पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा शुक्रवार को कर दी लेकिन किसानों ने कहा है कि उनका आंदोलन जारी रहेगा जबतक उनकी बाकि मांगें पूरी नहीं हो जातीं। कृषि कानूनों की वापसी सहित एमएसपी पर कानून और अन्य कई मुद्दों को लेकर आज 22, नवंबर को संयुक्त किसान मोर्चा उत्तर प्रदेश के लखनऊ स्थित ईको गार्डन में किसान महापंचायत कर रहा है। संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने रविवार को पीएम के नाम एक खत लिखकर 6 पॉइंट्स में अपनी मांगें रखी हैं। किसानों ने अपनी चिट्ठी में लिखा कि उनकी मांग केवल तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने की नहीं थी बल्कि तीन और मांगे थीं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को किसानों का पत्र
किसानों ने पीएम मोदी को पत्र में लिखा है कि देश के करोड़ों किसानों ने 19 नवंबर 2021 की सुबह राष्ट्र के नाम आपका संदेश सुना। हमने गौर किया कि 11 राउंड वार्ता के बाद आपने द्विपक्षीय समाधान की बजाय एकतरफा घोषणा का रास्ता चुना, लेकिन हमें खुशी है कि आपने तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की है। हम इस घोषणा का स्वागत करते हैं और उम्मीद करते हैं कि आपकी सरकार इस वचन को जल्द से जल्द निभाएगी।
प्रधानमंत्री जी, आप भली-भांति जानते हैं कि तीन काले कानूनों को रद्द करना इस आंदोलन की एक मात्र मांग नहीं है। संयुक्त किसान मोर्चा ने सरकार के साथ वार्ता की शुरुआत से ही तीन और मांगें उठाई थीं।
आइए जानते हैं SKM की चिट्ठी में क्या-क्या शर्तें हैं
1- खेती की संपूर्ण लागत पर आधारित (C2+50%) न्यूनतम समर्थन मूल्य को सभी कृषि के उपज के ऊपर, सभी किसानों का कानूनी हक बना दिया जाए। ताकि देश के हर किसान को अपनी पूरी फसल पर कम से कम सरकार द्वारा घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की गारंटी हो सके।
2-सरकार के प्रस्तावित ‘विद्युत अधिनियिम संशोधन विधेयक 2020/2021’ का ड्राफ्ट वापस लिया जाए। (वार्ता के दौरान सरकार ने वादा किया था कि इसे वापस लिया जाएगा, लेकिन फिर वादाखिलाफी करते हुए इसे संसद की कार्यसूची में शामिल किया गया था।)
3-‘राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और इससे जुड़े क्षेत्रों वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए आयोग अधिनियम 2021’ में किसानों को सजा देने के प्रावधान हटाए जाएं। (इस साल सरकार ने कुछ किसान विरोधी प्रावधान तो हटा दिए लेकिन सेक्शन 15 के माध्यम से फिर किसान को सजा की गुंजाइश बना दी गई है)
4-दिल्ली, हरियाणा, चंडीगढ़, उत्तर प्रदेश और अनेक राज्यों में हजारों किसानों को इस आंदोलन के दौरान सैकड़ों मुकदमों में फंसाया गया है। इन केसों को तत्काल वापस लिया जाए।
5-लखीमपुर खीरी हत्याकांड के सूत्रधार और सेक्शन 120B के अभियुक्त अजय मिश्रा टेनी (Ajay Mishra Teni) आज भी खुले घूम रहे हैं और आपके मंत्रिमंडल में मंत्री बने हुए हैं। वह आपके और अन्य वरिष्ठ मंत्रियों के साथ मंच भी साझा कर रहे हैं। उन्हें बर्खास्त और गिरफ्तार किया जाए।
6-इस आंदोलन के दौरान अब तक 700 किसान शहादत दे चुके हैं। उनके परिवार के मुआवजे और पुनर्वास की व्यवस्था हो। शहीद किसान स्मृति में एक शहीद स्मारक बनाने के लिए सिंघु बॉर्डर पर जमीन दी जाए।
किसानों ने आगे लिखा,
प्रधानमंत्री जी, आपने किसानों से अपील की है कि अब हम घर वापस चले जाएं. हम आपको यकीन दिलाना चाहते हैं कि हमें सड़क पर बैठने का शौक नहीं है. हम भी चाहते हैं कि जल्द से जल्द इन बाकी मुद्दों का निपटारा कर हम अपने घर, परिवार और खेती बाड़ी में वापस लौटें। अगर आप भी यही चाहते हैं तो सरकार उक्त छह मुद्दों पर अविलंब संयुक्त किसान मोर्चा के साथ वार्ता शुरू करे. तब तक संयुक्त किसान मोर्चा अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक इस आंदोलन को जारी रखेगा.