स्मिथा सिंह, नई दिल्ली
80 के दशक के हिट स्टार्स में एक रहे राज बब्बर आज 69 साल के हो गए हैं, एक बेहतर अभिनेता रहे राज बब्बर आज राजनीति में भी काफी सक्रिय हैं, आइय़े उनके जन्मदिन पर उनकी लाइफ से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें आपको बताते हैं।
23 जून 1952 को उत्तर प्रदेश के टूण्डला में जन्मे राजबब्बर दो भाई चार बहनों में सबसे बड़े हैं। उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई और ग्रेजुएशन आगरा से करने के बाद साल 1975 में दिल्ली आकर नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा से एक्टिंग का कोर्स किया। फिर स्ट्रीट थियेटर से एक्टिंग की ट्रेनिंग ली और उसके बाद अभिनय की दुनिया में आगाज के लिए दिल्ली से मुंबई शिफ्ट हो गए।
राज बब्बर ने साल 1977 में अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की उनकी पहली फिल्म थी किस्सा कुर्सी का, फिल्म तो नहीं चली लेकिन दर्शकों ने राज बब्बर की एक्टिंग को पसंद किया, इसके बाद उन्हें पहचान मिली 1980 में आई चोपड़ा प्रोडक्शन की फिल्म इंसाफ का तराजू से। इस फिल्म में राज बब्बर निगेटिव रोल में थे उन्होंने फिल्म में एक बलात्कारी का किरदार निभाया था। इंसाफ का तराजू फिल्म में राज बब्बर को जीनत अमान के साथ रेप सीन करना था, लेकिन वो इस सीन को लेकर काफी घबराए हुए थे, इसलिए नहीं कि ये सीन करना उनके लिए मुश्किल था बल्कि इसलिए क्योंकि जब उन्होंने ये फिल्म की राज बब्बर इंडस्ट्री में नए थे और जीनत अमान उस दौर की एक बड़ी एक्ट्रेस थीं, लेकिन उन्होंने अपने किरदार को बखूबी निभाया और अपने इसी निगेटिव रोल से उन्होंने सिने जगत में अपनी पहचान कयम की और फिल्मी सफर का दमदार आगाज किया।
80 के दशक में राजबब्बर साहब सिने जगत का एक ऐसा दमकता सितारा थे जो हर रोल में फिट और हिट थे। अपनी मेहनत के दम पर उन्होंने फिल्मी दुनिया में एक दमदार मुकाम हासिल किया। फिल्म इंसाफ का तराजू की सफलता के बाद राज बब्बर बी आर चोपड़ा के पसंदीदा हीरो बन गए और उन्हें चोपड़ा प्रोटक्शन की फिल्मों में काम मिलने लगा। फिल्म में किरदार हीरो का हो, या विलेन का, राज बब्बर हर किरादर को यूं निभाते थे कि दर्शक उनके अभिनय के कायल हो गए। राज बब्बर ने 38 साल के करियर में 200 से ज्यादा फिल्मों में काम किया, जिनमें हिन्दी व पंजाबी फिल्में शामिल हैं। उन्होंने अपने फिल्मी सफर में एक से बढ़कर एक कई सुपरहिट फिल्में दी, जिसमें निकाह ,सौ दिन सास के, इंसाफ का तराजू, उमराव जान, दौलत, आज की आवाज, आप तो ऐसे ना थे, कलयुग, हम पांच, दाग और जिद्दी जैसी फिल्में शामिल हैं। राज बब्बर ने फिल्मों के अलावा टेलीविजन में भी काम किया है। उन्होंने छोटे पर्दे पर महाभारत में भरत का किरदार निभाया था।
फिल्मों में एक्टिग को लेकर तो राज बब्बर सुर्खियों में रहे ही, अपने निजी जीवन को लेकर भी खबरों का हिस्सा बने। उन्होंने अपने जीवन में दो शादियां की। पहली शादी उन्होनें 1975 में की, जब राज बब्बर स्ट्रगल कर रहे थे तभी उन्हें नादिरा से प्यार हो गया और दोनों ने शादी कर ली। इसके बाद फिल्म भीगी पलकें के दौरान उन्हें एक्ट्रेस स्मिता पाटिल से मोहब्बत हो गई और वे स्मिता पाटिल के साथ लिव-इन-रिलेशनशिप में रहने लगे और फिर 1986 में उन्होंने नादिरा को छोड़ स्मिता पाटिल से शादी कर ली, लेकिन स्मिता पाटिल के निधन के बाद राज बब्बर फिर से अपनी पहली पत्नी नादिरा के पास वापस लौट गए। राज बब्बर के तीन बच्चे हैं। जिनमें जूही और आर्य, राज बब्बर और नादिरा बब्बर की संतानें हैं जबकि प्रतीक बब्बर, स्मिता और राज बब्बर के बेटे हैं।
एक्टिंग के साथ साथ राज बब्बर की राजनीति में भी काफी दिलचस्पी रही, तभी तो फिल्मों में हिट राज बब्बर आज राजनीति में भी अच्छा मुकाम कर चुके हैं। उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की साल 1989 में। राज बब्बर 14वीं लोकसभा चुनाव में फिरोजाबाद से समाजवादी पार्टी के सांसद चुने गए, लेकिन साल 2006 में समाजवादी पार्टी से निलंबित होने के बाद उन्होंने कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कर ली और अब भी कांग्रेस पार्टी से जुड़े हुए हैं। लबें वक्त से राजनीति में सक्रिय राज बब्बर अपनी बेबाक राय देने वाले नेताओं में गिने जाते हैं। अभी कल ही उन्होंने किसान आंदोलन के समर्थन में एक ट्वीट किया है, जिसमें उन्होंने लिखा, जिन्हें लगता है कि किसान आंदोलन समाप्त हो जाएगा वो जल्द ही इस बात को समझ जाएंगे कि किसान आंदोलन कितना मजबूत है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘सत्य, धैर्य, हौसला, फ़तेह का यक़ीन- इनसे बनती है किसान की ताक़त। 200+ दिन के संकल्प और 500+ क़ुर्बानियों के बावजूद जिन्हें ग़लतफ़हमी है – वे बहुत जल्द मानेंगे किसान कमज़ोर नहीं ज़ोरदार है। बातें मन की तुम्हारी हरदम है झूठ, खेती कानून किसानों की लूट।