1- दिन पर दिन बढ़ रहे कोरोना संक्रमितों के आंकड़े डराने वाले हैं, कल फिर देश में 3 लाख 45 हजार 147 नए मामलों की पुषटि हुई है, वहीं कोविड से मौतों का आंकड़ा भी हर दिन बढ़ रहा है, कल भी 2 हजार 621 संक्रमित मरीजों की मौत हुई है। देश में लगातार तीसरे दिन संक्रमितों की संख्या 3 लाख से ज्यादा रही है। हर सप्ताह कोविड से मर रहे मरीजों की गिनती भी पुराने रिकॉर्ड तोड़ रही है। बढ़ते मामलों की वहज से रिकवरी रेट भी घट कर 83.5 फीसद रह गया है। देश के 8 राज्यों में कोरोना का प्रकोप ज्यादाहै, जहां कुल मौतों की 77 फीसद मौंते हुई हैं, महाराष्ट्र में बीते 24 घंटे में सबसे ज्यादा 773 लोगों की जान गई है। इसके बाद दिल्ली में 348 कोविड मरीजों की मौत हुई है, छत्तीसगढ़ में भी 219 लोगों की मौत कोविड से हुई है, वहीं यूपी में 196, कर्नाटक में 190, गुजरात में 142, पंजाब में 75 और मध्य प्रदेश में 74 लोगों की जान कल 24 घंटे में गई है। देश में हुई कुल मौतों में कल 2 हजार 17 मौंतें सिर्फ इन 8 राज्यों की हैं। जो कुल मौतों के 77 फीसद के करीब है। इसी तरह 60 फीसद से ज्यादा मरीज भी महाराष्ट्र, यूपी, दिल्ली, कर्नाटक, केरल, राजस्थान और छत्तीसगढ़ राज्यों में हैं। जिनमें सबसे ज्यादा 66 हजार 836 केस महाराष्ट्र, 28 हजार 447 केस उत्तर प्रदेश और केरल, 26 हजार 962 केस कर्नाटक और 24 हजार 331 केस दिल्ली में कल 24 घंटे में सामने आए हैं।
2- शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश में कोविड से सबसे ज्यादा प्रभावित 10 राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की। ऑनलाइन हुई इस वर्चुअल मीटिंग में इन राज्यों में कोरोना की बिगड़ती स्थिति और उसमें आगे की कार्रवाहियों पर चर्चा की गई, लेकिन ये मीटिंग सुर्खियों का हिस्सा बनी इसलिए क्योंकि दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने मीटिंग को सोशल मीडिया पर लाइव कर दिया, जैसे ही केजरीवाल बोलने लगे, मीटिंग का लाइव टेलीकास्ट देश के तमाम चैनलों पर भी होने लगा। प्रधानमंत्री को जब इस बात का पता चला तो उन्होंने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को टोकते हुए कहा, “हमारी जो परंपरा है, हमारे जो प्रोटोकॉल हैं, उसके खिलाफ हो रहा है कि कोई मुख्यमंत्री ऐसी इनहाउस मीटिंग को लाइव टेलीकास्ट करे। ये उचित नहीं है, हमें हमेशा संयम पालन करना चाहिए।“ इस पर अरविंद केजरीवाल ने कहा, ठीक है सर इसका आगे से ध्यान रखेंगे। मीटिंग के इस लाइव टेलीकास्ट को जब केजरीवाल की सियासत कहा जाने लगा तो सीएम कार्यालय की तरफ से बयान जारी कर कहा गया कि मुख्यमंत्री का भाषण ‘लाइव’ साझा किया गया क्योंकि केंद्र सरकार से ऐसा कोई निर्देश, लिखित या मौखिक कभी नहीं आया है कि बातचीत को लाइव साझा नहीं किया जा सकता है। फिर भी अगर कोई असुविधा हुई है तो हमें इस बात का बहुत अफसोस है।’
3- देश में बढ़ते कोरोना मामलों के चलते चरमराई चिकित्सा व्यवस्था से देश में इमरजेंसी जैसे हालात हो गए हैं। कई राज्यों में विभिन्न अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी की वजह से हाहाकार मचा हुआ है। जिसे लेकर अब सरकार भी एक्शन मोड़ में आ गई है। ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए सरकार ने रेलवे के बाद अब सेना को भी इस मिशन में शामिल किया है। देश में ऑक्सीजन की आपूर्ति बहाल करने के लिए सेना की AFMS यानि मेडिकल विंग आर्म्ड फोर्सेस मेडिकल सर्विसेस ने जर्मनी से पोर्टेबल ऑक्सीजन प्लांट मंगवाने का फैसला किया है, जिसके तहत सेना द्वारा हवाई जहाज के जरिए अगले एक हफ्ते में 23 मोबाइल ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट लाए जाएगें और अस्पतालों में तैनात किये जाएंगे। आपको बता दें कि एक पोर्टेबल ऑक्सीजन प्लांट की एक घंटे में 2,400 लीटर ऑक्सीजन प्रोडक्शन की क्षमता है, यानि हर मिनट 40 लीटर ऑक्सीजन। इस तरह 24 घंटे में 20-25 मरीजों के लिए पर्याप्त ऑक्सीजन उत्पादन हो सकता है। वहीं केन्द्र सरकार ने शुक्रवार को सभी राज्यों के निर्देश दिए हैं कि ऑक्सीजन उत्पादन करने वाले संयंत्रों की लिस्ट बनाएं और बंद हो चुकी यूनिट्स को ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ाने के लिए फिर से चालू कराएं, जिससे कि देश में ऑक्सीजन की मांग को पूरा किया जा सके। इसके अलावा देश में डॉक्टरों की कमी को देखते हुए रक्षा मंत्रालय ने शॉर्ट सर्विस कमीशन के 238 डॉक्टर्स को 31 दिसंबर 2021 तक सर्विस एक्सटेंशन दिया है, ताकि इस परिस्थिति में मदद मिल सके। साथ ही राज्यों को ये निर्देश दिए गए हैं कि ऑक्सीजन टैंकर्स की आवाजाही में बाधा न डालें, उन्हें एंबुलेंस ही समझेँ और उनके लिए अलग कॉरिडोर बनाएं।
4- कोरोना की दूसरी लहर में देश में तेजी से बढ़ते संक्रमण के बीच DCGI यानि ड्रग्स कंट्रोल जनरल ऑफ इंडिया ने शुक्रवार को विराफिन नाम की दवा को कोविड संक्रमित मरीजों के इलाज में इस्तेमाल करने की इजाजत दे दी है। इसे बनाने वाली कंपनी का कहना है कि ये दवा तेजी से वायरल को खत्म करने में मददगार साबित होती है। इस दवाई को कोरोना के मध्यम लक्षण वाले मरीजों के इलाज में इस्तेमाल के लिए इमरजेंसी अप्रवूल दिया गया है। अब विराफिन दवा अस्पतालों व संस्थागत सेटअप में इस्तेमाल के लिए मेडिकल स्पेशिलिस्ट के पर्चे के बाद उपलब्ध हो सकेगी। आपको बता दें कि हाल ही में Zydus Cadila ने DCGI से Pegylated Interferon alpha-2b यानि विराफिन दवा के इस्तेमाल की मंजूरी मांगी थी। बताया जा रहा है कि ये दवा एक सिंगल डोज दवा है, जो कोविड संक्रमित मरीजों के इलाज में बहुत हद तक मददगार साबित होगी। रेग्युलेट्री फाइलिंग के दौरान कंपनी ने इस दवा के बारे में बताया है कि कोरोना संक्रमण की पुष्टि होने के बाद जल्द विराफिन दवा देने से मरीज जल्दी रिकवर हो सकेगा और कई तरह की और समस्याएं भी दूर होंगी। कंपनी का कहना है कि तीसरे चरण के क्लिनिकल ट्रायल में ये दवा देने के बाद कोविड संक्रमण से जूझ रहे मरीजों में काफी सुधार देखा गया है और ट्रायल्स के दौरान ज्यादातर मरीजों की आरटी-पीसीआर रिपोर्ट सात दिनों में निगेटिव आ गई।
5- एक तरफ कोविड संक्रमितों की बढ़ती गिनती ने चिंताएं बढ़ाई हुई हैं, उस पर वायरस भी तेजी से अपना रूप बदल रहा है, और इससे संक्रमित मरीज के अंदर लक्षण भी बदल गए हैं। वैज्ञानिकों के मुताबिक, देश में अब कोरोना का ट्रिपल म्यूटेंट वैरिएंट फैल रहा है जो कोरोना के तीन अलग-अलग स्ट्रेन से बना है और चिंता की बात ये कि वायरस के डबल और ट्रिपल म्यूटेंट RT-PCR टेस्ट में भी पकड़ नहीं आ रहे हैं। डॉक्टर्स का कहना है कि दूसरे और तीसरे म्यूटेंट की संरचना में इतने बदलाव आ गए हैं कि RT-PCR टेस्ट, इस नए वायरस को पहचानने में सक्षम नहीं है। नए वायरस से संक्रमित लोगों में अब लक्षण भी अलग हैं जैसे- त्वचा में निशान पड़ना, आंखों में संक्रमण होना, भ्रम की स्थिति पैदा होना, सोचने-समझने की शक्ति कमजोर पड़ना, हाथ और पैरों की उंगलियों का नीला पड़ना, नाक और मुंह से खून निकलना आदि। इसके अलावा लंबे समय से स्वाद और सूंघने की शक्ति कम होना, दस्त, पेट दर्द, गले में खराश, शरीर में दर्द और बुखार जैसे लक्षण तो देखें ही जा रहे हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि दिल्ली, बंगाल और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में लोग इसी वैरिएंट का शिकार हो रहे हैं।