15 जुलाई, ये तारीख खास है युवा पीढ़ी के लिए, क्योंकि हर साल 15 जुलाई को World Youth Skill Day के रूप में मनाया जाता है। “आज का ये दिन आपकी skill को, आपके कौशल को समर्पित है। 21वीं सदी के युवाओं की, आज के Millennials की अगर सबसे बड़ी कोई ताकत है, तो उनकी Skill है,उनकी Skill acquire करने की क्षमता है।“ ऊपर लिखा ये वाक्य प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के उस स्पीच से लिये गये हैं जो उन्होंने बीते साथ World Youth Skill Day दी थी, जाहिर है आप समझ ही गए होंगे कि ये दिन युवाओं के लिए क्यों खास है। फिर भी आपके सामान्य ज्ञान को और दुरुस्त करते हुए चलिए आपको इस दिन से जुड़ी सभी महत्वपूर्ण बातों से अवगत कराते हैं।
बेरोजगारी, ये एक ऐसा दंश है जो महामारी के समान है, आप किसी न किसी ऐसे पढ़े लिखे युवा को जरूर जानते होंगे जो काबिल है, लेकिन बेरोजगार है, और ऐसे बेरोजगों के लिए काम या कहिए नौकरी मिल पाना आज के वक्त में एक बड़ी चुनौती है। विकासशील और पिछड़े देशों में बेरोजगार युवा चिंता का विषय हैं। ऐसे में जरूरी है कि सबल समाज की रीढ़ कही जाने वाली युवा पीढ़ी खुद के हुनर को तलाश आत्मनिर्भरता की रहा चले। बस यही है World Youth Skill Day को मनाए जाने का आधार।
World Youth Skill Day यानि विश्व वा कौशल दिवस की नींव संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा 11 नवंबर 2014 को रखी गई, जिसके बाद 2015 में 15 जुलाई को वैश्विक स्तर पर पहला World Youth Skill Day मनाया गया, इस दिन को वैश्विक स्तर पर मनाने का उद्देश्य है, साल 2030
तक युवों को स्वावलंबी बनाना। यूथ के स्किल्स यानि कार्य कौशल को प्रोत्साहित-विकसित करना, ताकि नई पीढ़ी स्वरोजगार को अपना कर आत्मनिर्भर हो सके। भारत में भी World Youth Skill Day के दिन युवाओं के लिए विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं,. कौशल तकनीकी और व्यापारिक शिक्षा प्रशिक्षण के लिए प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है, ताकि नई पीढ़ी अपने स्किल्स को निखार सके, और खुद के लिए व्यवसाय के अवसर तलाश सके। इतना ही नहीं यूथ के स्किल डेवलेपमेंट के लिए पीएम मोदी ने 15 जुलाई 2015 को स्किल इंडिया मिशन की शुरुआत की थी, हालांकि इस योजना का युवाओं को उतना लाभ नहीं मिला जितने की जरूरत और उम्मीद थी, लेकिन कोशिशे जारी हैं, कि युवा, बेरोजगारी के दलदल से निकल अपने हुनर की पहचान में सक्षम हो और स्वरोजगार अपनाकर स्वावलंबी बने और आजीविका चलाने में सक्षम होकर समाज व देश के विकास की मुख्य धारा से जुड सकें।
आज भी देश में ऐसे युवाओं की बड़ी संख्या है जो रोजगार की कमी के चलते कौशल क्षमता से कम के रोजगार, बेमन कर रहे हैं, सिरफ इसलिए क्योंकि उनके कंधों पर परिवार की जिम्मेदारियों का बोझ है। भारत युवाओं का देशहै जहां 40 करोड़ से ज्यादा यूथ है, लेकिन क्या सभी रोजगार पा सके हैं, नहीं। बस इसीलिए जरूर है कि महज रोजगार को पाने की दौड़ में युवा अपने स्किल्स को न मारें, उन्हें निखानें और अपने रोजगार का या कहिए स्वरोजगार का जरिया बनाएं। इसीलिए भाव के प्रति नई पीढ़ी में जागरुकता फैलाने के लिए ये दिन सेलिब्रेट किया जाता है और भारत में खास तौर पर इस दिन तमाम जागरुकता कार्यक्रम होते हैं। ताकि बदलें युवाओं के विचार औऱ मेरे देश का कोई युवा न हो बेरोजगार।