1- बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर पश्चिम बंगाल में हुए हमले के बाद गृह मंत्रालय ने एक बड़ा फैसला लिया है। मंत्रालय ने जेपी नड्डा की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार पश्चिम बंगाल के तीन आईपीएस ऑफिसर्स को सेंट्रल डेप्युटेशन यानि प्रतिनियुक्ति पर बुलाया है। गृह मंत्रालय से अफसरों के सेंट्रल डेप्युटेशन का आदेश जारी होने के बाद टीएमसी ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि आईएएस और आईपीएस अफसरों को प्रतिनियुक्ति पर भेजना राज्य सरकार पर निर्भर करता है। टीएमसी के वरिष्ट सांसद कल्याण बनर्जी ने इस विषय पर केन्द्रीय गृह सचिव को पत्र लिखकर कहा है कि यह राजनीतिक उद्देश्य से और आपके मंत्री के इशारे पर उठाया गया कदम लगता है। आप राजनीतिक बदले की भावना के तहत पश्चिम बंगाल के अधिकारियों पर दबाव डालना चाहते हैं। ऐसा लगता है कि आप संघीय ढांचे में हस्तक्षेप कर रहे हैं।’
2- सरकार देश में बड़े पैमाने पर कोरोना वैक्सीन देने की तैयारियो में लगी है। कोरोना के टीकाकरण के लिए बनाए जा रहे केन्द्रों में वेटिंग रूम, वैक्सीनेशन रूम और ऑब्जर्वेशन रुम बनाए जाएंगे। वैक्सीनेशन रूम में एक बार में केवल एक ही व्यक्ति जा सकेगा। हर टीकाकरण केंद्र पर हर घंटे 13-14 लोगों का टीकाकरण होगा, इस तरह एक दिन में 100 लोगों का ही टीकाकरण होगा। टीकाकरण के बाद हर व्यक्ति को आधा घंटे तक निगरानी में रखा जाएगा ताकि टीकाकरण का कोई भी गंभीर साइड इफैक्ट होने पर मरीज को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया जा सके।
3- कृषि कानूनों की वापसी की मांग पर अड़े किसानों ने आंदोलन तेज और अपने तेवर सख्त कर लिए हैं। अब किसान नेताओं ने ऐलान किया है कि 14 दिसंबर को सुबह 8 से शाम 5 बजे तक सभी किसान संगठनों के प्रतिनिधि और अध्यक्ष भूखहड़ताल पर बैठेंगे। दिल्ली चलो के नारे के साथ किसान नेताओं ने महिलाओं से भी आंदोलन में शामिल होने की अपील की है। 13 दिसंबर को राजस्थान बॉर्डर से किसान ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे और दिल्ली-जयपुर हाईवे को बंद करेंगे, किसानों का कहना है कि वे शांतिपूर्ण तरीके से अपने आंदोलन को मजबूत करेंगे। केन्द्र सरकार पर आरोप लगाते हुए किसान नेता कमलप्रीत सिंह पन्नू ने कहा कि सरकार हमारे आंदोलन को विफल करने की कोशिशें कर रही है लेकिन हम इस आंदोलन को शांतिपूर्वक जीत की तरफ ले जाएगें। दुष्यंत चौटाला के बयान के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि किसानों और सरकार के बीच जल्द एक औऱ दौर की बातचीत हो सकती है।
4- जनसंख्या नियंत्रण पर सुनवाई के दौरान केन्द्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि देश के लोगों को परिवार नियोजन के लिए बाध्य नहीं किया जा सकता। सुप्रीम कोर्ट के नोटिस के जवाब में स्वास्थ्य मंत्रालय ने हलफनामा दायर कर कहा कि देश में परिवार क्लायण कार्यक्रम स्वैच्छिक है, जो लोगों को परिवार नियोजन के तरीकों को अपनाने में सक्षम बनाता है। किसी के पास कितने बच्चे हों, ये पति-पत्नी बिना किसी मजबूरी के खुद तय करें, सरकार देश के लोगों पर जबरन परिवार नियोजन थोपने के विरोध में है।
5- अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में रहने वाली भोपाल से बीजेपी सांसद साध्वी प्रज्ञा जनसंख्या नियंत्रण कानून को लेकर दिए अपने बयान के कारण एक बार फिर खबरों में हैं। भोपाल से सटे सीहोर में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जनसंख्या नियंत्रण कानून के विषय पर साध्वी प्रज्ञा ने कहा कि क्षत्रिय राष्ट्र की रक्षा करते हैं इसलिए उन्हें ज्यादा बच्चे पैदा करने चाहिए, क्षत्रिय कुल खत्म हो जाएगा तो राष्ट्र की रक्षा कौन करेगा और उन लोगों पर जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू होना चाहिए जो राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल रहते हैं।