अगले हफ्ते अमेरिका और भारत के बीच 2+2 वार्ता होने वाली है जिसमें इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में सामने आई चुनौतियों से निपटने के समाधान पर चर्चा की जाएगी। यह जानकारी अमेरिका के रक्षा सचिव मार्क एस्पर ने दी है। दरअसल, भारत से सटी सीमा से लेकर दक्षिण चीन सागर में अमेरिका को चुनौती देने वाले चीन को कैसे रोकना है, इस पर चर्चा के लिए अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पॉम्पियो भारत आने वाले हैं। अटलांटिक काउंसिल के अध्यक्ष फ्रेडरिक केम्पी से बातचीत के दौरान एस्पर ने कहा है कि अगले हफ्ते वह पॉम्पियो दौरे पर जाएंगे। एस्पर ने कहा कि यह मुलाकात और इंडो-पैसिफिक में भारत के साथ पार्टनरशिप इस सदी का सबसे अहम हिस्सा होगा।
एस्पर ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि चीन राजनीति और कूटनतिक दबाव बना रहा है और भारत की तरह कुछ देशों पर सैन्य दबाव भी बना रहा है। इस तरह का रुख बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। एस्पर ने यह साफ किया कि मुद्दा चीन के उदय का नहीं है, इस बात का है कि उनका उदय कैसे हो रहा है।
बातचीत के दौरान एस्पर ने कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है जहां के लोग बहुत ही योग्य और गुणी हैं। यहां के लोग हर दिन हिमालय पर चीन की चालों और आक्रामकताओं का सामना करते हैं। वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तो लगातार चीन का रुख आक्रामक है। एस्पर ने कहा है न्यूजीलैंड, ऑस्ट्रेलिया, मंगोलिया, थाइलैंड, पलाऊ और पैसिफिक के टापू देशों से बात की है और वहां गए हैं। सभी देशों को दिख रहा है कि चीन क्या कर रहा है।
27 अक्टूबर को होगी वार्ता। यह भारत-यूएस 2 + 2 का तीसरा संस्करण होगा। भारत ने 2018 में नई दिल्ली में पहली बार मेजबानी की थी। दूसरी वार्ता अमेरिका ने 2018 में वाशिंगटन डीसी में की थी।