फिल्म अभिनेता सोनू सूद को बॉम्बे हाईकोर्ट से राहत नहीं मिली है। गुरुवार को फिल्म अवैध निर्माण मामले पर अदालत ने अभिनेता द्वारा दायर याचिका को खारिज कर दिया। इसका अर्थ यह है कि बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) सोनू सूद पर कार्रवाई करेगी। बीएमसी ने पिछले साल अक्टूबर में कथित अवैध निर्माण को लेकर सोनू सूद को नोटिस जारी किया था। सोनू सूद ने बीएमसी के इस नोटिस के खिलाफ हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। 13 जनवरी को हुई सुनवाई के दौरान बीएमसी ने सूद को ‘आदतन अपराधी’ बताते हुए कहा था कि अभिनेता अवैध निर्माण के मामले में लगातार नियम तोड़ते रहे हैं। बीएमसी ने कहा था कि अभिनेता पहले भी दो बार विध्वंस कार्रवाई के बावजूद उपगनरीय जूहू में एक रिहायशी इमारत में अनधिकृत तरीके से निर्माण कार्य करवाते रहे हैं।
सोनू सूद पर माहनगरपालिक ने यह आरोप लगाया है कि उन्होंने उपनगर जुहू स्थित छह मंजिला ‘शक्ति सागर’ रिहायशी इमारत में कथित तौर पर बिना इजाजत अवैध निर्माण करवाया और ढांचागत बदलाव कर इमारत को एक वाणिज्यिक होटल में तब्दील कर दिया।
सोनू सूद ने बीएमसी के नोटिस के खिलाफ बॉम्बे उच्च न्यायालय का रुख किया था। सोनू सूद के वकील डीपी सिंह ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा था कि उन्होंने इमारत में कोई अवैध निर्माण नहीं करवाया है।
बीएमसी के नोटिस को अभिनेता ने दिसंबर 2020 में दिवानी अदालत में चुनौती दी थी, लेकिन अदालत ने उनकी याचिका को खारिज कर दिया था। जिसके बाद सूद ने बंबई उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। बॉम्बे हाईकोर्ट ने बीएमसी को इस मामले में हलफनामा दाखिल करने के लिये कहा था।
बीएमसी ने अपने हलफनामे में कहा, ‘याचिकाकर्ता आदतन अपराधी हैं और अनधिकृत कार्य से पैसा कमाना चाहते हैं। लिहाजा उन्होंने लाइसेंस विभाग की अनुमति के बगैर ध्वस्त किये गए हिस्से का एक बार फिर अवैध रूप से निर्माण कराया ताकि इसे होटल के रूप में इस्तेमाल किया जा सके।’
बता दें कि बीएमसी के आरोपों के अनुसार नगर निकाय ने सितंबर 2018 में अवैध निर्माण के लिये कार्रवाई शुरू की थी, लेकिन सूद ने निर्माण कार्य नहीं रोका।