स्मिथा सिंह, नई दिल्ली
12 नवंबर को होता है World Pneumonia Day यानि विश्व निमोनिया दिवस। कहने में शब्द काफी आम समस्या लगता है, लेकिन वास्तव में निमोनिया की जरा सी अनदेखी काफी भयानक परिणाम दे सकती है, इसीलिए इस विषय के प्रति जागरुकता फैलाने के लिए 12 नवंबर को पूरी
दुनिया में विश्व निमोनिया दिवस मनाया जाता है।
आमतौर निमोनिया की समस्या से बच्चे ज्यादा प्रभावित होते हैं हालांकि बड़े भी निमोनिया का शिकार हो सकते हैं लेकिन बच्चों के बीमारी अपनी चपेट में जल्दी लेती है, वायरस, बैक्टीरिया और कई तरह के सूक्ष्म जीवों के कारण होने वाला निमोनिया, रोगी के फेफड़ों को संक्रमित करता है, जिससे फेफड़ों में पानी या मवाद भर जाता है, और रोगी को बुखार के साथ साथ सांस संबंधी समस्याएं होने लगती हैं, खांसी के साथ कफ का बढ़ना, सीने में जकड़न और सांस लेने में समस्याएं इस बीमारी के आम लक्षण हैं, यदि वक्त रहते इऩ लक्षणों पर गौर कर उपचार तुरंत न दिया जाए तो निमोनिया एक गंभीर समस्या पैदा कर सकता है।
वक्त के साथ साथ लोगों में निमोनिया के प्रति काफी जागरुकता आई है, आज लोग हल्के से खांसी जुकाम में भी अहतियात बरतते हैं, जिसके चलते समस्या गंभीर रुप नहीं लेती, लेकिन कुछ वर्ष पहले तक स्थिति काफी अलग थी, खांसी जुकाम को साधारण समस्या मान कर लोग इलाज के प्रति लापरवाह हो जाते थे, और निमोनिया फेफंड़ों को जकड़ लेता था जिसके चलते ये बीमारी कई लोगों के लिए जानलेवा साबित हुई। उसी स्थिति को देखते हुए लोगों को वैश्विस स्तर पर निमोनिया के प्रति जागरुक करने की मुहिम की शुरुआत की गई और वैश्विक स्तर पर साल का एक दिन निर्धारित कर विश्व निमोनिया दिवस मनाया जाने लगा।
पहला विश्व निमोनिया दिवस साल 2009 में मनाया गया, जब 12 नवंबर 2009 को पहली बार ‘ग्लोबल कोएलिशन अगेंस्ट चाइल्ड निमोनिया’ द्वारा वर्ल्ड निमोनिया डे सेलिब्रेट किया गया और तब से हर साल ये दिन एक खास विषय के साथ पूरी दुनिया में मनाया जाता है इस साल यानि साल 2021 में विश्व निमोनिया दिवस का विषय यानि थीम है स्टॉप निमोनिया, एवरी ब्रीथ काउंट्स।
एक और भ्रम जिसके प्रति सजग और जागरुक होने की जरूरत है, कि सिर्फ ठंड लगने को ही लंग्स में इनफेक्शन की वजह न समझें, बढ़ता प्रदूषण भी निमोनिया के लिए काफी हद तक जिम्मेदार है। ऐसे में जरूरी है कि शरीर को स्वस्थ रखने, अपने लंग्स की निमोनिया जैसी बीमारी से सुरक्षा के लिए कुछ घरेलू उपाय करने के साथ साथ पौष्टिक आहार लें।
पोषण युक्त आहार तमाम शारीरिक समस्याओं से शरीर की रक्षा करता है, इसलिए जरूरी है कि हम पौष्टिक आहार का सही अर्थ समझें। हरी पत्तेदार सब्जियों को अपने भोजन में शामिल करें। इनमें मिलने वाले विटामिन्स, पाइबर और पोटेशियम संक्रमण से बचाने में मददगार होते हैं। ताजे फलों का सेवन जरूर करें। अंडे का सेवन भी निमोनिया के रोगी के लिए फायदेमंद है, क्योंकि अंडा न्यूट्रिएंट्स का खजाना है ऐसे में यदि आप अंडा खाते हैं तो निमोनिया को कंट्रोल किया जा सकता है। इसके अलावा लहसुन और हल्दी जैसी घरेलू औषधियां निमोनिया में काफी प्रभावी साबित होती हैं। लहसुन में मैंगनीज, विटामिन बी, विटामिन सी, सेलेनियम और फाइबर पाए जाते हैं. जो वायरल और फंगल इंफेक्शन से बचाने में मददगार हो सकते हैं, ठीक उसी तरह हल्दी में मौजूद एंटीवायरल और एंटी बैक्टीरियल गुण निमोनिया के इंफेक्शन से बचाने में मदद कर सकते हैं।