1- अफगानिस्तान में तालिबान के काबिज होने के बाद की स्थिति को NSA meeting में गंभीरता से लेते हुए ये निर्णय लिया गया है कि किसी भी हालत में अफगानिस्तान को आतंकवाद का गढ़ नहीं बनने दिया जाएगा। अफगानिस्तान मुद्दे पर कल बुधवार को दिल्ली में 8 देशों के राष्ट्रीय
सुरक्षा सलाहकारों की तीसरी मीटिंग हुई। भारत के एनएसए अजीत डोभाल ने बैठक की अध्यक्षता की। इसमें रूस, ईरान, उज्बेकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, किर्गिस्तान, कजाखस्तान और ताजिकिस्तान के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। बैठक में सभी देशों ने अफगानिस्तान की मौजूदा स्थिति पर गंभीर चिंता जाहिर की और वहां से आतंकवाद, कट्टरता और मादक दवाओं के दूसरे देशों में प्रसार की बढ़ती आशंका पर लगाम लगाने की जरूरत व्यक्त की और इन सभी बिंदुओं पर एक साथ काम करने का संकल्प लिया। बैठक के बाद जारी घोषणा पत्र में सबसे अहम बात ये है कि इसमें भारत के इस मत को जगह दी गई है कि अफगानिस्तान की जमीन का इस्तेमाल किसी भी तरह की आतंकी गतिविधियों के लिए नहीं होना चाहिए, आतंकियों को आश्रय, प्रशिक्षण देने या उनके वित्त पोषण आदि का काम अफगानिस्तान में न हो। बता दें कि भारत की पहल पर आयोजित इस बैठक में पाकिस्तान और चीन को भी निमंत्रण दिया गया था, लेकिन उन्होंने इस बैठक में भाग नहीं लिया।
2- पंजाब की तरह ही राजस्थान में कलहपूर्ण स्थिति न बने, इसे ध्यान में रखते हुए कांग्रेस आलाकमान ने राजस्थान की राजनीतिक उथलपुथल स्थिर करने के लिए गंभीरता दिखाई है। जिसे लेकर कल का दिन राजस्थान की राजनीति के लिए काफी अहम रहा, कल बुधवार को दिल्ली में
राहुल गांधी के घर पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत से करीब तीन घंटे लंबी मीटिंग की, जिसमें केसी वेणुगोपाल और राजस्थान के प्रभारी अजय माकन भी मौजूद थे। बताया जा रहा है कि इस बैठक में 2023 के राजस्थान चुनाव में जीत पर रणनीति के साथ साथ कैबिनेट विस्तार जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर बातचीत हुई।राजस्थान के कांग्रेस प्रभारी अजय माकन ने इस बैठक के बारे में कहा कि बहुत सारे मामलों पर भ्रम दूर हो गया और रोडमैप स्पष्ट हो गया। वैसे ये भी चर्चाएं हैं कि कांग्रेस हाईकमान राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच चले आ रहे गतिरोध को सुलझाने के लिए एक्टिव हुई है। बता दें कि सचिन पायलट और सीएम अशोक गहलोत के बीच 2020 से तल्खियां सुर्खियों में हैं जब गहलोत-पायलट खेमे के विधायक एक महीन से भी ज्यादा वक्त तक अलग-अलग बाड़ाबंदी में रहे थे तब प्रियंका ने ही इस मुद्दे को हल करने की पहल की थी, लेकिन टकराव पूरी तरह शांत नहीं हुआ ऐसे में पंजाब में मचे सियासी घमासान से सबक लेते हुए अब कांग्रेस हाईकमान हर सूरत पर राजस्थान में पायलट और गहलोत के बीच के टकराव को थामने की कोशिशों में जुट गयी है।
3- पहले समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने जिन्ना की तुलना सरदार पटेल और महात्मा गांधी से की और अब उस पार्टी के अध्यक्ष ने जिन्ना को लेकर बयान दिया है जिस क्षेत्रीय दल के साथ यूपी चुनावों के लिए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गठबंधन किया है, जी हां कल, बुधवार को सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर ने पाकिस्तान के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना को लेकर कहा कि जिन्ना को अगर देश का पहला प्रधानमंत्री बना दिया गया होता तो देश का बंटवारा ही नहीं होता। इतना ही नहीं राजभर ने वाजपेयी और आडवाणी को जिन्ना का प्रशंसक बताते हुए कहा कि जिन्ना