स्मिथा सिंह, नई दिल्ली
70 के दशक की सबसे बिंदास एंक्ट्रेस तनुजा आज अपना 78वां जन्मदिन मना रही हैं, उनके जन्मदिन के मौके पर पढ़िए तनुता की लाइफ से जुड़ी कुछ अनसुनी बातें।
23 सिंतबर 1943 को जन् तनुजा एक फिल्मी परिवार से ताल्लुक रखती हैं। तनुजा की मां शोभना एक्ट्रेस थीं और पिता कुमारसेन समर्थ एक डायरेक्टर थे, तनुजा चार भाई-बहनों में दूसरे नंबर पर थीं, उनकी बड़ी बहन नूतन भी अपने दौर की एक हिट एक्ट्रेस थीं ऐसे में तनुता का एक्टिंग की दुनिया में आना कोई चौंकाने वाली बात हीं थी। तनुजा की बेटी काजोल भी आज के दौर की सबसे सफल बॉलीवुड एक्ट्रेस में शुमार हैं।
मां के एक थप्पड़ ने किया कमाल
तनुजा ने अपनी शुरुआती पढ़ाई स्विटजरलैंड से की, जहां उन्होंने अंग्रेजी, फ्रेंच और जर्मन भाषा भी सीखी। बताया जाता है कि तनुजा उस वक्त स्विटजरलैंट के सेंट जॉर्ज स्कूल में पढ़ रही थीं लेकिन परिवार की आर्थिक स्थिति डगमडाने पर महज 16 साल की उम्र में उन्होंने घर वापसी कर फिल्मों में कदम रखा, लेकिन एक फिल्मी परिवार में पैदा हुई तनुजा एक स्टार किड थी, तो टैंट्रम्स लाजमी थे, उन्होंने अपने इन्हीं नखरों के साथ बहुत छोटी उम्र में अभिनय करियर की शुरुआत की। बचपन से ही स्टारडम इंज्वाय करने वाली तनुजा को उनकी मां शोभना समर्थ ने 1960 में फिल्म छबीली से लॉन्च किया।
इस फिल्म की शूटिंग के दौरान उनके नखरे भी खूब थे क्योंकि उनको लगता था कि मां-बहन सभी एक्ट्रेस हैं तो फिल्मी दुनिया में पैर जमाना उनके लिए कोई टेढ़ी खीर नहीं होगा, इसलिए शुरुआत में फिल्म की शूटिंग को लेकर वो कभी गंभीर नहीं रहती थीं। इन्हीं आदतों के चलते डायरेक्टर ने तनुजा के मुंह पर तमाचा जड़ दिया था।
जब रो नहीं पा रही थीं तनुजा
दरअसल डायरेक्टर केदार शर्मा की फिल्म की शूंटिंग के दौरान एक सीन में तनुजा को रोना था, लेकिन वो सिर्फ हंसे जा रही थीं, जिसकी वजह से सीन पूरा नहीं हो हा था, इस पर तनुजा ने डायरेक्टर को जवाब दिया कि उनका रोने का मूड नहीं है इस बात से डायरेक्टर को इतना गुस्सा
आया कि उन्होंने तनुजा को थप्पड मार दिया। गुस्साई तनुजा ने मां से केदार शर्मा की शिकायत की और पूरी बात जानने के बाद उनका मां ने भी तनुजा को थप्पड मारा, और फिल्म मां शोभना उन्हें सेट पर लेकर गई, जिसके बाद वाकई में रो रही तनुजा के साथ फिल्म के उस सीन शूटिंग की गई। मां के इस थप्पड ने तनुजा को वो सबक दिया कि वो अपने दौर की सफल अभिनेत्री बनीं। 70 का दशक वो दौर था जब फिल्मी अभिनेत्रिंया अपने सिगरेट विह्सकी पीने के शौक को छिपा कर पूरा करती थीं, लेकिन तनुजा उस दौर में इतनी बिंदास और बेपरवाह थीं कि लोग क्या कहेंगे की परवाह किए बगैर सिगरेट और व्हिस्की पीती थीं
शादी जो टिक न सकी
बात उनकी निजी जिन्दगी की करें तो तनुजा ने फिल्ममेकर शोमू मुखर्जी से शादी की थी। शोमू मुखर्जी से तनुजा की मुलाकात फिल्म ‘एक बार मुस्कुरा दो’ के सेट पर हुई थी। दोनों को एक दूसरे का साथ अच्छा लगा और तनुजा-शोमू मुखर्जी ने एक दूसरे को डेट करना शुरु किया, और फिर कुछ वक्त बाद साल 1973 में दोनों ने शादी कर ली, लेकिन कुछ साल रिश्ते में रहने के बाद दोनों अलग हो गए। तनुजा और शोमू की दो बेटियां हैं काजोल और तनीषा।
रात अकेली है….
60 और 70 के दशक में तनुजा की जोड़ी संजीव कुमार, धर्मेंद्र और राजेश खन्ना के साथ काफी सफल साबित हुई। उन्होंने अपने करियर में 1962 में आई ‘मैम दीदी’, ‘चांद और सूरज’, ‘मेरे जीवन साथी’ जैसी कई हिट फिल्में कीं। ‘रात अकेली है, बुझ गए दिए’ जैसे गाने में तनुजा सिडक्टिव अवतार देखने को मिला और देव आनंद के गाने ‘ये दिल न होता बेचारा’ में तनुजा का ऑनस्क्रीन गुस्सा भी दर्शकों ने खूब पसंद किया। हिन्दी फिल्मों के अलावा तनुजा ने बंगाली फिल्मों में भी काम किया और तनुजा के हिसाब से बंगाली फिल्में उन्हें ज्यादा संतुष्टि देती थीं। अपनी अभिनय की काबिलियत के बल पर ही तनुजा कई दशक से फिल्म इंडस्ट्री में एक्टिव हैं।