स्मिथा सिंह, नई दिल्ली
हर साल 24 अप्रैल की तारीख को देश में पंचायती राज दिवस के रुप में मनाया जाता है, क्या है इस दिन को मनाने की वजह और 24 अप्रैल ही क्यों? आईये इस आर्टिकल के माध्यम से बताते हैं।
ग्राम पंचायतों का विकास
हर साल 24 अप्रैल को पंचायती राज मंत्रालय द्वारा देश में राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस मनाया जाता है। जिसे मनाने की शुरुआत हुई साल 2010 में और देश में पहली बार 24 अप्रैल 2010 को राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस या कहें राष्ट्रीय स्थानीय सरकार दिवस मनाया गया। इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य है ग्राम पंचायतों का विकास। इसी उद्देश्य से बीते साल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस 2020 के मौके पर एकीकृत ई-ग्रामस्वराज पोर्टल और एक मोबाइल ऐप लॉन्च किया। ताकि ग्राम पंचायतों को अपनी ग्राम पंचायत विकास योजना को तैयार करने और उसके कार्यान्वित करने के लिए एकल इंटरफ़ेस मिल सके। गांवों की संपत्तियों को ठीक करने के उद्देश्य से स्वामित्व योजना की शुरुआत की गई है, इसके तहत देश के सभी गांवों में लोगों की संपत्ति की ड्रोन से मैपिंग की जाएगी और इसके बाद लोगों को उस संपत्ति का मालिकाना प्रमाणपत्र दिया जाएगा। इससे हर व्यक्ति के पास अपनी जमीन का मालिकाना हक होगा और तमाम तरह के संपत्ति विवाद भी काफी हद तक खत्म हो सकेंगे। बीते साल प्रधानमंत्री ने राष्ट्रीय पंचायतराज दिवस पर देशभर के सरपंचों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिग के जरिए कोरोना वायरस से लेकर गांवों में विकास के कार्यों पर सरपंचों और ग्राम प्रधानों से बात की थी।
अब सवाल ये कि पंचायती राज दिवस के लिए 24 अप्रैल का ही चुनाव क्यों किया गया। तो आपको बता दें कि ये दिन भारतीय संविधान के 73वें संशोधन अधिनियम, 1992 के पारित होने का प्रतीक है, जो 24 अप्रैल 1993 से लागू हुआ था और इसी के जरिए जरिए पंचायती राज व्यवस्था लागू हुई थी। पंचायती राज के लिए बलवंत राय मेहता की अध्यक्षता में 1957 में एक समिति का गठन किया गया था, इसी समिति ने अपनी सिफारिशों में जनतांत्रिक विकेंद्रीकरण की सिफारिश की, जिसे पंचायती राज कहा जाता है, जिसके बाद साल 1992 में संविधान में 73वां संशोधन कर पहली बार पंचायती राज संस्थान की पेशकश की गई इसीलिए 24 अप्रैल 1993 को देश में ज़मीनी स्तर पर सत्ता के विकेन्द्रीकरण के इतिहास का खास दिन माना जाता है। राजस्थान पहला राज्य था जिसने 1959 में दिवंगत प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के समय में पंचायती राज व्यवस्था लागू किया था।
गांव पीछे ना छूट जाए
भारत गांवों का देश है, लेकिन विकास की बयार में गांव पीछे न छूट जाएं और गांवों की आधारभूत संरचना को मजबूती मिले साथ ही शहरों और गांवों के बीच की दूरी कम हो इसी उद्देश्य से भारत में पंचायती राज व्यवस्था की देखरेख के लिए 27 मई 2004 को पंचायती राज मंत्रालय को एक अलग मंत्रालय बनाया गया। जिसके जरिए पंचायती राज दिवस मनाया जाता है, और देश को गांवो के महत्व व इनके विकास के बारे में समझाया जाता है।