी नजर आए, लेकिन उन्हें बॉलीवुड में वास्तविक पहचान दिलाई साल 2003 में आई सलमान स्टारर फिल्म ‘तेरे नाम’ ने। फिल्म में रवि किशन ने एक पुजारी का किरदार निभाया था। फिल्म इस फिल्म के लिए रवि किशन को बेस्ट को-स्टार का नेशनल अवॉर्ड मिला था।
हिन्दी फिल्मों में जब रवि का अभिनय सराहा जाने लगा तो उन्हें भोजपुरी फिल्मों के भी ऑफर आने लगे और इस तरह उनकी सफलता के कारवां की शुरुआत हुई। रवि अबतक 350 से ज्यादा फिल्मों में काम कर चुके हैं, जिनमें अधिकतर शपल रहीं हैं। 2005 में आई उनकी भोजपुरी फिल्म ‘कब होई गवनवा हमार’ को सर्वश्रेष्ठ क्षेत्रीय फिल्म का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला था। भोजपुरी फिल्मों में उनकी लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उनका बोला हुआ डायलॉग, ‘जिन्दगी झंड बा, फिर भी घमंड बा’, आज भी लोग उसी अंजाद में बोलते हैं। आज रविकिशन भोजपुरी फिल्मों के सबसे महंगे एक्टर के तौर पर जाने जाते हैं जो अपनी एक फिल्म के लिए 50 लाख की फीस लेते हैं।
रवि किशन ने हिंदी-भोजपुरी फिल्मों के साथ साथ तमिल, तेलुगु और कन्नड़ भाषा की फिल्मों में भी काम किया। साउथ की फिल्मों मे उन्होंने ज्यादातर नेगेटिव रोल्स किए। बिग स्क्रीन के अलावा रवि किशन ने स्मॉल स्क्रीन पर अपनी पहचान बनाई, फिल्मों में काम मिलने के बाद उन्हें पहला टीवी सीरियल मिला हैलो इंस्पेक्टर। वहीं साल 2006 में वो बिग बॉस के प्रतिभागी भी रहे और फाइनल तक पहुंचे।
राजनीति का किया रुख
बात करें अभिनेता से राजनेता बनने के सफर क तो रविकिशन ने साल 2014 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के टिकट पर जौनपुर से लोकसभा चुनाव लड़ा लेकिन जीत नहीं सके, इसके बाद साल 2017 में उन्होंने बीजेपी ज्वाइव की। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में वो गोरखपुर सीट से मैदान में उतरे और जीत पाने में कामयाब रहे। मौजूदा समय में रवि किशन भारतीय जनता पार्टी के नेता है, वे गोरखपुर से सांसद हैं।
रवि किशन की निजी जिंदगी की बात करें तो उन्होंने प्रीति किशन से साल 1993 में शादी की, वे तीन बेटियों और एक बेटे के पिता हैं, वे अपनी पत्नी और बेटियों से बहुत प्यार करतेहैं। इतनी ही नहीं वे अपनी पत्नी को देवी की तरह पूजते हैं, क्योंकि अपनी सफलता का श्रेय वे अपनी पत्नी प्रीति किशन को देते हैं। रवि किशन ने एक बार खुद कहा था कि एक ऐसा जो वो रोज करते हैं। वो रोजाना अपनी बेटियों और पत्नी के पैर छूते हैं।
रवि किशन की फिल्मी लव स्टोरी
वैसे रवि और प्रीति की लव स्टोरी भी किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं है। अपनी पत्नी प्रीति से उनकी पहली मुलाकात स्कूल के दिनों में हुई थी और 11वीं क्लास में पढ़ते हुए उन्हें प्रीति से इश्क हो गया था, तभी उन्होंने फैसला कर लिया था कि प्रीति को ही अपना लाइफ पार्टनर बनाएंगे। रवि खुद ज्याद एक अभिनेता और राजनेता के तौर पर सदा लाइमलाइट में रहते हैं तो वहीं उनकी पत्नी प्रीति बेहद सादगी पसंद और लाइमलाइट से दूर रहती हैं।