उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव कुछ ही महीने दूर है। और यहां की राजनीति का बड़ा नाम है मायावती। चार बार आबादी के लिहाज से देश के सबसे बड़े सूबे यूपी की मुख्यमंत्री रह चुकी मायावती लोकसभा और राज्यसभा की सदस्य भी रहीं। मायावती का 35 साल का राजनीतिक सफर उतार चढ़ाव से भरपूर रहा। कई लोग मायावती के करीबी बन गये तो कइयों की गिनती मायावती के दुश्मनों में होती है। कई लोग मायावती को यारों का यार कहतें हैं तो कई यह मानते हैं कि बहन जी से दुश्मनी महंगी पड़ जाती है। यह माना जाता है कि अगर कोई मायावती की आंखों में खटकने लगता है तो वो दुश्मनी निभाना भी जानती हैं।
मुलायम सिंह यादव
मायावती के दुश्मनों में सबसे पहला नाम आता है मुलायम सिंह यादव का। एक तो सपा सुप्रीमो मुलायम ना सिर्फ प्रदेश में मायावती के सबसे बड़े प्रतिद्वंदी रहे बल्कि उन पर हिंसा के आरोपी भी रहे। 1995 में हुए गेस्ट हाउस कांड ने दोनों के बीच दूरियों को दुश्मनी में तब्दील कर दिया।
रघुराज प्रताप सिंह
2002 में मायावती जब बीजेपी के साथ गठबंधन कर यूपी की सत्ता पर तीसरी बार काबिज हुईं तो राजा भैया उनके दुश्मनों की लिस्ट में शामिल हो गये। राजा भैया उर्फ रघुराज प्रताप सिंह ने मायावती के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। मायावती ने राजा भैया पर सरकार को अस्थिर करने का आरोप लगाते हुए उन्हें गिरफ्तार करवा दिया था। यह दुश्मनी इतनी गहरी हो गई को राजा भैया पर बसपा चीफ ने प्रिवेंशन ऑफ टेररिज्म एक्ट (पोटा) लगाया। मायावती ने राजा भैया, उनके पिता उदय प्रताप सिंह और कजिन भाई अक्षय प्रताप सिंह समेत किडनैपिंग और धमकाने के आरोपों में जेल भेज दिया था। राजा भैया को नवंबर 2002 में जेल भेजा गया था। वे लगभग 10 महीने तक जेल में बंद रहे। लेकिन एक साल बाद 2003 में सत्ता में आते ही मुलायम सिंह ने राजा भैया पर लगे सभी आरोपों को खारिज करवाकर उन्हें जेल से रिहा करवाया था। इतना ही नहीं जब वह फिर से सीएम बनीं तो राजा भैया को उनके पिता उदय प्रताप सिंह सहित फिर से जेल में डाल दिया था। 20 साल से मायावती और राजा भैया के बीच 36 का आंकड़ा चला आ रहा है।
अतीक अहमद
मायावती के अगले दुश्मन हैं अतीक अहमद। मायावती ने आरोप लगाया था कि अतीक अहमद ने गेस्ट हाउस कांड में उनके ऊपर हमला किया था। मायावती और अतीक अहमद की दुश्मनी के किस्से जगज़ाहिर हैं। यूपी के मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालते ही मायावती ने अतीक अहमद को नाकों चने चबवाए। फिलहाल अतीक कई आपराधिक मामलों में जेल में बंद हैं।
उमाकांत यादव
चौथा नाम उमाकांत यादव का है। गेस्ट हाउस कांड के आरोपियों में उमाकांत यादव का नाम भी शामिल था। अब राजनीति क्या न करवाये। बाद में मायावती ने उन्हें माफ कर दिया था। वो बसपा से ही सांसद भी बने। लेकिन मायावती ने उन्हें अपने बंगले पर बुला अरेस्ट करवा दिया था। तब से उमाकांत सत्ता से दूर हैं।
शिवपाल यादव
अगला नाम है मुलायम के भाई शिवपाल यादव का। यह गेस्ट हाउस कांड ही था जहां से मायावती के दुश्मनों की लिस्ट लंबी हो गई। शिवपाल के साथ मायावती की अदावत भी यहीं से शुरु हुई। शिवपाल तो इस बात से भी चिढ़ होती है कि अखिलेश यादव मायावती को बुआ कहते हैं। उनका कहना है कि जब मैंने या फिर मुलायम ने मायावती को कभी अपनी बहन माना ही नहीं तो फिर अखिलेश बुआ किस आधार पर कहते हैं।
अरुण शुक्ला
मायावती की अगली अदावत है उन्नाव के बाहुबली नेता अरुण शुक्ला उर्फ अन्ना शुक्ला से। इसकी शुरुआत भी गेस्ट हाउस कांड से ही हुई। शुक्ला मायावती पर हमला करने वाले कुछ प्रमुख लोगों में थे। मायावती कई बार इस बात का जिक्र भी कर चुकी हैं। मायावती के शासनकाल में शुक्ला भी लंबे समय तक जेल में रहे।
दयाशंकर सिंह
मायावती पर अभद्र टिप्पणी करने को लेकर दुश्मनों की फेहरिस्त में बीजेपी नेता दयाशंकर सिंह का नाम भी शुमार है। उन्हें मायावती पर अभद्र टिप्पणी के कारण जेल भेजा गया। अपनी छिछली जुबान के कारण उन्हे बीजेपी से निष्कासित भी होना पड़ा। मायावती भी दयाशंकर पर पलटवार करते हुए विवादित टिप्पणी करने से पीछे नहीं हटीं। दयाशंकर की पत्नी स्वाति सिंह ने इस बात को लेकर बसपा और मायावती के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। फिलहाल स्वाति योगी सरकार में मंत्री हैं।