सुशील कुमार, कुश्ती की दुनिया का एक जाना पहचाना नाम…वो शख्स जिसने बीजिंग और लंदन में तिरंगा लहराया था। वो पहलवान….लंदन ओलंपिक में भारत का ध्वजवाहक……अब सलाखों के पीछे है……आखिर कैसे देश का नाम ऊंचा करने वाला, ओलंपियन एक कातिल बन गया। नजफगढ़ के बापरौला गांव के सुशील कुमार ने दो ओलंपिक पदक और विश्व चैंपियन में स्वर्ण पदक जीतकर देश का नाम रोशन कर दिया लेकिन कहते हैं शोहरत अच्छे अच्छों को अंधा कर देती है। सुशील कुमार के साथ भी यह हुआ……गर्व घमंड में तब्दील हो गया, मदद के लिए बढने वाले हाथ कत्ल करने लगे और युवाओं के रोल मॉडल रहे इस पहलवान को प्रशंसकों से मुंह छुपाना पड़ रहा है।