उत्तराखंड के मुख्यमंत्री (CM) पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार 24 मार्च को घोषणा की कि उनकी सरकार जल्द ही राज्य में समान नागरिक संहिता लागू करेगी। उत्तराखंड में चुनाव से पहले धामी ने घोषणा की थी कि सरकार बनते ही समान नागरिक संहिता को लागू करने का काम शुरु कर दिया जाएगा।
बैठक के बाद पुष्कर सिंह धामी ने कहा, ‘आज नई सरकार का गठन होने के बाद मंत्रिमंडल की पहली बैठक हुई। 12 फरवरी 2022 को हमने जनता के समक्ष संकल्प लिया था कि हमारी सरकार का गठन होने पर हम यूनिफॉर्म सिविल कोड लेकर आएंगे। आज हमने तय किया है कि हम इसे जल्द ही लागू करेंगे।’
धामी ने कहा, “राज्य मंत्रिमंडल ने सर्वसम्मति से मंजूरी दी कि एक समिति (विशेषज्ञों की) जल्द से जल्द गठित की जाएगी और इसे राज्य में लागू किया जाएगा। ऐसा करने वाला यह पहला राज्य होगा।”
उन्होंने कहा, “सबसे पहले, मैं पीएम नरेंद्र मोदी को मुझ पर विश्वास करने और 5 साल तक उत्तराखंड के सीएम के रूप में काम करने का मौका देने के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं। हम राज्य में समान नागरिक संहिता को लागू करने सहित सभी वादों को पूरा करेंगे।” एएनआई के हवाले से कहा गया है।
उत्तराखंड में 14 फरवरी की वोटिंग से दो दिन पहले धामी ने यह ऐलान किया था कि सरकार बनने पर समान नागरिक संहिता लागू किया जाएगा। उन्होंने दावा किया था कि उत्तराखंड में जल्द से जल्द समान नागरिक संहिता लागू करने से राज्य में सभी वर्ग के लोगों के लिए समान अधिकारों को बढ़ावा मिलेगा। यह सामाजिक सद्भाव को बढ़ाएगा। लैंगिक न्याय को बढ़ावा देगा। महिला सशक्तिकरण को मजबूत करेगा। राज्य की असाधारण सांस्कृतिक-आध्यात्मिक पहचान और पर्यावरण की रक्षा करने में मदद करेगा। समान नारिक संहिता के तहत सभी लोगों के लिए विवाह, तलाक, जमीन, संपत्ति और विरासत के संबंध में एक समान कानून व्यवस्था का लाभ मिलेगा। इसमें धर्म या आस्था से कोई लेनादेना नहीं होगा।
उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने 70 में से 47 सीटें जीती थीं।