मोदी सरकार में जिलों-शहरों के नाम बदलने का सिलसिला जारी है और इस सिलसिले में अब हौशंगाबाद बनेगा नर्मदापुरम। जिला प्रशासन की मानें तो हौशंगाबाद का नाम नर्मदापुरम इसलिए रखा जा रहा है क्योंकि ये शहर नर्मदा नदी के किनारे बसा हुआ है। यहां बने विशाल घाट पर तीज-त्यौहारों और नर्मदा जयंती पर हर साल लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है। मध्यप्रदेश के हौशंगाबाद का नाम बदलकर नर्मदापुरम रखने की मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की घोषणा के बाद कलेक्टर ने इसका प्रस्ताव तैयार कर राजस्व विभाग को भेज दिया है, जिसे राजस्व विभाग, औपचारिकताएं पूरी करने के बाद जल्द ही केन्द्रीय गृह मंत्रालय को भेजेगा। दरअसल जिले के साथ-साथ रेलवे स्टेशन और डाकघर का नाम भी बदलना होगा, जिसकी परमीशन केन्द्र सरकार द्वारा दी जाएगी।
आइये जानते हैं कि इस जिले का नाम आखिर होशंगाबाद क्यों रखा गया था।
होशंगाबाद पहले नर्मदापुरम् ही था
आपको जान कर हैरानी होगी कि होशंगाबाद का नाम पहले भी नर्मदापुरम् ही था। दरअसल नर्मदा नदी के किनारे बसे होने के कारण इसका नाम नर्मदापुरम् कहलाया था लेकिन इस्लामिक शासक होशंग शाह ने इसका नाम बदल कर होशंगाबाद कर दिया था।
कौन था होशंग शाह
मांडू का पहला इस्लामिक शासक था होशंग शाह। 1404-1435 तक शासन करने वाले होशंग शाह ने नर्मदापुरम् का नाम बदलकर होशंगाबाद कर दिया था। 1405 ई. में ही उसने इस शहर का नाम बदल कर अपने नाम पर रख दिया था। इतिहास के अनुसार मालवा का राजा घोषित होने से पहले होशंगशाह को अल्प खां नाम से जाना जाता था। उसके पिता दिलावर खां का दिल्ली के सुल्तान फिरोज शाह तुगलक के दरबार से संबंध रहा था। दिलावर खां को तुगलकों ने मालवा का राज्यपाल नियुक्त किया था। मालवा का राजा बनने के बाद होशंग शाह ने 1405 ईस्वी में अपने नाम पर नर्मदापुरम का नाम होशंगाबाद रखा था।
नाम बदलने तो लेकर क्या है राज्य सरकार के तर्क
जिला प्रशासन ने तर्क दिया है कि चुंकि यह शहर नर्मदा नदी के किनारे बसा है और यहां हर वर्ष लाखों श्रद्धालु पूजा-अर्चना करने आते हैं। शहर में कई प्राचीन धार्मिक मंदिर/घाट जो धार्मिक मान्यता रखते हैं। पुरातत्व एवं संग्रहालय विभाग होशंगाबाद द्वारा एक ताम्रपत्र को आधार माना गया है जिसमें नर्मदापुरम की पहचान वर्तमान होशंगाबाद नगर की है। परमान राजा उदय वर्मा के ताम्रपत्र से यह प्रमाणित होता है कि परमार काल तक होशंगाबाद का नाम नर्मदापुरम ही था।