यूपी के कुख्यात माफिया मुख्तार अंसारी जिस बांदा जेल में बंद है, उसी जेल से रविवार को एक कैदी के फरार होने की खबर सामने आई। हाई सिक्योरिटी जेल से कैदी के फरार होने से पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया और जेल की सेक्योरिटी पर सवाल उठने लगे। लेकिन हकिकत कुछ और ही थी, फरार हुआ कैदी जेल के अंदर ही छिपा बैठा था। दरअसल, उसने फरार होने का प्लान तो किया था, लेकिन घायल होने की वजह से भाग नहीं पाया। आपको बताते हैं उत्तर प्रदेश का बांदा जेल आखिर क्यों कहलाता है कालापानी……जी हां, उत्तर प्रदेश का बांदा जेल…कहलाता है काला पानी……इस जेल में आने के नाम पर कैंदियों को सांप सूंघ जाता है…..रूह कांप जाती है……क्या है इस जेल की कहानी जिससे खौफ खाते हैं खूंखार से खूंखार माफिया डॉन…
बीते दिनों इस जेल की सलाखों से एक कैदी फरार हो गया… इस खबर पर यकीन कर पाना मुश्किल था….मुश्किल इसलिए क्योंकि यहां होते है सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम… कैदियों पर रखी जाती है हर वक्त नजर। खतरनाक बदमाशों की भी इस जेल में सांसे थम जाती है।
कुख्यात गैंगस्टर और विधायक मुख्तार अंसारी को पंजाब से उत्तर प्रदेश के इसी जेल में लाया गया था। इस जेल का इतिहास ही ऐसा है कि इसे कालापानी भी कहा जाता है। इसी जेल की सलाखों ने बड़े-बड़े डॉन, माफिया, नेता, बाहुबली और उग्रवादियों को बंद देखा है।
डॉन अतीक अहमद से लेकर राजा भैया, या फिर नोएडा का कुख्यात गैंगस्टर अनिल दुजाना से लेकर चंबल का दुर्दांत डाकू ददुआ जैसे खूंखार अपराधी इस जेल की सजा काट चुके हैं।
बांदा जेल का खौफ मुख्तार अंसारी में इस कदर था कि वो पंजाब से बांदा जेल शिफ्ट होना नहीं चाहता था। वो इसलिए भी क्योंकि वो पहले भी इस जेल में बंद रह चुका है। जनवरी 2019 में इस जेल में बंद होने के दौरान मुख्तार की तबीयत बिगड़ गई थी। तब यह बात सामने आई थी कि उसे हार्ट अटैक हुआ है मगर उनके घर वालों का आरोप था की उन्हें चाय में ज़हर देकर मारने की कोशिश की गई है। इसके पीछे की मुख्य वजह है मुन्ना बजरंगी। दरअसल मुन्ना बजरंगी वही खूंखार अपराधी है जिसने मुख्तार के कहने पर तत्कालीन बीजेपी विधायक कृष्णानंद राय और उनके साथियों को शूटआउट में गोलियों से भून डाला था। हालांकि इस मामले में सीबीआई की एक अदालत ने मुख्तार को बरी कर दिया था। लेकिन 9 जुलाई 2019 को बागपत की जेल में मुन्ना बजरंगी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी जिसके बाद मुख्तार अंसारी बुरी तरह डर गया था। वो दहशत में जीने लगा कि कहीं कोई जेल में गोली मारकर उसकी हत्या भी न कर दे। दिल्ली पुलिस ने लम्बू नाम के एक शख़्स को गिरफ्तार भी किया था जिसने कबूल किया था की उसे मुख्तार अंसारी को मारने के लिए 6 करोड़ की सुपारी दी गई थी। और यह सुपारी किसी और ने नहीं बल्कि मुख्तार के जानी दुश्मन गैंगस्टर बृजेश सिंह ने दी थी। इसके बाद मुख्तार की सुरक्षा बढ़ा दी गई थी।
हालांकि इस बार पुलिस के आला अफसरों ने बांदा जेल की सुरक्षा पहले से अधिक बढ़ा दी है। मुख्तार के बैरक नंबर 15 के आस-पास किसी भी आम कैदी को जाने की इजाज़त नहीं है। लेकिन मुख्तार खौफ में जीता है। मुख्तार की सुरक्षा को लेकर उसका परिवार पहले ही प्रश्न उठाता रहा है और साजिश के तहत उनकी हत्या करने का आरोप लगाता रहा है।