बिहार चुनाव में खराब प्रदर्शन के बाद कांग्रेस के कई बड़े नेताओं ने पार्टी के नेतृत्व पर सवाल उठाये। एक बड़े तौर पर पार्टी के भीतर संगठनात्मक बदलाव की मांग करने वाले 23 नेताओं का समूह शनिवार को पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात कर सकता है। पार्टी के वफादार और संकटमोचन की भूमिका अदा करने वाले अहमद पटेल के निधन के बाद सोनिया गांधी ने मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और परिवार के वफादार कमलनाथ पर भरोसा जताया है। खबरें हैं कि कमलनाथ ने सोनिया से मुलाकात की और उन्हें पार्टी की बिगड़ती पर्फार्मेंस का हवाला देते हुए नाराज नेताओं से मुलाकात के लिए राजी किया है। शनिवार को होने वाले इस मुलाकात में पार्टी के कुछ ऐसे नेता भी होंगे जिन्होंने 23 नेताओं के लेटर बम पर हस्ताक्षर नहीं किये थे लेकिन पार्टी की बिगड़ती स्थिती से वो चिंतित भी हैं और नाराज़ भी।
खबरें यह भी हैं कि इस मुलाकात में राहुल गांधी को पार्टी के अध्यक्ष पद पर बैठाने की कवायद शुरू हो गई है। कमलनाथ इसमें सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह अध्यक्ष पद के लिए खुलकर राहुल गांधी का समर्थन कर रहे हैं। दिग्विजय सिंह ने यह साफ किया है कि अगर राहुल गांधी के नाम पर विरोध की लहर उठती है तो वो इस पद के लिए अपने नाम की पेशकश करेंगे। अध्यक्ष पद के लिए अगर चुनाव की स्थिति बनती है तो वो चुनाव भी लड़ सकते हैं।
दूसरी तरफ पार्टी से नाराज चल रहे नेताओं के बीच अध्यक्ष पद के लिए लंबे समय तक पार्टी के वफादार रहे कई नेताओं के नाम रह रह कर सामने आ रहे हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री आनंद शर्मा, मुकुल वासनिक से लेकर खुद कमलनाथ का नाम भी सामने आ रहे हैं।
पार्टी के खराब प्रदर्शन को लेकर नेतृत्व पर लगातार सवाल उठ रहे हैं और पार्टी के भीतर घमासान का दौर चल रहा है।
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा की किताब ने पिछले दिनों आग में घी डालने का काम किया है। ओबामा ने राहुल गांधी को लेकर जो राय लिखी है उससे उठते सवालों को बल मिला है।
गौरतलब है कि अगस्त महीने में गुलाम नबी आजाद, आनंद शर्मा और कपिल सिब्बल समेत कांग्रेस के 23 नेताओं ने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर पार्टी के लिए सक्रिय अध्यक्ष होने और व्यापक संगठनात्मक बदलाव करने की मांग की थी। बिहार विधानसभा चुनाव और कुछ प्रदेशों के उप चुनावों में कांग्रेस के खराब प्रदर्शन के बाद भी, आजाद और सिब्बल ने पार्टी के नेतृत्व पर सवाल उठाये थे और पार्टी में बड़े स्तर पर बदलाव की मांग की थी।