ज्ञानवापी को लेकर कानूनी लड़ाई के बीच काशी में एक और मामला तूल पकड़ रहा है। अब मामला पंचगंगा घाट स्थित धरहरा मस्जिद है। बिंदु माधव मंदिर के रूप में प्रसिद्ध इस स्थान पर बनी मस्जिद में नमाज पर रोक लगाने और वहां दर्शन-पूजन का अधिकार देने संबंधी एक वाद मंगलवार को सिविल जज (जूनियर डिवीजन) आकाश वर्मा की अदालत में याचिका दी है।
अपील गायघाट निवासी अतुल सहित पांच लोगों द्वारा दाखिल की गई है। अदालत इस मामले की सुनवाई चार जुलाई को करेगी।
एक रिपोर्ट के मुताबिक याचिकाकर्ताओं का कहना है कि कई हजार वर्ष से पंचगंगा घाट स्थित प्राचीन बिंदु माधव मंदिर माधवराव का धरहरा मस्जिद के नाम से भी जाना जाता है। यहां भगवान विष्णु का मंदिर स्थापित था। उसमें हिंदू पूजा-पाठ, दर्शन व आरती करते थे। मुगल शासक औरंगजेब ने बिंदु माधव मंदिर पर हमला कर उसे भी काशी विश्वनाथ मंदिर की तरह से नष्ट कर दिया था। हिंदू पक्ष का कहना है कि अब वहां नमाज अदा की जाती है जिस पर प्रतिबंध लगाना चाहिए। वाद में सादिक अली, जमाल व मुन्ना को प्रतिवादी बनाया गया है।
और श्रृंगार गौरी दर्शन मामले में रोज नए दावे सामने आ रहे हैं। अब ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग और फव्वारे के दावों के बीच एक नया वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। इस वीडियो की शुरूआत में एक मिनट एक सेकेंड तक पंचगंगा घाट स्थित धरहरा मस्जिद को दिखाया गया है। उसके बाद ही इसको लेकर भी नया विवाद शुरू हो गया है। फिलहाल गेंद अब बनारस की कोर्ट के पाले में जा चुकी है।
कैसे शुरु हुआ विवाद
बनारस में मंदिर-मस्जिद को लेकर छिड़े विवाद की शुरुआत 18 अगस्त 2021 को 5 महिलाएं ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में मां श्रृंगार गौरी, गणेश जी, हनुमान जी समेत परिसर में मौजूद अन्य देवताओं की रोजाना पूजा की इजाजत मांगते हुए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। 26 अप्रैल 2022 को सिविल कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में श्रृंगार गौरी और अन्य देव विग्रहों के सत्यापन के लिए वीडियोग्राफी और सर्वे का आदेश जारी किया था। यहीं से मामले ने तूल पकड़ा। फिलहाल ये मामला फास्ट ट्रैक कोर्ट में है।