तेजस्वी यादव – तेजस्वी सूर्या आमने-सामने
बिहार विधानसभा चुनाव 2020 के मद्देनज़र एनडीए खेमे ने एक नया दाव चला है। एक ओर जहां आरजेडी के तेजस्वी यादव के तेवर बेहद गरम हैं और विपक्षी दल का मुख्य चेहरा हैं। उन्हें महागठबंधन ने मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर दिया है। ऐसे में बीजेपी ने तेजस्वी को चुनौती देने के लिए बेंगलुरु दक्षिण की सीट से लोकसभा सांसद तेजस्वी सूर्या को बिहार के सियासी समर में उतारा है। 29 साल के तेजस्वी सूर्या को युवा मोर्चा की कमान सौंपी गई है। युवा मोर्चा की कमान संभालते ही तेजस्वी सबसे पहले दौरे पर बिहार जायेंगे। तेजस्वी सूर्या ना सिर्फ एक तेजतर्रार सांसद माने जाते हैं बल्कि अपनी आक्रामक छवि के लिए भी जाने जाते हैं। इससे पहले तेजस्वी कर्नाटक भाजयुमो की कमान संभाल चुके हैं. भाजपा ने साल 2019 के लोकसभा चुनाव में तेजस्वी सूर्या को बेंगलोर दक्षिण से टिकट देकर सबको चौंका दिया था। उस वक्त बेंगलुरु दक्षिण सीट से पार्टी के दिवंगत नेता अनंत कुमार की पत्नी लोकसभा टिकट की दावेदार मानी जा रही थी। बेंगलुरु की इस सीट से साल 1996 से अनंत कुमार लगातार जीत रहे थे।
तेजस्वी यादव और तेजस्वी सूर्या की उम्र को लेकर भी काफी चर्चाएं हैं- दोनों की उम्र लगभग एक बराबर है। अगर तेजस्वी यादव 30 साल के हैं तो तेजस्वी सूर्या की आयु 29 साल है।
अब बिहार के सियासी रण की अगर बात करें तो 2016 में तेजस्वी यादव एक जोशीले नेता के रूप में उभरे से। उस साल नीतीश कुमार जब आरजेडी से अलग होकर दोबारा बीजेपी के साथ गए थे तब लालू प्रसाद यादव के बेटे तेजस्वी यादव की विधानसभा में दिए भाषण ने सबको यह कहने पर मजबूर कर दिया था कि लालू के लाल में दम तो है। हालांकि लोकसभा चुनाव में आरजेडी और उनके सहयोगी दलों का प्रदर्शन बेहद निराशाजनक रहने से उनकी छवि थोड़ी धुमिल हुई है, लेकिन एकाध चुनाव की हार-जीत के बूते किसी नेता के नेतृत्व का परखा जाना सही भी नहीं है।
आइये अब बात तेजस्वी सूर्या की करते हैं। तेजस्वी सूर्या अपनी छवि फायरब्रांड नेता के रूप में जाने जाते हैं। हिंदुत्व के समर्थक तेजस्वी सूर्या कल यानि रविवार को भी कहा कि बेंगलुरू आतंकवादी गतिविधियों का केंद्र बन गया है। इस मसले पर उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात भी की और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) का एक स्थायी कार्यालय कर्नाटक की राजधानी में स्थापित करने की मांग रखी है।
भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) का अध्यक्ष बनाये के ठीक बाद ही सूर्या ने बेंगलुरू में आतंकी मोड्यूल का मुद्दा उठाया।
अब बिहार के सियासी मैदान पर एक घमासान की उम्मीद है क्योंकि दोनों ही युवा, जोशीले और बेबाक हैं। तेजस्वी यादव लगातार ही मौजूदा सरकार के खिलाफ बेरोजगारी के मुद्दे को उठा रहे हैं तो तेजस्वी सूर्या भी ऐसा जवाब देते हैं कि तेजस्वी यादव पटखनी खा जायें।
तेजस्वी यादव लॉकडाउन में पलायन कर बिहार लौटे करीब 26 लाख युवाओं को लुभाने के लिए तरह तरह की बात कर रहे हैं। उन्होंने रविवार को यह घोषणा की है कि अगर वो सत्ता में आते हैं तो पहली ही कैबिनेट की बैठक में 10 लाख युवाओं को रोजगार देंगे।
तेजस्वी यादव ने पार्टी के पोस्टरों से पिता लालू प्रसाद यादव, मां राबड़ी देवी, बहन मीसा भारती, भाई तेज प्रताप यादव को हटा कर एक साफ सुथरी छवि बनाने की कवायद कर रहे हैं। वो सार्वजनिक रूप से अपने पिता लालू प्रसाद यादव और मां राबड़ी देवी के के शासनकाल के दौर में हुई गलतियों के लिए माफी मांग चुके हैं। वहीं ताकि तेजस्वी सूर्या हर वार का पलटवार करने को तैयार हैं। तभी तो कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और तेजस्वी यादव पर तंज कसते हुए तेजस्वी सूर्या ने कहा कि वे लोग बेरोजगारी के बारे में बात कर रहे हैं जिन्होंने कभी नौकरी नहीं की, और जिन्हें पहली सैलरी मिलने की खुशी कैसी होती है उसके बारे में जानकारी नहीं है।