कोरोना महामारी के चलते ऑक्सीमीटर और ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की बढ़ती मांग ने इसकी कालाबाजारी को भी तेज कर दिया है। ऐसे में इस धांधली और कालाबाजारी पर रोक लगाने के लिए सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। जरूरतमंदों को इसकी मुंहमांगी कीमत न देनी पड़े इसके लिए इसकी कीमत पर लगाम लगाने के लिए केंद्र सरकार ने नोटिस जारी किया है। इस नोटिस के अनुसार ऑक्सीमीटर और ऑक्सीजन कंसंट्रेटर के दाम एक साल में 10 फीसदी से ज्यादा नहीं बढ़ाई जा सकती है। सरकार ने कंपनियों से कहा है कि वो MRP (Maximum retail price) की डिटेल सरकार के साथ सात दिनों के अंदर (22 मई तक) साझा करें।
केमिकल्स एंड फर्टिलाइजर मंत्रालय और डिपार्टमेंट ऑफ फार्मास्युटिकल्स और नेशनल फार्मास्युटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी (NPPI) की तरफ से यह नोटिफिकेशन जारी हुआ है जिसमें कहा गया है नया नोटिफिकेशन 31 मार्च 2020 को जारी नोटिफिकेशन के संदर्भ में है। इस नोटिफिकेश के आधार पर मेडिकल डिवाइस के लिए मैक्सिमम रिटेल प्राइस एक साल में 10 फीसदी से ज्यादा नहीं बढ़ाई जा सकती है।
आसमान छू रहे हैं दाम
देश में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के कारण बीते एक महीने से ऑक्सीजन फ्लो मीटर और पल्स ऑक्सीमीटर (Oximeters) की मांग बहुत बढ़ी है। इन उपकरणों की किल्लत के कारण इनकी कालाबाजारी धड़ल्ले से हो रही है। ऑक्सीमीटर (Pulse Oximeters) और ऑक्सीजन कंसंट्रेटर (Oxygen concentrators) को ई-कॉमर्स कंपनियां भी महंगे दामों पर बेच रही हैं।
मास्क और हैंड सैनिटाइजर को लेकर भी यही हुआ था
बता दें कि साल 2020 की शुरुआत में जब कोरोना संक्रमण ने पहली बार भारत में दस्तक दिया था उस समय भी मास्क और हैंड सैनिटाइजर की कीमतों में ऐसा ही उछाल देखने को मिला था। तब भी कंज्यूमर अफेयर्स मंत्रालय ने बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने के लिए 21 मार्च 2020 को एक नोटिफिकेशन जारी किया था। तब भी सैनिटाइजर और मास्क की खुदरा कीमतों को तय कर दिया गया था जिससे कीमतों को कंट्रोल किया गया था।