देशभर में कोरोना संक्रमण के बीच रेमडेसिविर को लेकर मारामारी हो रही है। एक ओर जहां इस इंजेक्शन की किल्लत से लोग दम तोड़ रहे हैं वहीं कई लोग ऐसे भी हैं जो देश पर आई आपदा की घड़ी में इसका कालाबाजारी कर मुनाफा कमा रहे है। पंचकूला से क्राइम ब्रांच ने एक फार्मासिस्ट को गिरफ्तार किया है जो रेमडेसिविर की कालाबाजारी कर रहा था। वो इंजेक्शन की तय कीमत से अधिक पर बेच कर लोगों को लूट रहा था। फार्मासिस्ट एक इंजेक्शन को 13 हजार रुपए की कीमत में बेच रहा था। उसके पास से 18 इंजेक्शन बरामद हुए हैं।
वहीं कर्नाटक पुलिस ने भी मैसूर में एक नर्स को रेमडेसिवीर इंजेक्शन को लेकर धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तार किया है। आरोपी नर्स शीशी में खारा पानी और एंटीबायोटिक्स मिलाकर बेचने का गोरखधंधा कर रहा था।
पुलिस को भनक लगी कि इंजेक्शन को लेकर कालाबाजारी रैकेट का मास्टरमाइंड गिरिश , जो कि पेशे से नर्स है। जेएसएस अस्पताल में बतौर स्टाफ नर्स तैनात गिरिश, रेमेडिसविर की बोतलों को रिसाइकिल करके उसमें एंटीबायोटिक्स और सलाइन भर कर बेचने का काम कर रहा था। 2020 से कालाबाजारी का यह धंधा चला रहा गिरिश अब पुलिस के हत्थे चढ़ चुका है। पुलिस से इस गोरखधंधे से जुड़े गिरिश के साथियों को भी हिरासत कर लिया है।