बॉलीवुड में अभिनेता गुरु दत्त और अभिनेत्री वहीदा रहमान की प्रेम कहानी को आज भी याद किया जाता है। ये प्रेम कहानी बॉलीवुड की उन असफल प्रेम कहानियों में से एक है जिसकी चर्चा हमेशा आज भी होती है। गुरु दत्त जब वहीदा से मिले तो वो शादीशुदा थे। उनकी शादी अभिनेत्री और गायिक गीता दत्त से हो चुकी थी। लेकिन वहीदा रहमान को देखते ही वो होश खो बैठे। गीता के लाख समझाने के बावजूद गुरुदत्त खुद को रोक नहीं पाये। वहीदा के प्यार में पूरी तरह पागल हो गए थे। इसी वजह से उनकी पारिवारिक जिंदगी में दरार आनी शुरू हो गई थी। यही वजह थी कि गीता दत्त उन्हें छोड़कर चली गईं।
गुरुदत्त और वहीदा रहमान की प्यासा, चौदहवी का चाँद, कागज के फूल बेहतरीन फिल्में मानी गईं। गुरुदत्त-वहीदा शादी के बंधन में नहीं बंध सके। ना सिर्फ गीता बल्कि पूरे परिवार को भी दोनों के रिश्ते से आपत्ति थी। रिश्ते में बंधने में धर्म की दीवार आड़े आ रही थी। गुरु दत्त हिंदू थे और वहीदा मुस्लिम। ऐसे में दोनों एक न हो सके। गीता का छोड़ कर चली जाना, साथ ही शादी टूटने के कारण बेटी से अलग होना और फिर वहीदा को अपना न पाना। इन सबने गुरु दत्त को तोड़ कर रख दिया। उन्होंने शराब के नशे का सहारा लिया।
10 अक्टूबर 1964 को गुरु दत्त अपने घर में मृतावस्था में मिले। घर में कोई और नहीं था। इस तरह गुरुदत्त की मौत के साथ ही उनकी मोहब्बत की कहानी भी हमेशा के लिए खत्म हो गई।