को देश का प्रधानमंत्री ही लोग बना दिए होते, इस बात पर आडवाणी जी के विचार को पढ़िए, अटल जी के विचार को पढ़िए, जो देश के शुभचिंतक हैं उनके विचार को पढ़िए, वो क्यों उनकी तारीफ करते थे? इससे पहले सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती के मौके पर एक कार्यक्रम में अखिलेश यादव ने मोहम्मद अली जिन्ना का नाम पटेल, नेहरू और गांधी के साथ लिया था। तक अखिलेख के बयान को सीएम योगी आदित्यनाथ ने शर्मनाक और तालिबानी मानसिकता बताते हुए इस बयान के लिए उन्हें देश से माफी मांगने को कहा था।
4- विश्व की 6 बड़ी कंपनियों ने ग्लोबल वॉर्मिंग और पर्यावरण प्रदूषण जैसी भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए एक अहम फैसला लिया है। ब्रिटेन के ग्लास्गो में चल रही COP26 की मीटिंग में फोर्ड, मर्सिडीज-बेंज, जनरल मोटर्स और वोल्वो जैसी 6 बड़ी कंपनियों ने बुधवार को ये फैसला लिया कि ग्लोबल वार्मिंग को कम करने की दिशा में अपना योगदान देते हुए ये सभी 2040 तक पेट्रोल-डीजल से चलने वाली गाड़ियों की बिक्री धीरे धीरे खत्म कर देंगी। COP26 समिट में ये प्रस्ताव रखा गया था कि 2040 तक पेट्रोल-डीजल से चलने वाली कारों की बिक्री धीरे-धीरे खत्म की जाए। फोर्ड, मर्सिडीज-बेंज, जनरल मोटर्स और वोल्वो सहित गाड़ी बनाने वाली करीब 6 बड़ी कंपनियां इस पर सहमत हो गईं और 31 देशों की सरकारों ने धीरे-धीरे बिक्री बंद करने का ऐलान किया जबकि टोयोटा, वोक्सवैगन और निसान-रेनॉल्ट जैसी कई बड़ी कार निर्माता कंपनियों ने इसे मानने से इनकार कर दिया है।
5- तमिलनाडु की राजधानी चेन्नई में जहां पहले ही बारिश ने आम जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित किया हुआ है तो वहीं अब कुछ और हिस्सों में भी बारिश अपना कहर बरपा सकती है। अगले कुछ घंटे तमिलनाडु के कई हिस्सों के लिए आफत भरी बारिश के चलते मुश्किल भरे हो सकते हैं। मौसम विभाग की तरफ से तमिलनाडु में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। जिसके मुताबिक अगले कुछ घंटों में तिरुवल्लूर, चेन्नई, चेंगलपट्टू और कांचीपुरम जिलों में भारी बारिश की संभावना है। मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो बंगाल की खाड़ी में बना कम दबाव का क्षेत्र जल्द ही तूफान का रूप ले सकता है। इससे पूरे तमिलनाडु में भारी बारिश के कारण हालात और खराब होने की आशंका है।
6- कर्नल सज्जाद अली जहीर, ये नाम सुर्खियों में खूब छाया है क्योंकि इन्हें भी भारत के सर्वोच्च सम्मान पद्मश्री से नवाजा गया है लेकिन क्या आप जानते हैं कि कर्नल सज्जाद अली जहीर कौन हैं??? राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के हाथों मंगलवार को साल 2021 के पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित हुए बांग्लादेशी नागरिक कर्नल काजी सज्जाद अली जहीर साल 1971 के युद्ध के नायक के तौर पर पहचाने जाते हैं। जो 1971 में महज 20 बरस की उम्र में पाकिस्तान की प्लानिंग्स से जुड़े दस्तावेजों और नक्शों के साथ भारत आए थे, और 71 बरस के हो चुके रिटायर्ड लेफ्टिनेंट कर्नल जहीर को पाकिस्तान बीते 50 बरस से ढूंढ रहा है। दरअसल जहीर 1969 के आखिरी में पाकिस्तानी सेना में शामिल हुए, उस वक्त उनकी नियुक्ति आर्टिलरी कोर में हुई थी, तब उस वक्त के पूर्वी पाकिस्तान में, जो अब बाग्लादेश है, वहां पाकिस्तानी सेना द्वारा किए जा रहे अत्याचारों को देखकर कर्नल काजी सज्जाद अली जहीर वो देश छोड़ दिया, जिसके बाद उधर पाकिस्तानी सेना ने उनके खिलाफ मौत का वारंट जारी किया जो आजतक जारी है। उन्होंने भारतीय सेना से संपर्क साधा और 1971 के युद्ध में अहम भूमिका अदा की।